लखनऊ: वाराणसी समेत पूर्वाचल के जिलों में गंगा के साथ ही घाघरा, और सरयू नदी भी कहर ढा रही है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर एक बार फिर चेतावनी बिंदु के पास पहुंच गया है। तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव जारी रहने से सोमवार की सुबह तक चेतावनी बिंदु पार करते ही बाढ़ का पानी कई जगहों से शहरी इलाके में प्रवेश कर जाएगा। दशाश्वमेध घाट स्थित जल सीजन में तीसरी पुलिस चौकी इस बार बाढ़ के पानी में डूब चुकी है।
शीतला मंदिर का ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा है। अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस का मंच भी डूब गया है। गंगा किनारे के करीब 40 गांवों में भी फिर बाढ़ आने से खलबली मची हुई है। गंगा के पलट प्रवाह से सहायक नदी वरुणा में भी उफान से दर्जनभर शहरी मोहल्ले फिर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सक्रिय करने के साथ राहत शिविर फिर खोल दिए है।
बलिया-मिर्जापुर में भी हालात खराब
उधर, बलिया में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है। केंद्रीय जल आयोग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले चौबीस बढ़ाव जारी रहेगा। शहरी इलाकों और गांवों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। बाढ़ के पानी के दबाव को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-31 से लेकर जोन पर निगरानी बढ़ा दी गई है। मिर्जापुर मीर और गाजीपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। आजमगढ़ में घाघरा नदी के उफान के कारण कई गांवों के संपर्क मार्ग डूब गए है।
आगरा: यमुना ने खतरे के निशान को किया पार
रविवार शाम आगरा में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। गोकुल बैराज, मथुरा से 1,37373 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण आगरा में यमुना ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जलस्तर के लगातार बढ़ने की संभावना के मद्देनजर प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने जाने हेतु NDRF टीम को तैनात कर दिया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किए गए है।
ADM शुभांगी शुक्ला ने रविवार को बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार वर्षा के कारण हथिनीकुण्ड बैराज का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसकी वजह से आगरा में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ADM ने बताया कि आगरा में यमुना नदी का जलस्तर रविवार दोपहर 2 बजे 152.405 मीटर रहा, जो कि खतरे के निशान से ऊपर है।
शीतला मंदिर का ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा है। अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस का मंच भी डूब गया है। गंगा किनारे के करीब 40 गांवों में भी फिर बाढ़ आने से खलबली मची हुई है। गंगा के पलट प्रवाह से सहायक नदी वरुणा में भी उफान से दर्जनभर शहरी मोहल्ले फिर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सक्रिय करने के साथ राहत शिविर फिर खोल दिए है।
बलिया-मिर्जापुर में भी हालात खराब
उधर, बलिया में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर है। केंद्रीय जल आयोग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले चौबीस बढ़ाव जारी रहेगा। शहरी इलाकों और गांवों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। बाढ़ के पानी के दबाव को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-31 से लेकर जोन पर निगरानी बढ़ा दी गई है। मिर्जापुर मीर और गाजीपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। आजमगढ़ में घाघरा नदी के उफान के कारण कई गांवों के संपर्क मार्ग डूब गए है।
आगरा: यमुना ने खतरे के निशान को किया पार
रविवार शाम आगरा में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। गोकुल बैराज, मथुरा से 1,37373 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण आगरा में यमुना ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जलस्तर के लगातार बढ़ने की संभावना के मद्देनजर प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने जाने हेतु NDRF टीम को तैनात कर दिया है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किए गए है।
ADM शुभांगी शुक्ला ने रविवार को बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार वर्षा के कारण हथिनीकुण्ड बैराज का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसकी वजह से आगरा में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ADM ने बताया कि आगरा में यमुना नदी का जलस्तर रविवार दोपहर 2 बजे 152.405 मीटर रहा, जो कि खतरे के निशान से ऊपर है।
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