गुड़गांव जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने सोनी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एक उपभोक्ता की शिकायत खारिज कर दी है। आयोग ने कहा कि टीवी खराब होने में कंपनी की कोई गलती नहीं है, क्योंकि टीवी की गारंटी अवधि समाप्त हो चुकी थी। यह फैसला प्रवीण नाम के एक ग्राहक की शिकायत पर आया, जिन्होंने आरोप लगाया था कि कंपनी ने खराब टीवी की मरम्मत के लिए जरूरी पार्ट्स उपलब्ध नहीं कराए।
प्रवीण ने 10 जुलाई 2017 को एक सोनी ब्राविया टीवी खरीदा था, जिसकी गारंटी तीन साल की थी। टीवी साढ़े तीन साल तक बिना किसी समस्या के चला। गारंटी खत्म होने के छह महीने बाद, 11 जनवरी 2021 को टीवी का पैनल खराब हो गया। प्रवीण का कहना था कि कंपनी के पास मरम्मत के लिए आवश्यक सामान नहीं था, जिसे वे खराब सर्विस मान रहे थे।
आयोग ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाया कि गारंटी खत्म होने के बाद टीवी में खराबी आना कंपनी की गलती नहीं है। आयोग की सदस्य खुशविंदर कौर ने अपने आदेश में कहा कि तकनीक बहुत तेजी से बदलती है। साढ़े तीन साल पुराने टीवी के पार्ट्स का कंपनी के पास न होना खराब सर्विस नहीं माना जा सकता।
सोनी कंपनी ने प्रवीण को एक नया टीवी देने का प्रस्ताव दिया था, जिसकी कीमत लगभग 62 हजार रुपये थी। कंपनी इसे डिस्काउंट पर करीब 28 हजार रुपये में देने को तैयार थी। आयोग ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि प्रवीण यह साबित नहीं कर पाए कि कंपनी ने कोई गलती की है। इसलिए, उनकी याचिका खारिज कर दी गई।
इस मामले में, उपभोक्ता प्रवीण ने सोनी से एक टीवी खरीदा था जिसकी गारंटी तीन साल की थी। टीवी तीन साल से ज्यादा चला, लेकिन गारंटी खत्म होने के बाद खराब हो गया। प्रवीण ने शिकायत की कि कंपनी ने पार्ट्स नहीं दिए, लेकिन आयोग ने कहा कि गारंटी खत्म होने के बाद यह कंपनी की जिम्मेदारी नहीं है। तकनीक के तेजी से बदलने के कारण पुराने पार्ट्स का उपलब्ध न होना सामान्य है। आयोग ने यह भी पाया कि प्रवीण यह साबित नहीं कर सके कि कंपनी ने कोई गलती की है। इसलिए, आयोग ने प्रवीण की शिकायत को खारिज कर दिया। सोनी ने प्रवीण को एक नया टीवी डिस्काउंट पर देने का प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन प्रवीण ने इसे स्वीकार नहीं किया।
प्रवीण ने 10 जुलाई 2017 को एक सोनी ब्राविया टीवी खरीदा था, जिसकी गारंटी तीन साल की थी। टीवी साढ़े तीन साल तक बिना किसी समस्या के चला। गारंटी खत्म होने के छह महीने बाद, 11 जनवरी 2021 को टीवी का पैनल खराब हो गया। प्रवीण का कहना था कि कंपनी के पास मरम्मत के लिए आवश्यक सामान नहीं था, जिसे वे खराब सर्विस मान रहे थे।
आयोग ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाया कि गारंटी खत्म होने के बाद टीवी में खराबी आना कंपनी की गलती नहीं है। आयोग की सदस्य खुशविंदर कौर ने अपने आदेश में कहा कि तकनीक बहुत तेजी से बदलती है। साढ़े तीन साल पुराने टीवी के पार्ट्स का कंपनी के पास न होना खराब सर्विस नहीं माना जा सकता।
सोनी कंपनी ने प्रवीण को एक नया टीवी देने का प्रस्ताव दिया था, जिसकी कीमत लगभग 62 हजार रुपये थी। कंपनी इसे डिस्काउंट पर करीब 28 हजार रुपये में देने को तैयार थी। आयोग ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि प्रवीण यह साबित नहीं कर पाए कि कंपनी ने कोई गलती की है। इसलिए, उनकी याचिका खारिज कर दी गई।
इस मामले में, उपभोक्ता प्रवीण ने सोनी से एक टीवी खरीदा था जिसकी गारंटी तीन साल की थी। टीवी तीन साल से ज्यादा चला, लेकिन गारंटी खत्म होने के बाद खराब हो गया। प्रवीण ने शिकायत की कि कंपनी ने पार्ट्स नहीं दिए, लेकिन आयोग ने कहा कि गारंटी खत्म होने के बाद यह कंपनी की जिम्मेदारी नहीं है। तकनीक के तेजी से बदलने के कारण पुराने पार्ट्स का उपलब्ध न होना सामान्य है। आयोग ने यह भी पाया कि प्रवीण यह साबित नहीं कर सके कि कंपनी ने कोई गलती की है। इसलिए, आयोग ने प्रवीण की शिकायत को खारिज कर दिया। सोनी ने प्रवीण को एक नया टीवी डिस्काउंट पर देने का प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन प्रवीण ने इसे स्वीकार नहीं किया।
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