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फेल हो गया नोएडा फिल्म सिटी में लगा यूपी का पहला एयर पलूशन कंट्रोल टावर, खोल कर हैदराबाद भेजा गया

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योगेश तिवारी, नोएडा: नोएडा के सेक्टर-16ए फिल्म सिटी में लगाया गया शहर और प्रदेश का पहला एयर पलूशन कंट्रोल टावर पूरी तरह से सफल नहीं रहा है। इस टावर को नवंबर-2021 में बीएचईएल ने नोएडा अथॉरिटी के साथ मिलकर रिसर्च एंड डिवेलपमेंट के तहत लगवाया था। अब यह टावर बीएचईएल ने खुलवा दिया है, जिसे हैदराबाद ले जाया जा रहा है। वहां पर रिसर्च एंड डिवेलपमेंट सेंटर में टावर के पिछले एक साल के डेटा, रिजल्ट पर रिसर्च होगी। फिर कुछ बदलाव के साथ दोबारा से यहां पर टावर स्थापित किए जाने का दावा है। लेकिन टावर वापस कब तक लग जाएगा इसका कोई अनुमानित समय अभी तय नहीं हो पाया है। टावर हटाकर ले जाने की सूचना बीएचईएल ने नोएडा अथॉरिटी को भी भेजी है। लोकार्पण 17 नवंबर 2021 को हुआ थाएयर पलूशन कंट्रोल टावर का लोकार्पण 17 नवंबर 2021 को तत्कालीन केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने किया था। इस मौके पर शहर में अन्य जगहों पर भी ये टावर लगवाए जाने की चर्चा हुई थी। दूसरी जगहों पर टावर लगवाने की कवायद तो आगे बढ़ी नहीं। वहीं दूसरी तरफ लगाया गया टावर भी खोलकर ले जाया गया। कई विशेषताएं बताई गईं थींलोकार्पण के मौके पर इस टावर की विशेषताएं भी बताई गई थीं। दावा था कि यह टावर 80 हजार घन मीटर प्रति घंटा हवा साफ करने की क्षमता का है। ऊंचाई 20 मीटर और गोलाई 7 मीटर है। भूकंपरोधी बनाया गया है। पीएम 2.5 तक धूल के कणों को हवा से छान कर साफ हवा बाहर निकालेगा। यह टावर एक किलोमीटर की परिधि में हवा की गुणवत्ता सुधारेगा। इस लिहाज से सेक्टर-16, 16ए, 16बी, 17ए, 18, डीएनडी और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे की हवा में प्रदूषण घटेगा। टावर चालू होने के बाद बीच में भी कई बार बंद हुआ और चालू होता रहा है। कितने दायरे में कितनी हवा साफ की गई यह आंकड़े भी नोएडा अथॉरिटी या बीएचईएल की तरफ से अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। टावर में अब यह होंगे बदलावएयर पलूशन कंट्रोल टावर जब नवंबर-2021 में चालू हुआ था तब ही बीएचईएल के अधिकारियों ने कहा था कि इसे प्रयोग के तौर पर लगाया जा रहा है। यह बीएचईएल के हरिद्वार स्थित प्लांट पर बना था। अब जो बदलाव होने है उसमें मुख्य रूप से फिल्टर पर काम होगा। इसके साथ ही हवा नीचे से खींचकर ऊपर की तरफ छोड़ी जाए, या ऊपर से खींचकर नीचे निकाली जाए। इस पर भी निर्णय होगा। बीएचईएल के डीजीएम सुभाष चंद ने बताया कि टावर हटाकर ले जाए जाने की जानकारी नोएडा अथॉरिटी को आधिकारिक तौर पर दी जा चुकी है। अब इस टावर से सामने आए डेटा पर रिसर्च होगी। फिर नया टावर बनवाकर उसे लगवाया जाएगा। अथॉरिटी दे रही है जमीन और आधा खर्चनोएडा अथॉरिटी की तरफ से बताया गया कि यह टावर लगाने की जमीन अथॉरिटी की तरफ से दी गई थी। इसके साथ ही अथॉरिटी प्रतिवर्ष इस टावर के संचालन पर होने वाला आधा खर्च भी देगी। यह धनराशि अधिकतम 18.50 लाख रुपये होगी। यह करार अथॉरिटी और बीएचईएल की तरफ से पूर्व में किया गया था।
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