हैदराबाद: रूस-यूक्रेन युद्ध में भारतीय के तीन युवकों के फंसे होने का खुलासा हुआ है। ये युवक तेलंगाना, राजस्थान और हरियाणा के रहने वाले हैं। रूस की सेना की तरफ से युद्ध लड़ रहे हैदराबाद के रहने वाले मोहम्मद अहमद नाम के एक युवक ने सेल्फी वीडियो में खौफनाक मंजर बयां करते हुए बचाने की गुहार लगाई है। युवक ने एक वीडियो कमें कहा है कि उसके साथ प्रशिक्षण लेने पर 25 लोगों में अब तक 17 मारे गए हैं। इनमें एक भारतीय भी शामिल है। वीडियो में मोहम्मद अहमद ने बताया है कि निर्माण क्षेत्र में रोजगार पाने की उम्मीद में अप्रैल में तेलंगाना से रूस की यात्रा की, लेकिन वहां पहुंचने पर उसने खुद को रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच फसा हुआ पाया। वहां कथित तौर पर उसके नौकरी एजेंट द्वारा धोखाधड़ी के बाद उसे अग्रिम मोर्चे पर लड़ने के लिए मजबूर किया गया।
सेल्फी वीडिया में क्या बताया?
अहमद ने कथित तौर पर रूस में रिकॉर्ड किए गए एक सेल्फी वीडियो में कहा है कि मैं जिस जगह पर हूं। वह एक बॉर्डर है। वहां युद्ध चल रहा है। हम चार भारतीयों ने युद्ध क्षेत्र में जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने हमें लड़ने की धमकी दी और मुझ पर और एक अन्य व्यक्ति पर हथियार तान दिया। उन्होंने मेरी गर्दन पर बंदूक तान दी और कहा कि वे मुझे गोली मार देंगे और ऐसा दिखावा करेंगे जैसे मुझे ड्रोन से मारा गया हो। अहमद ने कहा है कि मेरे पैर पर प्लास्टर है और मैं चल नहीं पा रहा हूं। कृपया उस एजेंट को न बख्शें जिसने मुझे यहां (रूस) भेजा है। उसने मुझे इन सब में उलझा दिया। उसने मुझे 25 दिनों तक बिना काम के यहां बिठाए रखा। मैं काम मांगता रहा, लेकिन व्यर्थ। रूस में नौकरी के नाम पर मुझे ज़बरदस्ती इसमें घसीटा गया।
पत्नी ने लगाई बचाने की गुहार
सेल्फी वीडियो के सामने आने के बाद मोहम्मद अहमद की पत्नी अफशा बेगम ने विदेश मंत्रालय से 37 साल के अपने पति को बचाने की गुहार लगाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे एक पत्र में अहमद की पत्नी ने कहा कि मुंबई की एक कंसल्टेंसी फर्म ने उनके पति को रूस की एक निर्माण कंपनी में नौकरी की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि उनके समझौते के अनुसार, अहमद अप्रैल 2025 में भारत छोड़कर रूस पहुंच गए। पत्नी ने दावा किया कि उनके पति को लगभग एक महीने तक बिना काम के रखा गया और बाद में, 30 अन्य लोगों के साथ, उन्हें एक दूरदराज के इलाके में स्थानांतरित कर दिया गया और उन्हें जबरन हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद, 26 लोगों को यूक्रेनी सेना से लड़ने के लिए सीमा क्षेत्र में ले जाया गया। सीमा क्षेत्र में ले जाते समय, अहमद सेना के वाहन से कूद गया, जिससे उसके दाहिने पैर में फ्रैक्चर हो गया। उसने लड़ने से इनकार कर दिया। लेकिन उसे धमकी दी जा रही है कि या तो वह यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़े या फिर मारा जाए।
परिवार की हालत है दयनीय
अफशा बेगम ने सरकार से अपने पति की तत्काल स्वदेश वापसी की व्यवस्था करने का आग्रह किया, क्योंकि उनके अनुसार, वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला है, जिसमें उसकी लकवाग्रस्त मां, वह खुद और उसके 10 और 4 साल के दो बच्चे शामिल हैं। इस मामले को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी उठाया है। ओवैसी ने विदेश मंत्रालय और रूस स्थित भारतीय दूतावास से भी अहमद को वापस लाने में मदद की अपील की है। सेल्फी वीडियो और पत्नी की अपील के साथ हैदराबाद के सांसद ओवैसी की सक्रियता के बाद अब यह मामला चर्चा में आ गया है। विदेश मंत्रालय ने भी इस पर संज्ञान लिख है।
Russia mein phanse Hyderabad ke Mohammad Ahmad aur Haryana wa Rajasthan ke Anoop Kumar, Manoj Kumar aur Sumit Kumar ko jald se jald Bharat wapas laane ke liye AIMIM President Barrister @asadowaisi ki musalsal koshish.
