घर में वाई-फाई की स्पीड कम होना आम समस्या है। कभी फिल्म देखते समय बफरिंग होती है, तो कभी मीटिंग में सिग्नल कमजोर पड़ जाता है। ऐसे में लोग कभी राउटर की पोजीशन बदलते हैं तो कभी राउटर ही चेंज कर देते हैं। हालांकि, आपने कभी न कभी तो सुना ही होगया कि एल्युमिनियम फॉयल वाई -फाई राउटर का सिग्नल बढ़ा देती है। ये सुनने में भले अजीब लगे, लेकिन यह थ्योरी खूब फ्लोट होती है। लेकिन क्या सचमुच एक एल्युमिनियम फॉयल वाई-फाई का सिग्नल बढ़ा सकती है? चलिए, जान लेते हैं कि इस बारे में रिसर्च और एक्सपर्ट क्या कहते हैं।
वैज्ञानिकों ने क्या बताया?रीडर्स डाइजेस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि डार्टमाउथ कॉलेज के वैज्ञानिकों ने टेस्ट किया। उन्होंने फॉयल से कवर किया आकार बनाया। कुछ जगहों पर सिग्नल 55% तक बढ़ गया। जहां जरूरत नहीं, वहां 63% तक कम हो गया। इससे पूरा कवरेज बेहतर हुआ। रिसर्च में साबित हुआ कि एल्युमिनियम फॉयल का सही से इस्तेमाल किया जाए तो वाई-फाई सिग्नल बढ़ सकता है। डार्टमाउथ यूनिवर्सिटी की कंप्यूटर साइंस टीचर और इस रिसर्च की मुख्य वैज्ञानिक जिया झोउ कहती हैं कि एल्युमिनियम फॉयल वाई-फाई सिग्नल को उछालती है।
कैसे काम करती है एल्युमिनियम फॉयल? राउटर में एंटीना होता है जो सिग्नल भेजता है। ये सिग्नल रेडियो Waves की तरह हर तरफ फैलते हैं। जैसे पानी की स्प्रिंकलर चारों ओर छिड़काव करती है। इससे सिग्नल कमजोर हो जाता है। दीवारें, फर्श और खिड़कियां इसे रोकती हैं। कुछ जगहों पर सिग्नल पहुंचता ही नहीं। ऐसे में एल्युमिनियम फॉयल को घुमाकर राउटर के पीछे लगाएं। चमकदार साइड अंदर की ओर रखें। यह सिग्नल को रिफ्लेक्ट करता है। सिग्नल एक दिशा में जाता है जहां जरूरत है। जैसे लिविंग रूम या बेडरूम। खिड़की की तरफ जाने वाला सिग्नल रुक जाता है। इससे स्पीड बढ़ती है।
हैकर्स का खतरा भी कम होता हैएल्युमिनियम फॉयल सिग्नल को घर के अंदर रखती है, बाहर नहीं जाने देती। इससे हैकर्स का खतरा कम होता है। वे सिग्नल पकड़कर डेटा नहीं चुरा सकते। यह पासवर्ड के साथ एक्स्ट्रा सुरक्षा देता है। घर की प्राइवेसी बनी रहती है। हालांकि बताया दें कि यह हैक सभी के लिए परफेक्ट नहीं। लेकिन सस्ता और आसान तरीका है। वाई-फाई एक्सटेंडर खरीदने से पहले आप इसे भी आजमा सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने क्या बताया?रीडर्स डाइजेस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि डार्टमाउथ कॉलेज के वैज्ञानिकों ने टेस्ट किया। उन्होंने फॉयल से कवर किया आकार बनाया। कुछ जगहों पर सिग्नल 55% तक बढ़ गया। जहां जरूरत नहीं, वहां 63% तक कम हो गया। इससे पूरा कवरेज बेहतर हुआ। रिसर्च में साबित हुआ कि एल्युमिनियम फॉयल का सही से इस्तेमाल किया जाए तो वाई-फाई सिग्नल बढ़ सकता है। डार्टमाउथ यूनिवर्सिटी की कंप्यूटर साइंस टीचर और इस रिसर्च की मुख्य वैज्ञानिक जिया झोउ कहती हैं कि एल्युमिनियम फॉयल वाई-फाई सिग्नल को उछालती है।
कैसे काम करती है एल्युमिनियम फॉयल? राउटर में एंटीना होता है जो सिग्नल भेजता है। ये सिग्नल रेडियो Waves की तरह हर तरफ फैलते हैं। जैसे पानी की स्प्रिंकलर चारों ओर छिड़काव करती है। इससे सिग्नल कमजोर हो जाता है। दीवारें, फर्श और खिड़कियां इसे रोकती हैं। कुछ जगहों पर सिग्नल पहुंचता ही नहीं। ऐसे में एल्युमिनियम फॉयल को घुमाकर राउटर के पीछे लगाएं। चमकदार साइड अंदर की ओर रखें। यह सिग्नल को रिफ्लेक्ट करता है। सिग्नल एक दिशा में जाता है जहां जरूरत है। जैसे लिविंग रूम या बेडरूम। खिड़की की तरफ जाने वाला सिग्नल रुक जाता है। इससे स्पीड बढ़ती है।
हैकर्स का खतरा भी कम होता हैएल्युमिनियम फॉयल सिग्नल को घर के अंदर रखती है, बाहर नहीं जाने देती। इससे हैकर्स का खतरा कम होता है। वे सिग्नल पकड़कर डेटा नहीं चुरा सकते। यह पासवर्ड के साथ एक्स्ट्रा सुरक्षा देता है। घर की प्राइवेसी बनी रहती है। हालांकि बताया दें कि यह हैक सभी के लिए परफेक्ट नहीं। लेकिन सस्ता और आसान तरीका है। वाई-फाई एक्सटेंडर खरीदने से पहले आप इसे भी आजमा सकते हैं।
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