मासिक धर्म यानी पीरियड्स महिलाओं के जीवन का सामान्य जैविक हिस्सा है, लेकिन इससे जुड़ा दर्द कई बार सामान्य से हटकर गंभीर रूप ले सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि हर महिला को कुछ हद तक ऐंठन या पीड़ा का अनुभव होता है, लेकिन जब यह दर्द असहनीय हो जाए, दिनचर्या प्रभावित करने लगे या नियमित दवाइयों से भी राहत न मिले—तो यह महज सामान्य पीरियड पेन नहीं, किसी बड़ी समस्या का संकेत हो सकता है।
कब समझें कि दर्द सामान्य है?
पीरियड के पहले या शुरू होने के पहले दो दिनों में हल्का से मध्यम पेट के निचले हिस्से में दर्द या ऐंठन सामान्य मानी जाती है। यह शरीर में हार्मोनल बदलाव और यूट्रस की मांसपेशियों के संकुचन के कारण होता है।
यह दर्द आमतौर पर:
हल्का या मध्यम होता है
पेनकिलर लेने से ठीक हो जाता है
2–3 दिन में अपने आप कम हो जाता है
रूटीन जीवन को अधिक बाधित नहीं करता
लेकिन कब सतर्क होना ज़रूरी है?
अगर पीरियड दर्द के साथ नीचे दिए गए लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए:
1. अत्यधिक या असहनीय दर्द:
अगर दर्द इतना तेज़ हो कि चलना-फिरना, उठना-बैठना या काम करना मुश्किल हो जाए, तो यह सामान्य नहीं माना जाता।
2. दर्द पेल्विक क्षेत्र में लगातार बना रहे:
पीरियड खत्म होने के बाद भी पेल्विक या निचले पेट में दर्द बना रहे, तो यह एंडोमेट्रियोसिस या फाइब्रॉइड्स जैसी बीमारी का संकेत हो सकता है।
3. अत्यधिक ब्लीडिंग (Menorrhagia):
अगर पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक खून निकलता है, हर 1-2 घंटे में पैड बदलना पड़े या ब्लड क्लॉट्स (थक्के) दिखाई दें, तो यह एनीमिया और अन्य जटिलताओं की वजह बन सकता है।
4. पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग:
अगर दो पीरियड्स के बीच में अचानक ब्लीडिंग होती है, तो यह हार्मोनल गड़बड़ी या यूट्राइन पॉलिप्स का लक्षण हो सकता है।
5. प्रजनन संबंधी समस्याएं:
अगर आप गर्भधारण की कोशिश कर रही हैं लेकिन पीरियड्स में अत्यधिक दर्द है, तो यह एंडोमेट्रियोसिस या पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसी समस्याओं का संकेत हो सकता है।
ये स्थितियां हो सकती हैं जिम्मेदार:
एंडोमेट्रियोसिस: जब यूट्रस की अंदरूनी परत शरीर के अन्य हिस्सों में विकसित हो जाए
फाइब्रॉइड्स: यूट्रस में होने वाले नॉन-कैंसरस ट्यूमर
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिज़ीज़ (PID): यौन संक्रमण से होने वाली यूट्रस की सूजन
एडिनोमायोसिस: जब यूट्रस की लाइनिंग मसल लेयर में घुस जाती है
विशेषज्ञों की राय
स्त्री रोग विशेषज्ञ कहती हैं,
“कई महिलाएं सालों तक पीरियड पेन को सामान्य मानकर नजरअंदाज़ करती हैं, लेकिन यही आदत बाद में गंभीर जटिलताओं को जन्म देती है। अगर दर्द आपकी दिनचर्या बिगाड़ रहा है या हर महीने दवा लेने की ज़रूरत पड़ रही है, तो देरी न करें—डॉक्टर से मिलें।”
कैसे रखें ध्यान?
अपने मासिक धर्म चक्र का ट्रैक रखें
दर्द की तीव्रता, समय और अन्य लक्षणों को नोट करें
यदि कोई बदलाव दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
सेल्फ-मेडिकेशन से बचें, खासकर लंबे समय तक पेनकिलर्स का सेवन हानिकारक हो सकता है
यह भी पढ़ें:
यूरिक एसिड कंट्रोल करें इन 5 आसान तरीकों से, किडनी भी रहेगी स्वस्थ और मजबूत
You may also like
प्रदेश स्तरीय सीनियर पुरुष हॉकी प्रतियोगिता में झांसी ने मेरठ को 3-0 से हराया
जनजातीय विकास की योजनाओं का लाभ उठाए राज्य, केंद्र देगा पूरा सहयोगः केन्द्रीय सचिव नायर
मध्य प्रदेश में निरंतर हो रहे हैं गो-संरक्षण एवं गो-संवर्धन के कार्य : राज्यमंत्री पटेल
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के नियमित प्राचार्य बने डॉ. आशुतोष सयाना
अलग रह रही जेठानी साझे परिवार का हिस्सा नहीं : उच्च न्यायालय