नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर राज्यसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी के लिए एक अच्छी खबर है। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पार्टी के अकेले एमएलए सज्जाद गनी लोन ने एलान किया है कि वह केंद्र शासित प्रदेश में होने वाले राज्यसभा चुनाव में वोटिंग से गैर-हाजिर रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस चुनाव में बीजेपी के इशारे पर कांग्रेस के लिए सीट छोड़ने से इनकार कर दिया। सज्जाद लोन की पार्टी पहले बीजेपी के साथ रह चुकी है।
कांग्रेस को नहीं दी 'सेफ' सीट
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने मंगलवार को नेशनल कांफ्रेंस नेता और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर सहयोगी कांग्रेस को राज्यसभा की एक 'सेफ' सीट पर लड़ने का मौका नहीं देने का आरोप लगाया है। श्रीनगर में एक प्रेस कांफ्रेंस में लोन ने दावा किया कि नेशनल कांफ्रेंस ने कांग्रेस को 'अनसेफ' सीट (सीट नंबर-4) का ऑफर दिया था, जिसपर चुनाव लड़ने से कांग्रेस ने मना कर दिया। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस चाहती थी कि उसे ऐसी सीट मिले, जिसपर जीत सुनिश्चित हो, लेकिन जब उसकी बात नहीं मानी गई तो वह मैदान से पीछे हट गई।
'बीजेपी के कहने पर नहीं दी सीट'
सज्जाद लोन ने उमर अब्दुल्ला को चुनौती दी है कि वह साबित करें कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस को बीजेपी के कहने पर राज्यसभा की सीट देने से मना नहीं किया है। लोन ने कहा, 'उमर दिल्ली गए और दिल्ली मैराथन में हिस्सा लिया। उस समय मैंने अपने सहयोगियों को बताया कि नेशनल कांफ्रेंस अपनी सहयोगी कांग्रेस को कोई राज्यसभा सीट नहीं देगी।' 'बीजेपी के लिए इससे अच्छी खबर क्या होगी कि नेशनल कांफ्रेंस ने कांग्रेस को राज्यसभा सीट देने से मना कर दिया?'
'मर जाऊंगा, लेकिन एनसी को वोट नहीं'
लोन का कहना है कि उनके कांग्रेस के साथ भले ही मतभेद रहे हों, लेकिन यह एकमात्र पार्टी है, जो बीजेपी के साथ नहीं जुड़ी है। उनका कहना है, 'मैं बीजेपी के साथ जुड़ा था। पीडीपी भी बीजेपी के साथ जुड़ी थी। उमर अब्दुल्ला बीजेपी सरकार में मंत्री थे। कांग्रेस एकमात्र पार्टी है, जो बीजेपी के साथ नहीं जुड़ी।' उन्होंने ये भी कहा है कि वह किसी भी सूरत में नेशनल कांफ्रेंस को वोट नहीं दे सकते। उनके मुताबिक, 'मैं मर जाऊंगा, लेकिन नेशनल कांफ्रेंस को कभी वोट नहीं दूंगा। मैं कांग्रेस या किसी भी अन्य सेकुलर पार्टी को वोट देता, अगर उन्होंने उम्मीदवार दिए होते। मैं अगर नेशनल कांफ्रेंस को वोट दूंगा, तो अपने कार्यकर्ताओं का सामना कैसे करूंगा।'
चौथी सीट के लिए जबरदस्त लड़ाई
जम्मू और कश्मीर से राज्यसभा की 4 सीटें हैं और उन सभी के लिए 24 अक्टूबर को चुनाव होने हैं। नेशनल कांफ्रेंस ने सभी चार सीटों के लिए उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि बीजेपी ने तीन सीटों के लिए उम्मीदवार दिए हैं। 88 सीटों वाली जम्मू और कश्मीर विधानसभा में नेशनल कांफ्रेंस की अगुवाई वाले सत्ताधारी गठबंधन के 53 एमएलए हैं, वहीं विपक्षी बीजेपी के 28 विधायक हैं। इन 4 में से 3 सीटों पर नेशनल काफ्रेंस की जीत की संभावना है और 1 सीट के लिए बीजेपी पूरा जोर लगा रही है। ऐसे में अगर लोन की तरह कुछ और विपक्षी विधायकों ने मतदान से दूरी बना ली, तो बीजेपी की राह आसान हो सकती।
किस स्थिति में जीत सकती है बीजेपी?
