कोलकाता: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2016 में एसएससी द्वारा की गई भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त किए गए 25753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पूरी चयन प्रक्रिया को दोषपूर्ण और भ्रष्ट करार दे दिया था। नौकरी गंवाने वाले इन शिक्षकों में से कुछ ने गुरुवार को कोलकाता के साल्टलेक में राज्य स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर दी। वहीं इस मामले पर पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा है कि शिक्षकों के वेतन में कोई दिक्कत नहीं आएगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने योग्य शिक्षकों को नौकरी सुरक्षित रखने का आश्वासन दिया है। राज्य सरकार और एसएससी सुप्रीम कोर्ट में स्पष्टीकरण के लिए याचिका दायर करेंगे। ब्रात्य बसु शिक्षकों के साथ बैठक करेंगे और उनकी बातें सुनेंगे। अगली सैलरी 1 मई को मिलेगीबसु ने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने योग्य टीचर्स और नॉन-टीचिंग स्टाफ को भरोसा दिलाया है कि उनकी नौकरी सुरक्षित है। बसु ने यह भी बताया कि पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमिशन और राज्य सरकार मिलकर सुप्रीम कोर्ट (SC) में स्पष्टीकरण के लिए जाएंगे और जल्द ही एक पुनर्विचार याचिका भी दाखिल करेंगे। बसु ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि टीचर्स को सैलरी मिलने में कोई परेशानी होगी। मुख्यमंत्री ने खुद ही कहा है कि किसी की नौकरी नहीं जाएगी। सबको 1 अप्रैल को सैलरी मिल गई थी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला उसके बाद आया है। अगली सैलरी 1 मई को मिलेगी। उससे पहले हम सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर देंगे। तो फिर चिंता की क्या बात है? शुक्रवार को टीचर्स और बाकी स्टाफ से मिलेंगेबसु ने SSC के चीफ सिद्धार्थ मजूमदार और दूसरे अधिकारी शुक्रवार को टीचर्स और बाकी स्टाफ से मिलेंगे। बसु ने कहा कि हम उनकी बात सुनेंगे। कुछ लोग अपने फायदे के लिए उन्हें गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में पहले ही एक याचिका दाखिल कर दी है। इसमें बताया गया है कि इतने सारे टीचर्स और नॉन-टीचिंग स्टाफ के चले जाने से स्कूलों की हालत खराब हो जाएगी। बसु ने यह भी कहा कि कुछ लोग बंगाल के एजुकेशन सिस्टम को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नए एसएससी पर पूरा भरोसा है। वे भर्ती में पूरी पारदर्शिता रखेंगे।
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