नई दिल्ली: सरकारी कंपनी हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) के लिए अच्छी खबर है। 40 साल के बाद यह कंपनी फायदे में आ गई है। कभी यह शिपयार्ड बंद होने की कगार पर था, लेकिन अब इसकी आर्थिक स्थिति सुधर गई है। यह कंपनी भारतीय नौसेना के लिए जहाज बनाती है। साथ ही पनडुब्बियों की मरम्मत का काम भी करती है। साल 2010 में रक्षा मंत्रालय ने इसे अपने हाथ में ले लिया था। उस समय इस कंपनी की हालत बहुत खराब थी।अधिकारियों का कहना है कि 2024-25 में HSL ने 1,586 करोड़ रुपये की कमाई की है। उसे 295 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। यह पिछले साल से 36% ज्यादा है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि 40 सालों में पहली बार कंपनी फायदे में आई है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अब इस कंपनी को मिनीरत्न का दर्जा मिल सकता है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी है। आजादी से पहले की है कंपनीहिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड की स्थापना आजादी से पहले साल 1941 में हुई थी। कंपनी का हेडक्वार्टर विशाखापत्तनम में है। पनडुब्बियों की मरम्मत में इसे महारत हासिल है। यह शिप बिल्डिंग सेंटर के पास है। यहां भारत की परमाणु पनडुब्बियां बनती हैं। पूर्वी नौसेना का मुख्यालय भी यहीं है। सरकार ने की थी मददफरवरी 2010 में रक्षा मंत्रालय ने इस कंपनी को अपने नियंत्रण में ले लिया। साल 2010-11 में इसे 452.68 करोड़ रुपये की मदद दी गई थी। इससे इसे आधुनिक बनाने में मदद मिली। लेकिन फिर भी इसकी हालत खराब रही। 2014-15 तक इस कंपनी का नुकसान 1,023 करोड़ तक पहुंच गया था क्योंकि इसे ज्यादा काम नहीं मिल रहा था और कई दिक्कतें आ रही थीं। कैसे आई कंपनी फायदे में?कोविड-19 महामारी के कारण कंपनी को बहुत नुकसान हुआ था। लेकिन पिछले चार सालों में चीजें बदलने लगीं। नौसेना से मिले बड़े ऑर्डर और अन्य प्रोजेक्ट्स के कारण मुनाफा बढ़ा। 2023-24 में HSL ने 1,413 करोड़ रुपये का कारोबार किया। 2020-21 में यह 478 करोड़ रुपये था। इस तरह कारोबार लगभग तीन गुना बढ़ गया।अधिकारियों के अनुसार कंपनी ने लागत कम करने, प्रोडक्शन बढ़ाने और नए आइडिया को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया। पुराने मसलों को भी सुलझाया गया। साथ ही 1,253 करोड़ रुपये की देनदारियों को कम किया गया।
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