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जीण माता मंदिर में आज से अनिश्चितकाल के लिए पट बंद का ऐलान, पुजारियों का जानें क्यों फूटा गुस्सा

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जीणमाता/सीकर: हर्ष की पहाड़ियों पर विराजमान विश्व प्रसिद्ध शक्ति पीठ मां जीण माता के दरबार में इन दिनों श्रद्धा के बजाय आक्रोश की गूंज सुनाई दे रही है। स्थिति यह बन रही कि राजस्थान के सीकर में प्रसिद्ध शक्तिपीठ जीण माता मंदिर में 11 अप्रैल से अब भक्तों को दर्शन नहीं मिलेंगे। नवरात्र के दौरान जीणमाता मेले के दौरान हुए विवाद और पुजारियों के साथ कथित मारपीट की घटना में कार्रवाई नहीं होने पर मंदिर ट्रस्ट और पुजारियों ने 11 अप्रैल से अनिश्चितकालीन तालेबंदी का ऐलान कर दिया है। साथ ही, जिला प्रशासन को 11 अप्रैल सुबह 10 बजे तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया गया है, नहीं तो मंदिर के पट बंद रहेंगे और साधु-संतों के साथ धरना शुरू होगा। जीण माता तंदिर ट्रस्ट की ओर से रोकश कुमार, राधेश्याम, योगेन्द्र सिंह चौहान समेत कई पदाधिकारियों ने साझा हस्ताक्षर कर पट बंदी और धरने की घोषणा की है। क्या हुआ था विवाद?तीन अप्रैल को नवरात्र के पांचवें दिन नीमकाथाना से आए बत्तीसी संघ के सदस्यों, जिला प्रशासन और मंदिर के पुजारियों के बीच जमकर तकरार के बीच हंगामा, तोडफोड़ और मारपीट हुई थी। आरोप है कि इस दौरान पुजारियों के साथ मारपीट की गई और मंदिर परिसर में तोडफोड़ भी हुई। पीड़ित पुजारियों का कहना है कि प्रशासन ने 7 दिनों के अंदर न्याय देने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुजारियों ने आरोप लगाया कि उनकी पिटाई की गई और प्रशासन ने न्याय का आश्वासन देकर बात को टाल दिया। लेकिन 7 दिन बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे पुजारियों और साधु-संतों का आक्रोश फूट पड़ा। न्याय नहीं, तो आम जनता को दर्शन नहींगुरुवार को मंदिर ट्रस्ट, साधु-संतों और स्थानीय समाज के प्रतिनिधियों की बैठक हुई, जिसमें बड़ा फैसला लिया गया। 11 अप्रैल से मंदिर के पट आम दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिए जाएंगे। हालांकि, मां की नियमित पूजा-अर्चना जारी रहेगी। साथ ही, प्रशासन के रवैये से नाराज पुजारियों और समर्थकों ने धरना देने की चेतावनी भी जारी कर दी है। प्रशासन पर सवाल, भक्तों को झटकामंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने कहा, हमने प्रशासन को पर्याप्त समय दिया, लेकिन न्याय नहीं मिला। अब हमारा संघर्ष शुरू होगा। इस फैसले से हजारों श्रद्धालु प्रभावित होंगे, क्योंकि जीण माता मंदिर शेखावाटी का प्रमुख शक्तिपीठ है और यहां रोजाना बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। ट्रस्ट ने भक्तों से संयम रखने की अपील की है। कहा गया है कि सेवा-पूजा नहीं रुकेगी, लेकिन जब तक प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई नहीं करता, मंदिर के पट नहीं खुलेंगे। क्या होगा आगे?अब सबकी नजर जिला प्रशासन पर टिकी है। अगर 11 अप्रैल सुबह तक मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो मंदिर के पट बंद रहेंगे और विरोध प्रदर्शन तेज होगा। देखना यह है कि क्या प्रशासन पुजारियों की मांगों पर जल्द कार्रवाई करेगा या यह विवाद और लंबा खिंचेगा। जहां एक ओर श्रद्धा की शक्ति अपार है, वहीं अब सवाल प्रशासनिक निष्क्रियता पर भी उठ रहे हैं। देखना यह होगा कि क्या सरकार भक्तों के मंदिर के पट दोबारा खुलवा पाएगी, या आस्था के इस केंद्र में सन्नाटा छाया रहेगा।
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