1. एयरबैग्स (Airbags)
कारों के जरूरी सेफ्टी फीचर में एयरबैग की भूमिका सबसे अहम है। आप जैसे ही किसी कार के अंदर बैठते हैं तो आपको सबसे पहले स्टीयरिंग या पैसेंजर साइज एयरबैग्स लिखे दिखते हैं। ये दुर्घटना की स्थिति में अचानक फूलकर यात्रियों और गाड़ी के आंतरिक हिस्सों के बीच एक कुशन बनाते हैं, जिससे सिर और छाती पर लगने वाली गंभीर चोटों का खतरा काफी कम हो जाता है। आजकल ज्यादातर कारों में 6 एयरबैग्स स्टैंडर्ड कर दिए गए हैं, जिनमें फ्रंट एयरबैग्स (ड्राइवर और पैसेंजर के लिए), साइड एयरबैग्स (आगे बैठे यात्रियों के सिर की सुरक्षा के लिए) और कर्टन एयरबैग्स (आगे और पीछे बैठे यात्रियों के सिर की सुरक्षा के लिए) शामिल हैं। हालांकि, यहां एक बात जरूर ध्यान रखें कि आपने अगर सीटबेल्ट लगाया है, तभी एयरबैग्स खुलेंगे। साथ ही एयरबैग्स केवल एक बार इस्तेमाल होते हैं और एक्सिडेंट के बाद इन्हें बदलना पड़ता है।
2. एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS)
कारों में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) एक ऐसा फीचर है, जो अचानक ब्रेक लगाने पर पहियों को लॉक होने से रोकता है। जब पहिए लॉक हो जाते हैं तो ड्राइवर का गाड़ी पर से कंट्रोल हट जाता है, जिससे स्किडिंग और दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। एबीएस पहियों को तेजी से पकड़ने और छोड़ने (पंपिंग) का काम करता है, जिससे ड्राइवर स्टीयरिंग पर कंट्रोल बनाए रख सकता है और जरूरत पड़ने पर वाहन को मोड़ सकता है। खासकर गीली या फिसलन भरी सड़कों पर एबीएस जीवन रक्षक साबित होता है।
3. रियर पार्किंग सेंसर और कैमरा

आजकल कारों में रियर पार्किंग कैमरा और सेंसर काफी जरूरी हो गए हैं। हालांकि, ये सीधे तौर पर दुर्घटना स बचाव नहीं करते, लेकिन रियर पार्किंग सेंसर और कैमरा पार्किंग के दौरान होने वाली छोटी-मोटी टक्करों से बचाने में मदद करते हैं। खासकर तंग जगहों में पार्किंग कैमरे और सेंसर का बड़ा रोल होता है। सेंसर पीछे की वस्तुओं की दूरी के बारे में ड्राइवर को ऑडियो या विजुअल अलर्ट भेजते हैं, जबकि कैमरा पीछे का स्पष्ट सीन दिखाता है। आजकल काफी सारी गाड़ियों में 360 डिग्री कैमरा आ गया है, जिससे ड्राइविंग के वक्त काफी आसानी होती है।
4. इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल (ESC)

इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल एक एक्टिव सेफ्टी सिस्टम है, जो गाड़ी को स्किड होने या कंट्रोल खोने से बचाने में मदद करता है। यह सेंसर के माध्यम से लगातार वाहन की स्पीड और डायरेक्शन की निगरानी करता है। अगर यह पता चलता है कि वाहन सही रास्ते से भटक रहा है, जैसे कि मोड़ पर बहुत तेजी से मुड़ने पर, तो ईएससी स्वचालित रूप से अलग-अलग पहियों पर ब्रेक लगाकर वाहन को स्थिर करने में मदद करता है। ईएससी खासकर खराब मौसम परिस्थिति में या अचानक मोड़ पर वाहन को नियंत्रित रखने में बहुत कारगर है।
5. सीट बेल्ट रिमाइंडर

सीट बेल्ट सबसे बुनियादी, लेकिन सबसे जरूरी सेफ्टी फीचर है। हादसों की स्थिति में यह यात्रियों को अपनी सीट पर बनाए रखता है, जिससे एयरबैग्स प्रभावी ढंग से काम कर पाते हैं और गंभीर चोटों का खतरा कम हो जाता है। सीट बेल्ट रिमाइंडर एक आसान और प्रभावी फीचर है, जो ड्राइवर और आगे बैठे यात्री को सीट बेल्ट न पहनने पर ऑडियो या विजुअल अलर्ट भेजता है। यह सुनिश्चित करता है कि वाहन चलाने से पहले सभी आगे और पीछे बैठे लोग सीट बेल्ट पहन लें। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि ये 5 सेफ्टी फीचर्स आधुनिक कारों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी हैं।
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