जिस उपलब्धि को भारत ने तीन दशक से भी पहले हासिल किया था, अब वही मुकाम ऑस्ट्रेलिया ने छू लिया है। यह उपलब्धि वैश्विक मंच पर भारत की ऐतिहासिक बढ़त और रणनीतिक कौशल का प्रमाण है, जिसे अब विकसित राष्ट्र भी दोहराने में लगे हैं।
1987 में भारत ने जिस क्षेत्र में नेतृत्व दिखाया था, आज ऑस्ट्रेलिया उसी दिशा में बड़ा कदम बढ़ा चुका है। खास बात यह है कि इस दौरान अमेरिका और जापान जैसे तकनीकी और आर्थिक महाशक्तियाँ अब भी उस स्तर तक नहीं पहुंच पाई हैं, जहां भारत वर्षों पहले पहुंच चुका था।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाक्रम न केवल भारत की दूरदर्शिता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वैश्विक दक्षिण की भूमिका अब सिर्फ अनुयायी की नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता की बनती जा रही है।
अब जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत की ऐतिहासिक पहल को दोहराया है, तो यह सवाल उठता है—क्या अमेरिका और जापान इस दिशा में कोई निर्णायक कदम उठाएंगे, या फिर भारत की यह बढ़त कायम रहेगी?
यह भी पढ़ें:
Grok AI का ‘Unhinged Mode’: क्या है यह विवादास्पद फीचर जिसने मचाया हंगामा
You may also like
Chor bazzar: इस शहर में हैं देश काˈ सबसे बडा चोर बाजार यहां कौडी के भाव बिकता हैं ब्रांडेड सामान
रोजाना करें शादीशुदा महिलाएं ये काम पति कीˈ बदल जाएगी किस्मत घरेलू दुःख होंगे दूर
जहां घोड़े पी रहे हैं वहीं पिएं क्योंकिˈ वे कभी भी… ऐसी 12 बातें जो सभी को पता होनी चाहिए।
देसी जुगाड़ पानी की टंकी साफ करने काˈ ये है सबसे आसान तरीका बिना पानी निकाले ही हो जाती है क्लीन
मंच तैयार था माइक ऑन था… लेकिन इसˈ हिंदू सिंगर ने मुस्लिम कलाकार के साथ गाने से कर दिया इनकार