सीतापुर: सीतापुर के महमूदाबाद के नदवा गांव का प्राथमिक विद्यालय इस समय खूब चर्चा में है। अफसोस है कि यह सरकारी स्कूल गलत वजहों की वजह से खबरों की सुर्खियों में है। इस स्कूल जो विवाद हुआ है उसमें बंबइया फिल्मों या कहें वेब सीरीज का पूरा मसाला है। इस पूरे ड्रामे के केंद्र में हैं एक सहायक अध्यापिका जिनके लिए बाकायदा सरकारी दफ्तर में मार हुई। प्रिंसिपल जेल गए, लेडी टीचर सस्पेंड हुईं। अफसर के खिलाफ टीचर लामबंद हो रहे हैं और जानकार इसके पीछे राजनीतिक दलों की साजिश बता रहे हैं।
इस दौरान जब बच्चों से पूछा गया कि आखिर बात क्या है तो एक छोटी सी बच्ची ने बताया कि अवंतिका गुप्ता मैम जी देर से स्कूल आती थीं और जल्दी चली जाती थीं। आती भी थीं तो पढ़ाती नहीं थीं केवल मेकअप ही करती रहती थीं।
इस सबके बीच पूरे विवाद की धुरी बनी मैडम की रील्स भी खूब वायरल हो रही हैं। मामले की तह में जाते हैं तो आभास हो जाता है कि इसकी जड़ कई महीनों पहले तक जाएगी लेकिन बीते मंगलवार को पूरी घटना तब क्लाइमेक्स पर पहुंची जब इस स्कूल के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा ने बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह की उन्हीं के ऑफिस में बेल्ट से पिटाई कर दी।
वर्मा सस्पेंड होने के बाद जेल में हैं, स्कूल पर ताला लगा है, बच्चे स्कूल के गेट के बाहर हैं, शिक्षक संघ गुस्से में हैं, विपक्ष सोशल मीडिया पर मजे ले रहा है और सरकार पर हमले कर रहा है। स्थानीय विधायक आशा मौर्य जब बच्चों को पढ़ाई शुरू करने के लिए मनाने पहुंची तो उन्हें भी कामयाबी नहीं मिली। उलटे उन्हीं पर बच्चों से धक्का-मुक्की और मारपीट के आरोप लग गए।
बात कहां तक पहुंचेगी यह तो पता नहीं लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि विवाद के चलते इस छोटे से गांव के स्कूली बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर बुरा असर पड़ रहा है। वह स्कूल तो जा ही नहीं पा रहे हैं बेवजह के राजनीतिक विवाद का जबरन हिस्सा भी बनाए जा रहे हैं।
इस दौरान जब बच्चों से पूछा गया कि आखिर बात क्या है तो एक छोटी सी बच्ची ने बताया कि अवंतिका गुप्ता मैम जी देर से स्कूल आती थीं और जल्दी चली जाती थीं। आती भी थीं तो पढ़ाती नहीं थीं केवल मेकअप ही करती रहती थीं।
इस सबके बीच पूरे विवाद की धुरी बनी मैडम की रील्स भी खूब वायरल हो रही हैं। मामले की तह में जाते हैं तो आभास हो जाता है कि इसकी जड़ कई महीनों पहले तक जाएगी लेकिन बीते मंगलवार को पूरी घटना तब क्लाइमेक्स पर पहुंची जब इस स्कूल के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा ने बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह की उन्हीं के ऑफिस में बेल्ट से पिटाई कर दी।
वर्मा सस्पेंड होने के बाद जेल में हैं, स्कूल पर ताला लगा है, बच्चे स्कूल के गेट के बाहर हैं, शिक्षक संघ गुस्से में हैं, विपक्ष सोशल मीडिया पर मजे ले रहा है और सरकार पर हमले कर रहा है। स्थानीय विधायक आशा मौर्य जब बच्चों को पढ़ाई शुरू करने के लिए मनाने पहुंची तो उन्हें भी कामयाबी नहीं मिली। उलटे उन्हीं पर बच्चों से धक्का-मुक्की और मारपीट के आरोप लग गए।
बात कहां तक पहुंचेगी यह तो पता नहीं लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि विवाद के चलते इस छोटे से गांव के स्कूली बच्चों की पढ़ाई लिखाई पर बुरा असर पड़ रहा है। वह स्कूल तो जा ही नहीं पा रहे हैं बेवजह के राजनीतिक विवाद का जबरन हिस्सा भी बनाए जा रहे हैं।
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