नई दिल्ली: ज्योति मल्होत्रा... वो नाम, जो इस वक्त मीडिया और सोशल मीडिया की सुर्खियों में है। उसके पास कोई नौकरी नहीं थी। रहने के लिए हरियाणा के हिसार में महज 55 गज में बना एक घर। वो यूट्यूब और इंस्टाग्राम से कमाई करती थी, लेकिन उसके खर्च और शौक ऐसे थे, जिन्हें देखकर बड़े-बड़े रईसों को पसीने आ जाएं। चाहे भारत का दुश्मन मुल्क पाकिस्तान हो या उसी पाकिस्तान से दोस्ती निभाने वाला चीन, ज्योति को बिना किसी झंझट के दोनों देशों का वीजा आसानी से मिल गया।वो फर्स्ट क्लास का टिकट लेकर फ्लाइट में सफर करती। फाइव स्टार होटल के कमरे में ठहरती और आलीशान रेस्टोरेंट में उसका ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर होता। वो पाकिस्तान गई तो दूतावास की पार्टी में बड़े अधिकारियों से मिली। पाकिस्तानी पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज शरीफ से उसकी करीबी ऐसी थी, जैसे दोनों बचपन की सहेलियां हों। पाकिस्तानी दूतावास के जिस दानिश नाम के अधिकारी को भारत ने जासूसी के मामले में देश से निष्कासित किया, वही दानिश ज्योति मल्होत्रा का खासमखास था। तीन पाकिस्तानी ऑपरेटिव के संपर्क में थी ज्योतिYouTuber और ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद ज्योति को लेकर बेहद चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पुलिस की तफ्तीश में पता चला है कि उसने पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स के नंबरों को, अपने मोबाइल में फर्जी नामों से सेव कर रखा था। ऐसा इसलिए, ताकि उसके ऊपर किसी को शक ना हो। उसका ऐसा करना, महज एक सावधानी नहीं थी, बल्कि एक पैटर्न था, जिससे पता चलता है कि ज्योति पाकिस्तान के खुफिया नेटवर्क में गहराई से शामिल थी।पुलिस का कहना है कि वह कम से कम तीन पाकिस्तानी ऑपरेटिव के संपर्क में थी। उसका पहला संपर्क दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन के अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुआ था। दोनों 2023 में एक इवेंट में मिले थे। दानिश ने ज्योति के पाकिस्तानी वीजा को बढ़ाने में मदद की और लाहौर में उसके रहने का भी इंतजाम किया। दानिश ने ही ज्योति को शाकिर और राणा शाहबाज नाम के दूसरे हैंडलर्स से मिलवाया था। ये वही दानिश था, जिसे जासूसी के मामले में भारत ने 13 मई को देश से निकाल दिया था। जट्ट रंधावा जैसे फर्जी नाम का इस्तेमालपुलिस सूत्रों का कहना है कि ज्योति अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ WhatsApp, Telegram और Snapchat जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स के जरिए बात करती थी। वह जानबूझकर 'जट्ट रंधावा' जैसे फर्जी नामों का इस्तेमाल करती थी, ताकि उसकी बातचीत छिपी रहे। बाद में ज्योति ने माना कि उसने भारत की कुछ अहम जगहों और घटनाओं से जुड़ी संवेदनशील जानकारी अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ शेयर की थी। एक पाकिस्तानी अधिकारी के साथ ज्योति बाली भी गई थी। 30 अप्रैल 2025 को ज्योति ने इंस्टाग्राम पर बाली से अपनी एक तस्वीर अपलोड की। कैप्शन में लिखा- Randhawa ji said– "billo teri aankh qatal"।
इसके बाद 6 मई को ज्योति अपनी ट्रिप से दिल्ली लौटी और इसके कुछ दिन बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि इस ट्रिप में भी वह दानिश से मिली थी। यहां यह जानना जरूरी है कि ज्योति और दानिश की मुलाकात, ऑपरेशन सिंदूर से ठीक एक दिन पहले हुई थी। फिलहाल ज्योति को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है, जहां केंद्रीय और राज्य की खुफिया टीमें उससे पूछताछ कर रही हैं। अली अहसान ने खुफिया अधिकारियों से मिलवायाज्योति मल्होत्रा के सोशल मीडिया प्रोफाइल, खासकर उसका यूट्यूब चैनल 'Travel with Joe' और इंस्टाग्राम अकाउंट, उसकी पाकिस्तान यात्राओं सहित खूबसूरत ट्रैवल व्लॉग दिखाते हैं। उसने कई बार पाकिस्तान की यात्रा की है। यूट्यूब पर उसके 3.2 लाख सब्सक्राइबर और इंस्टाग्राम पर 13 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। पुलिस का कहना है कि इन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल न केवल यात्रा दिखाने के लिए किया गया, बल्कि पाकिस्तान समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए भी किया गया।दानिश की सलाह पर पाकिस्तान की अपनी दूसरी यात्रा के दौरान, ज्योति मल्होत्रा अली अहसान नाम के एक दूसरे ऑपरेटिव के संपर्क में आई। माना जा रहा है कि अली एहसान ने ही उसे पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों से मिलवाया था। फोरेंसिक टीमें उसके डिजिटल उपकरणों और लेनदेन की जांच कर रही हैं ताकि फंडिंग से जुड़ी सच्चाई सामने आ सके।
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