नई दिल्ली: महिला वनडे वर्ल्ड कप के महत्वपूर्ण मुकाबले में भारतीय महिला टीम की स्टार सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने अपने शानदार प्रदर्शन से भारतीय फैंस को झूमने का मौका दे दिया है। इंग्लैंड महिला टीम के खिलाफ खेले जा रहे इस मुकाबले में जहां भारतीय टीम की बल्लेबाजी से बड़ी उम्मीदें नहीं थीं, वहीं मंधाना ने अकेले दम पर मोर्चा संभाला और एक शानदार शतक जड़कर टीम इंडिया को विशाल लक्ष्य का पीछा करने की लड़ाई में बनाए रखा। हालांकि वह अपने शतक से चूक गईं और 88 रन बनाकर आउट हो गई।
इंग्लैंड ने दिया था विशाल लक्ष्य
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की महिला टीम ने निर्धारित ओवरों में 8 विकेट खोकर 288 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया और भारतीय टीम के सामने 289 रनों का विशाल लक्ष्य रखा। इस बड़े स्कोर को देखते हुए फैंस को लग रहा था कि भारतीय टीम के लिए यह राह आसान नहीं होगी, खासकर शुरुआती झटकों के बाद।
मंधाना ने संभाला मोर्चा, हर कोने में लगाए शॉट
लेकिन, ओपनिंग करने आईं स्मृति मंधाना ने अपनी क्लास और अटैकिंग स्टाइल से सभी आशंकाओं को दूर कर दिया। उन्होंने शुरू से ही इंग्लिश गेंदबाजों पर दबाव बनाया और मैदान के हर कोने में आकर्षक शॉट्स खेले।
मंधाना की यह पारी केवल रनों की संख्या तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह दबाव में खेली गई एक मास्टरक्लास थी, जिसने टीम इंडिया के इरादे को मजबूत रखा। एक छोर से नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे, लेकिन मंधाना चट्टान की तरह डटी रहीं और अपनी बेहतरीन टाइमिंग और फुटवर्क से रन बनाना जारी रखा। उनके इस शतक ने न सिर्फ टीम इंडिया की हार-जीत की उम्मीदों को जिंदा रखा, बल्कि यह साबित कर दिया कि क्यों उन्हें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। मंधाना की दमदार पारी ही वह इकलौती वजह है जिसके चलते भारतीय टीम अभी भी इस बड़े मुकाबले में बनी हुई है और जीत के लिए संघर्ष कर रही है।
इंग्लैंड ने दिया था विशाल लक्ष्य
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की महिला टीम ने निर्धारित ओवरों में 8 विकेट खोकर 288 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया और भारतीय टीम के सामने 289 रनों का विशाल लक्ष्य रखा। इस बड़े स्कोर को देखते हुए फैंस को लग रहा था कि भारतीय टीम के लिए यह राह आसान नहीं होगी, खासकर शुरुआती झटकों के बाद।
मंधाना ने संभाला मोर्चा, हर कोने में लगाए शॉट
लेकिन, ओपनिंग करने आईं स्मृति मंधाना ने अपनी क्लास और अटैकिंग स्टाइल से सभी आशंकाओं को दूर कर दिया। उन्होंने शुरू से ही इंग्लिश गेंदबाजों पर दबाव बनाया और मैदान के हर कोने में आकर्षक शॉट्स खेले।
मंधाना की यह पारी केवल रनों की संख्या तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह दबाव में खेली गई एक मास्टरक्लास थी, जिसने टीम इंडिया के इरादे को मजबूत रखा। एक छोर से नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे, लेकिन मंधाना चट्टान की तरह डटी रहीं और अपनी बेहतरीन टाइमिंग और फुटवर्क से रन बनाना जारी रखा। उनके इस शतक ने न सिर्फ टीम इंडिया की हार-जीत की उम्मीदों को जिंदा रखा, बल्कि यह साबित कर दिया कि क्यों उन्हें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। मंधाना की दमदार पारी ही वह इकलौती वजह है जिसके चलते भारतीय टीम अभी भी इस बड़े मुकाबले में बनी हुई है और जीत के लिए संघर्ष कर रही है।
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