नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे अब आपको सुप्रीम कोर्ट के कॉरिडोर में नजर नहीं आएंगे। दरअसल, दुष्यंत दवे ने 48 साल की वकालत प्रैक्टिस के बाद अब इस पेशे को अलविदा कह दिया है। हाल ही में उन्होंने 70वां जन्मदिन मनाया।
वकालत पेशा छोड़ने का फैसला किया
हाल ही में उन्होंने 70वां जन्मदिन मनाया और उन्होंने अपने एक संदेश में कहा कि अब उन्होंने अब वकालत पेशा छोड़ने का फैसला किया है। इस मौके पर एडवोकेट दवे ने कहा कि जब भी वह जरूरतमंद लोग है उन्हें न्याय दिलाने के लिए उनके लिए बिना फीस पेश हुए तो ज्यादा संतुष्टि हुई।
समाज के लिए करते रहेंगे काम
भविष्य की योजनाओं पर दवे ने बताया कि वह समाज के लिए काम करने और अपने शौक पूरे करने की योजना बना रहे हैं। यह भी कहा कि आने वाले समय में अपने छोटे से तरीके से समाज के लिए कार्य करना चाहता हूं और अपने पढ़ने, मेल-जोल, यात्रा, गोल्फ खेलने और सबसे महत्वपूर्ण अपनी पत्नी व परिवार के साथ समय बिताने जैसे शौकों का आनंद लेना चाहता हूं, जिन्होंने मेरे सफर में चट्टान की तरह साथ दिया है। उन्होंने गुजरात के बड़ौदा के पास एक तालुका को गोद लेने की योजना का उल्लेख किया और कहा कि कृषि, आवास आदि के माध्यम से योगदान देना चाहता हूं। वह दिल्ली में ही रहेंगे लेकिन दिल्ली और बड़ौदा के बीच आते-जाते रहेंगे।
वकालत पेशा छोड़ने का फैसला किया
हाल ही में उन्होंने 70वां जन्मदिन मनाया और उन्होंने अपने एक संदेश में कहा कि अब उन्होंने अब वकालत पेशा छोड़ने का फैसला किया है। इस मौके पर एडवोकेट दवे ने कहा कि जब भी वह जरूरतमंद लोग है उन्हें न्याय दिलाने के लिए उनके लिए बिना फीस पेश हुए तो ज्यादा संतुष्टि हुई।
समाज के लिए करते रहेंगे काम
भविष्य की योजनाओं पर दवे ने बताया कि वह समाज के लिए काम करने और अपने शौक पूरे करने की योजना बना रहे हैं। यह भी कहा कि आने वाले समय में अपने छोटे से तरीके से समाज के लिए कार्य करना चाहता हूं और अपने पढ़ने, मेल-जोल, यात्रा, गोल्फ खेलने और सबसे महत्वपूर्ण अपनी पत्नी व परिवार के साथ समय बिताने जैसे शौकों का आनंद लेना चाहता हूं, जिन्होंने मेरे सफर में चट्टान की तरह साथ दिया है। उन्होंने गुजरात के बड़ौदा के पास एक तालुका को गोद लेने की योजना का उल्लेख किया और कहा कि कृषि, आवास आदि के माध्यम से योगदान देना चाहता हूं। वह दिल्ली में ही रहेंगे लेकिन दिल्ली और बड़ौदा के बीच आते-जाते रहेंगे।
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