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क्या हार्वर्ड में पढ़ेंगे विदेशी स्टूडेंट्स या होंगे बैन? यूनिवर्सिटी की किस्मत का फैसला आज

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Study Abroad News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आदेश जारी कर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों की एंट्री बैन कर दी। उन्हें हार्वर्ड में पढ़ने के लिए स्टूडेंट वीजा जारी करने से रोक दिया गया। हालांकि, अब सोमवार को एक फेडरल जज ये तय करेंगे कि क्या राष्ट्रपति ट्रंप का फैसला बरकरार रहेगा या इस पर रोक लगाई जाएगी। हार्वर्ड और ट्रंप सरकार के बीच चल रहे मामले की सुनवाई बोस्टन में होने वाली है। यहां यूएस डिस्ट्रिक्ट जज एलिसन बरोज इस मामले की सुनवाई करने वाली हैं।





सरकार हार्वर्ड में विदेशी छात्रों का एडमिशन बंद करना चाहती है, जिसे लेकर राष्ट्रपति की तरफ से आदेश दिया गया। फिलहाल इस आदेश पर अंतरिम रोक लगी है और अब मामले पर सुनवाई होगी। हार्वर्ड ने ट्रंप के फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। एक तरह से आज कोर्ट का फैसला तय करेगा कि भविष्य में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्र पढ़ने आएंगे या नहीं। सैकड़ों छात्र फॉल इनटेक में एडमिशन पा चुके हैं और उन्हें वीजा पाने का इंतजार है, जो कोर्ट के फैसले के बाद ही मिल पाएगा।



हार्वर्ड में कितने विदेशी छात्र?

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान हैं, जहां लगभग 6800 विदेशी छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले कुल छात्रों में विदेशी छात्रों की हिस्सेदारी 27% है। चीन और भारत से सबसे ज्यादा छात्र यहां पढ़ाई करने आते हैं। भारत के करीब 800 छात्र हार्वर्ड में डिग्री हासिल कर रहे हैं। फेडरल जज ने 6 जून को ट्रंप के आदेश पर अस्थायी रोक लगाई थी। इससे यहां पढ़ने वाले हजारों छात्रों को राहत मिली। साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर अगली सुनवाई 16 जून को की जाएगी।





हार्वर्ड पर एक्शन क्यों ले रही है सरकार?

दरअसल, हार्वर्ड और ट्रंप सरकार के बीच तनातनी कई महीनों से चल रही है। पिछले साल हार्वर्ड कैंपस में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों के बाद टकराव और भी ज्यादा बढ़ गया। ट्रंप सरकार का कहना है कि कैंपस में यहूदी विरोधी भावनाएं बढ़ीं, जिन्हें रोकने में हार्वर्ड विफल रहा है। सरकार ने हार्वर्ड से प्रदर्शनकारी छात्रों के नाम मांगे, जिसे उसने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद सरकार ने हार्वर्ड पर लगातार एक्शन लिया, जिसमें अरबों डॉलर की फंडिंग रोकना भी शामिल है।

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