लखनऊ: देश में सबसे अधिक एक्सप्रेस-वे वाला यूपी अपनी रफ्तार और बढ़ाने पर काम कर रहा है। अगले चार वर्षों में प्रदेश में 11 और एक्सप्रेस-वे शुरू होंगे, जिनका निर्माण और संचालन यूपी एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी ( UPEIDA ) के हाथ में होगा। इनके बनने के बाद यूपी के न केवल दूसरे राज्यों से कनेक्टिविटी बेहतर होगी बल्कि, पश्चिम से पूर्वाचल की भी कनेक्टिविटी और अच्छी हो जाएगी। इन सभी एक्सप्रेस-वे के डीपीआर, भूमि अधिग्रहण, निर्माण शुरू करने से लेकर खत्म किए जाने तक की टाइमलाइन तैयार की जा चुकी है।
यूपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगली छमाही तक प्रदेश सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएगा। खास बात है कि इस एक्सप्रेस-वे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए वाया फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेस-वे की कार्ययोजना पर भी काम शुरू हो चुका है। अगले साल फरवरी तक भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया भी पूरी करने का लक्ष्य है। वहीं, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे भी अगस्त, 2027 तक पूरा हो जाएगा। इसी तरह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए राजधानी की सीमा पर बन रहे लिंक एक्सप्रेस-वे का अलाइनमेंट का काम पूरा किया जा चुका है। फरवरी तक भूमि अधिग्रहण भी शुरू कर दिया जाएगा।
फरवरी तक प्रपोजल और एस्टिमेट तैयार करने का लक्ष्य
यूपीडा ने जो कार्ययोजना तय की है उसके अनुसार जेवर लिंक, झांसी लिंक, मेरठ-हरिद्वार, नोएडा-जेवर, चित्रकूट रीवा, विध्य एक्सप्रेस-वे और विध्य-पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के अलाइनमेंट व एस्टिमेट का काम इस महीने से लेकर फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रस्तावित सभी ।। एक्सप्रेस-वे को मिलाकर इनकी लंबाई 1500 किमी से ज्यादा है।
रफ्तार से तरक्की पर नज़र सरकार
यूपी को इंडस्ट्रियल हब बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। इसका सीधा नाता कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर से है। प्रदेश की लगभग हर मेगा सिटी एक्सप्रेस-वे की कनेक्टिविटी से जुड़ चुकी है। अब नजर टीयर टू और थी के शहरों को रफ्तार से जोड़ने पर है। इसकी वजह यह है कि पिछले कुछ साल में किए गए प्रयासों का असर यह रहा है कि इन शहरो की ओर निवेशको ने रुख किया है। बुंदेलखंड से लेकर पूर्वाचल और तराई के शहरों तक के लिए निवेश प्रस्ताव मिले है। इसलिए, इन सभी जगहों के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया जा रहा है।
एक्सप्रेस-वे का विस्तार और लिंक एक्सप्रेस-वे के जरिए छोटे शहरों को कनेक्ट करने की कवायद इसी का हिस्सा है। इसके अलावा इन एक्सप्रेस-वे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी विकसित किए जा रहे है। इससे प्रदेश की इंडस्ट्री और रोजगार का चेहरा और चमकदार होने के आसार है। इनके शुरू होने के बाद कई शहरों तक पहुंचने का वक्त काफी कम हो जाएगा।
यूपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगली छमाही तक प्रदेश सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएगा। खास बात है कि इस एक्सप्रेस-वे को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए वाया फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेस-वे की कार्ययोजना पर भी काम शुरू हो चुका है। अगले साल फरवरी तक भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया भी पूरी करने का लक्ष्य है। वहीं, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे भी अगस्त, 2027 तक पूरा हो जाएगा। इसी तरह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए राजधानी की सीमा पर बन रहे लिंक एक्सप्रेस-वे का अलाइनमेंट का काम पूरा किया जा चुका है। फरवरी तक भूमि अधिग्रहण भी शुरू कर दिया जाएगा।
फरवरी तक प्रपोजल और एस्टिमेट तैयार करने का लक्ष्य
यूपीडा ने जो कार्ययोजना तय की है उसके अनुसार जेवर लिंक, झांसी लिंक, मेरठ-हरिद्वार, नोएडा-जेवर, चित्रकूट रीवा, विध्य एक्सप्रेस-वे और विध्य-पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के अलाइनमेंट व एस्टिमेट का काम इस महीने से लेकर फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रस्तावित सभी ।। एक्सप्रेस-वे को मिलाकर इनकी लंबाई 1500 किमी से ज्यादा है।
रफ्तार से तरक्की पर नज़र सरकार
यूपी को इंडस्ट्रियल हब बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। इसका सीधा नाता कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर से है। प्रदेश की लगभग हर मेगा सिटी एक्सप्रेस-वे की कनेक्टिविटी से जुड़ चुकी है। अब नजर टीयर टू और थी के शहरों को रफ्तार से जोड़ने पर है। इसकी वजह यह है कि पिछले कुछ साल में किए गए प्रयासों का असर यह रहा है कि इन शहरो की ओर निवेशको ने रुख किया है। बुंदेलखंड से लेकर पूर्वाचल और तराई के शहरों तक के लिए निवेश प्रस्ताव मिले है। इसलिए, इन सभी जगहों के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर किया जा रहा है।
एक्सप्रेस-वे का विस्तार और लिंक एक्सप्रेस-वे के जरिए छोटे शहरों को कनेक्ट करने की कवायद इसी का हिस्सा है। इसके अलावा इन एक्सप्रेस-वे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी विकसित किए जा रहे है। इससे प्रदेश की इंडस्ट्री और रोजगार का चेहरा और चमकदार होने के आसार है। इनके शुरू होने के बाद कई शहरों तक पहुंचने का वक्त काफी कम हो जाएगा।
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