बच्चों में डायरिया (Diarrhea) एक आम लेकिन गंभीर समस्या है, खासकर मानसून और गर्मियों के मौसम में। इसकी अनदेखी कई बार डिहाइड्रेशन जैसी जानलेवा स्थिति तक पहुंचा सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, 5 साल से कम उम्र के बच्चों में डायरिया एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता है और समय रहते इसकी सही देखभाल जरूरी होती है।
बच्चों में डायरिया होने के मुख्य कारण
वायरल संक्रमण: रोटावायरस सबसे सामान्य कारण है।
बैक्टीरियल संक्रमण: दूषित पानी या भोजन से बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
पैरासाइट्स: जैसे जियार्डिया (Giardia) और अमीबा।
खराब हाइजीन: गंदे हाथों से खाना खाना या खिलाना।
बासी या खुले में रखा खाना: जिससे पेट की गड़बड़ी हो सकती है।
एंटीबायोटिक रिएक्शन: कुछ दवाइयों का दुष्प्रभाव।
डायरिया होने के बाद क्या करें?
ओआरएस (ORS) दें: शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी न हो इसके लिए ओआरएस घोल बहुत जरूरी है।
तरल पदार्थ बढ़ाएं: नारियल पानी, नींबू पानी, पतला दाल का पानी या छाछ जैसे पेय दें।
हल्का खाना दें: खिचड़ी, उबले आलू, केला और दही जैसे आसानी से पचने वाले आहार दें।
डॉक्टर से संपर्क करें: अगर दस्त बार-बार हों, बच्चा सुस्त हो जाए या बुखार हो, तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं।
दवाएं बिना सलाह के न दें: ऐंटीबायोटिक्स या एंटी-डायरियल दवाएं डॉक्टर की सलाह के बिना न दें।
कैसे करें बचाव?
बच्चों को खाना खाने से पहले और टॉयलेट के बाद हाथ धोना सिखाएं।
पीने का पानी उबालकर या फिल्टर किया हुआ दें।
खुले में बिकने वाला या बासी खाना न खिलाएं।
शिशुओं को 6 महीने तक सिर्फ माँ का दूध दें – यह इम्यूनिटी मजबूत करता है।
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