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Success Story: पापा को नहीं पता था बेटा ऐसा काम करेगा... सिर्फ 50,000 रुपये से बना डाला 340 करोड़ का साम्राज्य, कैसे?

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नई दिल्ली: राजस्थान के एक छोटे से शहर सरदारशहर से ताल्लुक रखने वाले रघुनंदन सराफ ने अपने पारिवारिक फर्नीचर व्यवसाय को सफल ऑनलाइन मार्केटप्लेस इनसराफ (InSaraf) में बदल दिया है। इस बिजनेस का टर्नओवर अब 340 करोड़ रुपये है। रघुनंदन ने डिजिटल कॉमर्स की ताकत का इस्तेमाल करके सराफ फर्नीचर को आगे बढ़ाया। यह ब्रांड 40 साल पहले एक छोटी सी वर्कशॉप और शो रूम के तौर पर शुरू हुआ था। रघुनंदन ने 2014 में सिर्फ 50,000 रुपये से इनसराफ की शुरुआत की थी। आइए, यहां रघुनंदन सराफ की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।
सिर्फ 50,000 रुपये से की शुरुआत image

रघुनंदन सराफ के पिता और चाचा ने मिलकर सराफ फर्नीचर की शुरुआत की थी। पहले वे भारत के अलग-अलग हिस्सों में फर्नीचर बेचते थे। 1998 तक उन्होंने एक्सपोर्ट करना भी शुरू कर दिया था। वे सरदारशहर की एक छोटी सी दुकान से अपना कारोबार चलाते थे। वह दुकान आज भी चल रही है। 2014 में रघुनंदन ने ऑनलाइन बिक्री शुरू करके बिजनेस को पूरी तरह से बदल दिया। उन्होंने सिर्फ 50,000 रुपये लगाकर वेबसाइट बनाई और ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया। शुरुआत में उन्हें कई दिक्कतें आईं। उनके पास अच्छा सामान था और वह सस्ता भी था। वेबसाइट बनने के बाद रघुनंदन ने अपनी सारी चीजें उस पर डाल दीं। वह फर्नीचर के लिए एक ऐसी वेबसाइट बनाना चाहते थे जहां सब कुछ मिल जाए।


पिता को नहीं था बहुत यकीन image

रघुनंदन के पिता को ऑनलाइन बिजनेस के बारे में थोड़ा शक था। लेकिन, रघुनंदन ने उन्हें बिजनेस के बारे में समझाया और बताया कि इससे कितना फायदा हो सकता है। उन्होंने यह बिजनेस सही समय और सही जगह पर शुरू किया। उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इनसराफ शीशम की लकड़ी के फर्नीचर बनाती है। उनके पास घर को सजाने और फर्नीचर का बहुत सारा सामान है। 2017 में इनसराफ ने लैंप और झूमर भी बेचना शुरू कर दिया। उसके मुख्य प्रोडक्ट फर्नीचर, लाइटिंग, रग और कालीन हैं। कंपनी लकड़ी के बेड, साइड टेबल, बार कैबिनेट, साइडबोर्ड, किचन कैबिनेट, सोफा सेट, कॉफी टेबल, डेस्क, बुकशेल्फ, बॉक्स, कंसोल, टेबल, ड्रेसर, गार्डन फर्नीचर, होम टेम्पल, मिरर, टीवी यूनिट और वार्डरोब भी बेचती है। इनसराफ ने बेंगलुरु, हैदराबाद, सूरत और दिल्ली में एक्सपीरियंस सेंटर भी खोले हैं। यहां ग्राहक फर्नीचर को देख और महसूस कर सकते हैं।


शुरुआत नहीं थी आसान image

रघुनंदन सराफ का सफर आसान नहीं था। सरदारशहर एक छोटा शहर होने के कारण वहां लॉजिस्टिक्स की अच्छी सुविधा नहीं थी। उन्होंने लॉजिस्टिक्स कंपनियों को वहां से काम शुरू करने के लिए मनाया। उन्हें भरोसा दिलाया कि उनका बिजनेस अच्छा चलेगा। लॉजिस्टिक्स को ठीक से चलाने में उन्हें काफी समय और मेहनत लगी। एक और मुश्किल काम था ऑनलाइन ऑर्डर, बिक्री और फर्नीचर को सुरक्षित तरीके से भेजने के लिए सही टीम बनाना। जब वेबसाइट शुरू हुई तो रघुनंदन ने लगभग 2,500 प्रोडक्ट डाले थे। अब उनकी वेबसाइट पर 6,000 से ज्यादा प्रोडक्ट हैं। इनमें सजावट का सामान, किचन का सामान और फर्नीचर शामिल हैं। उनकी वेबसाइट पर सबसे ज्यादा बेड बिकते हैं। सबसे सस्ता सामान किचन का एक सजावटी आइटम है। इसकी कीमत 999 रुपये है। सबसे महंगा सामान बेड है। इसकी कीमत लगभग 2.5 लाख रुपये है।


ये है बिजनेस मॉडल image

रघुनंदन अपने फर्नीचर सरदारशहर में ही बनाते हैं। सरदारशहर में उनकी फैक्ट्री, वेयरहाउस और हेड ऑफिस 2.5 लाख वर्ग फीट में है। सारे सामान सरदारशहर से ही भेजे जाते हैं। उनके चार सब-वेयरहाउस बेंगलुरु, हैदराबाद, सूरत और दिल्ली में हैं। इनसराफ दो तरह से बिजनेस करती है। पहला है डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) मॉडल। इसमें वेबसाइट के जरिए सीधे ग्राहकों को फर्नीचर बेचे जाते हैं। दूसरा मॉडल है बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B)। इसमें होटल और रिसॉर्ट को फर्नीचर सप्लाई होते हैं। हयात उनके बड़े ग्राहकों में से एक है। उनका ज्यादातर बिजनेस दक्षिण भारत से आता है। इनसराफ अभी लगभग 6000 प्रोडक्ट बेचती है। रघुनंदन ने सरदारशहर के एक लोकल स्कूल में कक्षा छह तक पढ़ाई की। कक्षा सात से वह जयपुर के रयान इंटरनेशनल स्कूल चले गए। 2004 में उन्होंने वहां से 12वीं कक्षा पास की। फिर उन्होंने दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम किया। 2009 में उन्होंने ग्लोबल बिजनेस ऑपरेशंस में एमबीए किया। रघुनंदन आज भी अपने परिवार के साथ सरदारशहर में रहते हैं। रघुनंदन ने इनसराफ में कर्मचारियों के लिए अच्छी पॉलिसी बनाई हैं।रघुनंदन सराफ युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि हम भी अपने जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं अगर हम कड़ी मेहनत करें और कभी हार न मानें।

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