होडल: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हुए लांस नायक दिनेश कुमार के अंतिम दर्शन को भीड़ उमड़ पड़ी। उनके पार्थिव शरीर को पलवल से गांव मोहम्मदपुर गुलावत लाया गया। इस दौरान भारत माता जिंदाबाद का जयघोष होता रहा। गांव में सड़क मार्ग पर बने शहीद स्मारक स्थल पर उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल व मंत्रीमंडल के सदस्य गौरव गौतम व राजेश नागर आदि नेताओं ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रृद्धांजलि दी। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के पांच साल के बेटे ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान सभी की आंखें नम थीं, लेकिन उनकी शहादत पर फक्र भी था।दरअसल, सिंदूर ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र में गोलाबारी शुरू कर दी। सेना के जवानों की जवाबी कार्रवाई में क्षेत्र के गांव मोहम्मदपुर गुलावत निवासी दयाचंद के बड़े बेटे दिनेश कुमार शर्मा शहीद हो गए। गुरुवार को उनके पार्थिव शरीर को बाइकों के काफिले के साथ गांव में लेकर पहुंचे। शहीद दिनेश कुमार अमर रहें, जब तक सूरज चांद रहेगा, तब तक दिनेश कुमार का नाम रहेगा जैसे नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। इस दौरान सेना व पुलिस की टुकड़ी ने फायर दागकर सलामी दी। उनकी अंतिम यात्रा में पहुंचे लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। कुछ घंटे पहले दोस्त से हुई थी बातशहीद दिनेश कुमार के दोस्त प्रदीप ने बताया कि 6 मई की रात साढ़े 10 बजे उनकी दिनेश से बात हुई थी। दिनेश ने सेना के मिशन पर जाने की बात कही और सुबह जानकारी विस्तार से बताने का आश्वासन दिया था, लेकिन सुबह चार बजे दिनेश का फोन आया तो वह उठा नहीं पाए। इसके बाद सात बजे जब उन्होंने फोन किया तो उसके घायल होने की सूचना मिली। एक बेटा शहीद हुआ, दूसरा अब भी जम्मू में लड़ रहाशहीद के पिता दयाचंद ने बताया कि दिनेश उनके पांच बेटों में सबसे बड़े हैं। उनके दो बेटे हरदत्त सहित कपिल अग्निवीर के रूप में सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एक बेटा ढाई साल पहले ही सेना में भर्ती हुआ है। उसकी पोस्टिंग पहले पंजाब के जालंधर में थी, लेकिन अब जम्मू में है। वहीं दूसरे लड़के की पोस्टिंग अभी मध्यप्रदेश के जबलपुर में है। जबकि उनका सबसे छोटा बेटा पुष्पेंद्र सेना में जाने की तैयारी कर रहा। उन्होंने कहा कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है कि वह मातृभूमि के लिए शहीद हो गया। शहीद की पत्नी बोलीं-पति पर नाज़ हैशहीद की पत्नी सीमा ने रोते हुए कहा कि उन्हें अपने पति की शहादत व देशभक्ति पर नाज़ है। उन्होंने देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी है। सीमा ने कहा कि बच्चों की देखभाल वह कर लेंगी, लेकिन उनके गर्भ में पल रहे बच्चे ने अपने पिता का मुंह तक नहीं देखा। दरअसल, शहीद की पत्नी गर्भवती हैं। उनके दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी पहले से हैं। 'पाकिस्तान को जवाब देना जरूरी था'शहीद के छोटे भाई अग्निवीर कपिल ने कहा कि उनके भाई 2 फरवरी को छुट्टी काटकर ड्यूटी पर गए थे। तभी भाई से मुलाकात हुई थी। वह अपने भाई को 2 फरवरी को स्टेशन पर देश की सेवा में जाने के लिए छोड़कर आए थे। पाकिस्तान को जवाब देना जरूरी था। हमारी सेना ने पाकिस्तानियों को उनकी हर बात का सिंदूर ऑपरेशन के माध्यम से जवाब दिया है। भाई की शहादत पर गर्व है।
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