आखिरकार खूनी शिकारी पिंजरे में कैद हो गया। यूपी के बिजनौर जिले के 100 से ज्यादा गांवों में तेंदुओं ने आतंक मचाकर रखा हुआ है। बीते 12 दिनों में ही 4 लोगों की जान तेंदुए के हमले में चली गई। वन विभाग को हालांकि आज मंगलवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। इलाके में दहशत फैलाने वाला एक तेंदुआ पकड़ लिया गया है। बिजनौर जिले के इस्सेपुर गांव से वन अधिकारियों ने इस तेंदुए को पिंजरे में कैद किया है।
बीते रविवार को ही इस्सेपुर गांव में तेंदुए ने एक 36 साल की महिला मीरा देवी की जान ले ली थी। पिछले 12 दिनों में 3 किलोमीटर के दायरे में इस गांव में 4 लोगों की मौत हो चुकी थी। इस वजह से गांववालों में वन विभाग के प्रति गुस्सा भी देखा जा रहा था। गुस्साए गांववालों ने नजीबाबाद डिविजनल फॉरेस्ट विभाग के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था। मीरा देवी पशुओं के लिए चारा लेने के लिए गन्ने के खेतों में गई थी। तेंदुआ वहीं गन्ने के खेतों में छिपा बैठा था और उसने हमला कर दिया।
कई साल से मचा रखा है आतंक बिजनौर जिले के करीब 110 गांवों में पिछले कई सालों से तेंदुओं का आतंक बनता जा रहा है। यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक इस इलाके में 200 से 500 तेंदुए हो सकते हैं। DFO अभिनव राज के मुताबिक पिछले कुछ साल से तेंदुओं ने गन्ने के खेतों को अपना नया घर बना लिया है। इनकी आबादी भी तेजी से बढ़ी है।
समस्या पैदा करने वाले तेंदुओं को पकड़ने की कोशिश डीएफओ अभिनव राज ने बताया कि इलाके में कुछ तेंदुए ऐसे हैं, जो समस्या पैदा करने में लगे हैं। इन्हें पकड़ने की कोशिश की जा रही है। इस्सेपुर से ऐसे ही तेंदुए को पकड़ा गया है। इसे जल्द ही या तो जंगल भेज दिया जाएगा या फिर किसी चिड़ियाघर में छोड़ दिया जाएगा।
बीते रविवार को ही इस्सेपुर गांव में तेंदुए ने एक 36 साल की महिला मीरा देवी की जान ले ली थी। पिछले 12 दिनों में 3 किलोमीटर के दायरे में इस गांव में 4 लोगों की मौत हो चुकी थी। इस वजह से गांववालों में वन विभाग के प्रति गुस्सा भी देखा जा रहा था। गुस्साए गांववालों ने नजीबाबाद डिविजनल फॉरेस्ट विभाग के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था। मीरा देवी पशुओं के लिए चारा लेने के लिए गन्ने के खेतों में गई थी। तेंदुआ वहीं गन्ने के खेतों में छिपा बैठा था और उसने हमला कर दिया।
कई साल से मचा रखा है आतंक बिजनौर जिले के करीब 110 गांवों में पिछले कई सालों से तेंदुओं का आतंक बनता जा रहा है। यह समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक इस इलाके में 200 से 500 तेंदुए हो सकते हैं। DFO अभिनव राज के मुताबिक पिछले कुछ साल से तेंदुओं ने गन्ने के खेतों को अपना नया घर बना लिया है। इनकी आबादी भी तेजी से बढ़ी है।
समस्या पैदा करने वाले तेंदुओं को पकड़ने की कोशिश डीएफओ अभिनव राज ने बताया कि इलाके में कुछ तेंदुए ऐसे हैं, जो समस्या पैदा करने में लगे हैं। इन्हें पकड़ने की कोशिश की जा रही है। इस्सेपुर से ऐसे ही तेंदुए को पकड़ा गया है। इसे जल्द ही या तो जंगल भेज दिया जाएगा या फिर किसी चिड़ियाघर में छोड़ दिया जाएगा।
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