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दिल्ली में बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए एलजी का बड़ा फैसला, लाइसेंसिंग प्रक्रिया में बदलाव के दिए आदेश

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नई दिल्ली: मई, 2022 में दिल्ली के उप-राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने के बाद से ही LG वी.के. सक्सेना लाइसेंसिंग सिस्टम को सरल बनाने और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए लगातार कई कदम उठाते आ रहे हैं। अक्टूबर 2022 से अब तक वह 1000 से अधिक व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को 24 घंटे व्यवसाय चलाने की अनुमति दे चुके हैं। दिल्ली की नाइट लाइफ को रिवाइव करके नाइट इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कई प्रतिष्ठानों की टाइमिंग को बढ़ाने की भी छूट दी। लाइसेंसिंग सिस्टम में सुधार लाने के लिए यूनिफाइड लाइसेंसिंग पोर्टल भी उन्हीं के निर्देशन में शुरू किया गया।



कहां से शुरू हुआ था बदलाव

जहां तक LG के नए आदेश का सवाल है, तो इस बदलाव की प्रक्रिया भी उन्हीं के कार्यकाल में शुरू हुई थी, जब 2024 में उन्होंने पूरे लाइसेंसिंग सिस्टम को रिव्यू करने और उसमें दिल्ली पुलिस की लाइसेंसिंग यूनिट भूमिका, जरूरत, प्रासंगिकता आदि का मूल्यांकन करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की थी। दिल्ली सरकार के गृह विभाग के पूर्व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में गठित इस समिति में गृह विभाग, कानून विभाग और आईटी विभाग के अलावा दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।



समिति की ये थी सिफारिशें



समिति ने सिफारिश की थी कि सात तरह के कारोबार के लिए दिल्ली पुलिस से लाइसेंस/NOC लेने की अनिवार्यता को खत्म किया जाना चाहिए। दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने भी समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए यही राय दी थी कि पुलिस बल में स्टाफ की कमी और कानून व्यवस्था बनाए रखने की प्राथमिक जिम्मेदारी को देखते हुए व्यापारिक लाइसेंस देने की जिम्मेदारी उससे हटाई जानी चाहिए।





व्यापारियों के लिए पैदा हो रहा था भ्रम



दूसरी ओर, दिल्ली नगर निगम, NDMC और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड ने इन व्यवसायों को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही अपने नियम बनाए हुए हैं। ऐसे में पुलिस और इन निकायों के बीच नियमों का दोहराव व्यापारियों के लिए भी भ्रम और परेशानी पैदा कर रहा था। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा जैसे राज्यों में स्थानीय पुलिस से ऐसे व्यापारों के लिए लाइसेंस लेने की अनिवार्यता को पहले ही खत्म किया जा चुका है।



एलजी का आदेश



2003 में दिल्ली हाई कोर्ट ने और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि पुलिस का काम कानून-व्यवस्था बनाए रखना है और इसलिए लाइसेंसिंग का बोझ उस पर नहीं होना चाहिए। इन्हीं सब पहलुओं को देखते हुए अब LG ने यह निर्णय लिया कि दिल्ली पुलिस को इन सात व्यापारों के लिए लाइसेंस या एनओसी देने की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाना चाहिए। कानून विभाग से राय लेने के बाद उन्होंने दिल्ली पुलिस को दिल्ली पुलिस एक्ट की धारा 28 (1) के तहत इस संबंध में जारी सभी पुराने नियमों को रद्द करने का आदेश दिया।
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