“हर-हर महादेव” और “बम-बम भोले” की जयकारों के साथ अमरनाथ यात्रा 2025 का पहला जत्था बुधवार सुबह 5 बजे जम्मू के भगवती नगर से रवाना हो गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर इस पवित्र यात्रा की औपचारिक शुरुआत की। इस बार की यात्रा न सिर्फ भक्ति भाव से परिपूर्ण है, बल्कि सुरक्षा और प्रबंधन की दृष्टि से भी विशेष है। 3 जुलाई से शुरू हो रही यात्रा में पहले ही दिन 3500 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए हैं जो बालटाल मार्ग से बाबा बर्फानी के दर्शन को रवाना हुए हैं।
3 जुलाई से होंगे बाबा बर्फानी के दर्शन
यात्रा का पहला जत्था बुधवार की सुबह रवाना हुआ और यह जत्था 3 जुलाई की शाम तक बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा में 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन करेगा। इस बीच बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रीनगर के ट्रांजिट कैंप पहुंच चुके हैं और सभी की एक ही अभिलाषा है — पहले दर्शन करने का सौभाग्य मिल जाए। इस बार कुल श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा देखा गया है। अब तक 3.3 लाख से अधिक लोगों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि 4000 से ज्यादा लोग काउंटर से टोकन ले चुके हैं।
सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व, ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद और सख्ती
हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और सेना के विशेष दस्तों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार सुरक्षा बलों की तैनाती में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है—जहां 2024 में 514 कंपनियां तैनात थीं, वहीं 2025 में यह संख्या बढ़कर 581 हो गई है। इसमें अकेले सीआरपीएफ की 221 कंपनियां शामिल हैं।
यात्रा मार्ग पर ड्रोन निगरानी, हाई-टेक CCTV कैमरे, फेस रिकॉग्निशन सिस्टम, बम स्क्वॉड, स्नाइपर डॉग्स, और मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। श्रद्धालुओं को ट्रांजिट कैंप से आगे बढ़ने से पहले कई सुरक्षा जांच प्रक्रियाओं से गुजरना होगा।
पंजीकरण और प्रतिदिन की अनुमति सीमा
इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए दैनिक 15,000 श्रद्धालुओं को दोनों मार्गों—पहलगाम और बालटाल—से यात्रा की अनुमति दी गई है। अब तक सवा तीन लाख से अधिक तीर्थयात्री पंजीकरण करवा चुके हैं, और ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। जम्मू में मौजूद श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। हर कोई बस बाबा बर्फानी के दर्शन की अभिलाषा लिए हुए है।
श्रद्धा, आस्था और संकल्प का पर्व
अमरनाथ यात्रा केवल एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि श्रद्धा और आस्था की चरम अभिव्यक्ति है। ये वो पल होते हैं जब हज़ारों भक्त पर्वतीय कठिनाइयों, मौसम की विपरीतताओं और लंबी दूरी की यात्रा के बावजूद बाबा के दरबार में हाज़िरी लगाने निकलते हैं। बर्फ से आच्छादित गुफा में भगवान शिव के स्वरूप — बाबा बर्फानी — के दर्शन हर श्रद्धालु के लिए जीवन का सबसे बड़ा क्षण होता है।
2025 की अमरनाथ यात्रा न केवल भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक उत्सव है, बल्कि प्रशासन और सुरक्षा बलों के लिए भी एक बड़ी ज़िम्मेदारी है। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के इस पर्व में सुरक्षा, सुविधा और सुचारु व्यवस्था का समन्वय देखा जा रहा है। बाबा बर्फानी के दरबार में हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रद्धा की लहर उमड़ी है, और यह जत्था उसी भक्ति भाव की पहली कड़ी है।
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