जयपुर: वक्फ कानून में किए गए संशोधन के खिलाफ जयपुर में एक बार फिर विरोध शुरू हो गया है। कई मुस्लिम संगठनों ने जयपुर के शहीद स्मारक पर गुरुवार को धरना दिया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बेनरतले दिए गए इस धरने में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई। कांग्रेस नेता और राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानू खान बुधवाली, जामा मस्जिद कमेटी के पूर्व सचिव अनवर शाह और मुस्लिम तेली महापंचायत के अध्यक्ष सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने वक्फ संशोधित कानून का विरोध किया। इन प्रतिनिधियों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने संविधान के खिलाफ जाकर इस कानून में बदलाव किया है जो कि मंजूर नहीं है। जब तक केंद्र सरकार वापस इसे मूलरूप में नहीं लाएगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। एक समुदाय को टारगेट किया जा रहा - बुधवालीराजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानू खान बुधवाली ने कहा कि जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है। तब से समुदाय विशेष को टारगेट किया जा रहा है। वक्फ संशोधन कानून का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। उम्मीद जताई जा रही है कि न्यायालय से न्याय मिलेगा। बुधवाली ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार देवस्थान विभाग और अन्य धर्मों में बदलाव की बात नहीं करती है। किसी मंदिर के ट्रस्ट में मुस्लिम को शामिल नहीं किया जाता लेकिन मुस्लिम समुदाय से जुड़े बोर्ड में गैर मुस्लिम की नियुक्ति कैसे की जा सकती है। बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान में सभी धर्मों के नागरिकों को समान अधिकार दिए हैं लेकिन केंद्र सरकार केवल एक समुदाय के हितों को कुचलने का काम कर रही है। शहादत देनी होगी को भी पीछे नहीं हटेंगे - अनवर शाहजामा मस्जिद कमेटी जयपुर के पूर्व सचिव अनवर शाह का कहना है कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में 140 करोड़ लोगों की बात करते हैं। दूसरी तरफ समुदाय विशेष के करोड़ों नागरिकों के हितों की अनदेखी की जा रही है। शाह ने कहा कि वक्फ कानून मुसलमानों से जुड़ा है लेकिन मुसलमानों से ही चर्चा किए बिना ही इस कानून में संशोधन कर दिया। केंद्र सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए। जिस तरह से दो साल पहले किसानों के लिए कानून बनाकर थोप दिए थे। उसी तरह अब मुसलमानों पर यह कानून थोपा जा रहा है। सैकड़ों किसानों की शहादत के बाद काले कृषि कानून को वापस लिया गया था। मुस्लिम समुदाय भी वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ अपनी शहादत देने से पीछे नहीं हटेगा। राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन, पुनर्विचार करे सरकारजमात ए इस्लामी हिंद के प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद नाजिम ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के विभिन्न संगठनों की ओर से वक्फ संशोधित कानून का विरोध किया गया। राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में यह मांग की गई है कि सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सदस्य यास्मीन फारूकी का कहना है कि विरोध करना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है जो संविधान में प्रदत्त है। यह कानून पूरी तरीके से गैर संवैधानिक है। ऐसे में इसे वापस मूल रूप में लाना चाहिए।
You may also like
सरकार का बैंकों और इसके छोटे ऋण धारकों के प्रति दोहरा रवैया : दिलीप साहा
गूगल I/O 2025: अब दाम गिरने का इंतज़ार खत्म, गूगल लाएगा ऑटोमैटिक प्राइस अलर्ट
मेडिकल कॉलेज में परिजन स्वयं खींचते मिले अपने मरीज का स्ट्रेचर
राजकीय सम्प्रेक्षण गृह गोरखपुर में 71 बाल अपचारियों की दुर्दशा के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
रिश्वत प्रकरण में एमएलए पटेल की जमानत अर्जी खारिज