Next Story
Newszop

Trump Tariff Order Explained: ट्रंप का टैरिफ आदेश बदल सकता है या नहीं, भारत के लिए क्या है इसका मतलब? जानें हर सवाल का जवाब

Send Push
नई दिल्‍ल्‍ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से अमेरिका जाने वाले सभी सामानों पर 25% का अतिरिक्त टैक्स लगा दिया है। इसका कारण भारत का रूस से तेल खरीदना है। अमेरिका का कहना है कि यह अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। यह आदेश यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के बाद लिया गया है। इसमें इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट और ट्रेड एक्ट ऑफ 1974 जैसे कानूनों का इस्तेमाल किया गया है। ट्रंप प्रशासन चाहता है कि भारत रूस से तेल खरीदना कम कर दे। ऐसे में भारत पर आर्थिक दबाव बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। यह टैक्स 27 अगस्त, 2025 से लागू होगा। आइए, इस आदेश से जुड़ा हर पहलू जानते हैं।



अमेरिका ने क्‍यों जारी किया आदेश?अमेरिका का कहना है कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन पर लगाए गए प्रतिबंधों को कमजोर कर रहा है। इसलिए भारत पर यह कार्रवाई की गई है।



ट्रंप के आदेश में कितना टैरिफ?इस आदेश के अनुसार, भारत से अमेरिका जाने वाले सभी सामानों पर पहले से लगे टैक्स के ऊपर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगेगा। यह 27 अगस्त, 2025 से लागू होगा। लेकिन, जो सामान इस तारीख से पहले ही रवाना हो चुका है और 17 सितंबर, 2025 से पहले अमेरिका पहुंच जाएगा, उस पर यह टैक्स नहीं लगेगा।



क्‍या किसी तरह की छूट दी गई है?कुछ चीजों पर यह टैक्स नहीं लगेगा। जैसे कि वे चीजें जिन्हें अमेरिका के कानून 50 यू.एस.सी. 1702(b) के तहत छूट मिली हुई है। इसके अलावा, एग्जीक्यूटिव ऑर्डर 14257 (2 अप्रैल, 2025) के एनेक्‍सचर II में लिस्टेड चीजें और ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट के सेक्शन 232 के तहत आने वाले सामान भी इस टैरिफ से मुक्त रहेंगे। साथ ही, यूएस फॉरेन ट्रेड जोन में 'डोमेस्टिक स्टेटस' नियमों के तहत आने वाले सामानों पर भी यह टैरिफ नहीं लगेगा।



क्‍या आदेश को बदला जा सकता है?हां। राष्ट्रपति इस टैरिफ आदेश को बदल सकते हैं। अगर दूसरे देश अमेरिका के खिलाफ कार्रवाई करते हैं या अमेरिका की नीतियों में बदलाव होता है या अमेरिकी अधिकारी सलाह देते हैं या रूस के व्यवहार में बदलाव आता है तो राष्ट्रपति टैक्स की दर को बदल सकते हैं या इसे हटा भी सकते हैं।



रूसी तेल आयात का क्‍या मतलब है?इस आदेश में 'रूसी तेल का आयात' शब्द का मतलब साफ किया गया है। इसका अर्थ है- सीधे रूस से तेल खरीदना या किसी दूसरे देश के माध्यम से तेल खरीदना। यह तय करने का अधिकार अमेरिका के वाणिज्य सचिव को दिया गया है कि कौन सा तेल रूसी तेल माना जाएगा। वे अन्य एजेंसियों से सलाह लेकर यह फैसला करेंगे।



क्‍या दूसरे देशों पर भी ऐसा टैरिफ लगेगा?संभव है कि दूसरे देशों पर भी ऐसा ही टैक्स लगाया जाए। आदेश में कहा गया है कि वाणिज्य सचिव उन देशों पर नजर रखेंगे जो रूस से तेल खरीद रहे हैं। अगर जरूरी हुआ तो राष्ट्रपति उन देशों पर भी ऐसा ही टैक्स लगा सकते हैं।



भारत के लिए इसका क्‍या मतलब है?इस नए टैक्स से भारत पर बुरा असर पड़ेगा। भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात में कमी आ सकती है। खासकर IT सर्विस, दवा, ऑटो पार्ट्स, कपड़ा और इंजीनियरिंग के सामानों के निर्यात पर इसका असर पड़ेगा। इससे भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव भी बढ़ सकता है। भारत भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी सामानों पर टैक्स लगा सकता है।



यह आदेश ट्रंंप प्रशासन को यह अधिकार देता है कि वह भारत और उन सभी देशों पर आर्थिक दबाव बढ़ा सके जो रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को कमजोर कर रहे हैं।

Loving Newspoint? Download the app now