— AIMIM (@aimim_national) October 22, 2025
Aaj phir unho'n ne Foreign Secretary, Ministry of External… pic.twitter.com/DP1180NCaf
सेल्फी वीडिया में क्या बताया?
अहमद ने कथित तौर पर रूस में रिकॉर्ड किए गए एक सेल्फी वीडियो में कहा है कि मैं जिस जगह पर हूं। वह एक बॉर्डर है। वहां युद्ध चल रहा है। हम चार भारतीयों ने युद्ध क्षेत्र में जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने हमें लड़ने की धमकी दी और मुझ पर और एक अन्य व्यक्ति पर हथियार तान दिया। उन्होंने मेरी गर्दन पर बंदूक तान दी और कहा कि वे मुझे गोली मार देंगे और ऐसा दिखावा करेंगे जैसे मुझे ड्रोन से मारा गया हो। अहमद ने कहा है कि मेरे पैर पर प्लास्टर है और मैं चल नहीं पा रहा हूं। कृपया उस एजेंट को न बख्शें जिसने मुझे यहां (रूस) भेजा है। उसने मुझे इन सब में उलझा दिया। उसने मुझे 25 दिनों तक बिना काम के यहां बिठाए रखा। मैं काम मांगता रहा, लेकिन व्यर्थ। रूस में नौकरी के नाम पर मुझे ज़बरदस्ती इसमें घसीटा गया।
पत्नी ने लगाई बचाने की गुहार
सेल्फी वीडियो के सामने आने के बाद मोहम्मद अहमद की पत्नी अफशा बेगम ने विदेश मंत्रालय से 37 साल के अपने पति को बचाने की गुहार लगाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे एक पत्र में अहमद की पत्नी ने कहा कि मुंबई की एक कंसल्टेंसी फर्म ने उनके पति को रूस की एक निर्माण कंपनी में नौकरी की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि उनके समझौते के अनुसार, अहमद अप्रैल 2025 में भारत छोड़कर रूस पहुंच गए। पत्नी ने दावा किया कि उनके पति को लगभग एक महीने तक बिना काम के रखा गया और बाद में, 30 अन्य लोगों के साथ, उन्हें एक दूरदराज के इलाके में स्थानांतरित कर दिया गया और उन्हें जबरन हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद, 26 लोगों को यूक्रेनी सेना से लड़ने के लिए सीमा क्षेत्र में ले जाया गया। सीमा क्षेत्र में ले जाते समय, अहमद सेना के वाहन से कूद गया, जिससे उसके दाहिने पैर में फ्रैक्चर हो गया। उसने लड़ने से इनकार कर दिया। लेकिन उसे धमकी दी जा रही है कि या तो वह यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़े या फिर मारा जाए।
परिवार की हालत है दयनीय
अफशा बेगम ने सरकार से अपने पति की तत्काल स्वदेश वापसी की व्यवस्था करने का आग्रह किया, क्योंकि उनके अनुसार, वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला है, जिसमें उसकी लकवाग्रस्त मां, वह खुद और उसके 10 और 4 साल के दो बच्चे शामिल हैं। इस मामले को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी उठाया है। ओवैसी ने विदेश मंत्रालय और रूस स्थित भारतीय दूतावास से भी अहमद को वापस लाने में मदद की अपील की है। सेल्फी वीडियो और पत्नी की अपील के साथ हैदराबाद के सांसद ओवैसी की सक्रियता के बाद अब यह मामला चर्चा में आ गया है। विदेश मंत्रालय ने भी इस पर संज्ञान लिख है।
You may also like
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर यूपी कांग्रेस की ये तैयारी, कहीं अखिलेश यादव को तो संदेश नहीं
AC करेगा एयर प्यूरीफायर का काम, कमरे की हवा होगी साफ, समझें तरीका
'वृषभ' को लेकर मोहनलाल का खुलासा, 25 अक्टूबर को होगी धमाकेदार घोषणा –
देश में एसआईआर की तैयारियों पर चुनाव आयोग की दो दिवसीय बैठक सम्पन्न –
VIDEO: एडिलेड में जायसवाल, जुरेल और कृष्णा ने ली Uber, स्टार्स को गाड़ी में बैठता देख हैरान हुआ ड्राइवर