लोन अपनी पार्टी के एकमात्र एमएलए हैं और उन्होंने मतदान में हिस्सा नहीं लेने की घोषणा कर दी है। इनके अलावा अब सबकी नजरें पीडीपी के 3, अवामी इत्तेहाद पार्टी के एक, आम आदमी पार्टी के एक (अभी जेल में बंद हैं) और एक निर्दलीय विधायक पर टिकी हैं। विधानसभा के गणित के हिसाब से अगर इनमें से दो और विधायक भी मतदान से दूर रहे तो चौथी सीट पर निश्चित रूप से बीजेपी की जीत हो सकती है। लेकिन, अगर सबने नेशनल कांफ्रेंस को वोट दिया तो उसके चौथे प्रत्याशी इमरान नबी डार की जीत सकते हैं। बता दें कि इस चुनाव में पार्टियां व्हिप जारी नहीं कर सकतीं।
कांग्रेस को नहीं दी 'सेफ' सीट
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने मंगलवार को नेशनल कांफ्रेंस नेता और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर सहयोगी कांग्रेस को राज्यसभा की एक 'सेफ' सीट पर लड़ने का मौका नहीं देने का आरोप लगाया है। श्रीनगर में एक प्रेस कांफ्रेंस में लोन ने दावा किया कि नेशनल कांफ्रेंस ने कांग्रेस को 'अनसेफ' सीट (सीट नंबर-4) का ऑफर दिया था, जिसपर चुनाव लड़ने से कांग्रेस ने मना कर दिया। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस चाहती थी कि उसे ऐसी सीट मिले, जिसपर जीत सुनिश्चित हो, लेकिन जब उसकी बात नहीं मानी गई तो वह मैदान से पीछे हट गई।
'बीजेपी के कहने पर नहीं दी सीट'
सज्जाद लोन ने उमर अब्दुल्ला को चुनौती दी है कि वह साबित करें कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस को बीजेपी के कहने पर राज्यसभा की सीट देने से मना नहीं किया है। लोन ने कहा, 'उमर दिल्ली गए और दिल्ली मैराथन में हिस्सा लिया। उस समय मैंने अपने सहयोगियों को बताया कि नेशनल कांफ्रेंस अपनी सहयोगी कांग्रेस को कोई राज्यसभा सीट नहीं देगी।' 'बीजेपी के लिए इससे अच्छी खबर क्या होगी कि नेशनल कांफ्रेंस ने कांग्रेस को राज्यसभा सीट देने से मना कर दिया?'
'मर जाऊंगा, लेकिन एनसी को वोट नहीं'
लोन का कहना है कि उनके कांग्रेस के साथ भले ही मतभेद रहे हों, लेकिन यह एकमात्र पार्टी है, जो बीजेपी के साथ नहीं जुड़ी है। उनका कहना है, 'मैं बीजेपी के साथ जुड़ा था। पीडीपी भी बीजेपी के साथ जुड़ी थी। उमर अब्दुल्ला बीजेपी सरकार में मंत्री थे। कांग्रेस एकमात्र पार्टी है, जो बीजेपी के साथ नहीं जुड़ी।' उन्होंने ये भी कहा है कि वह किसी भी सूरत में नेशनल कांफ्रेंस को वोट नहीं दे सकते। उनके मुताबिक, 'मैं मर जाऊंगा, लेकिन नेशनल कांफ्रेंस को कभी वोट नहीं दूंगा। मैं कांग्रेस या किसी भी अन्य सेकुलर पार्टी को वोट देता, अगर उन्होंने उम्मीदवार दिए होते। मैं अगर नेशनल कांफ्रेंस को वोट दूंगा, तो अपने कार्यकर्ताओं का सामना कैसे करूंगा।'
चौथी सीट के लिए जबरदस्त लड़ाई
जम्मू और कश्मीर से राज्यसभा की 4 सीटें हैं और उन सभी के लिए 24 अक्टूबर को चुनाव होने हैं। नेशनल कांफ्रेंस ने सभी चार सीटों के लिए उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि बीजेपी ने तीन सीटों के लिए उम्मीदवार दिए हैं। 88 सीटों वाली जम्मू और कश्मीर विधानसभा में नेशनल कांफ्रेंस की अगुवाई वाले सत्ताधारी गठबंधन के 53 एमएलए हैं, वहीं विपक्षी बीजेपी के 28 विधायक हैं। इन 4 में से 3 सीटों पर नेशनल काफ्रेंस की जीत की संभावना है और 1 सीट के लिए बीजेपी पूरा जोर लगा रही है। ऐसे में अगर लोन की तरह कुछ और विपक्षी विधायकों ने मतदान से दूरी बना ली, तो बीजेपी की राह आसान हो सकती।
किस स्थिति में जीत सकती है बीजेपी?
लोन अपनी पार्टी के एकमात्र एमएलए हैं और उन्होंने मतदान में हिस्सा नहीं लेने की घोषणा कर दी है। इनके अलावा अब सबकी नजरें पीडीपी के 3, अवामी इत्तेहाद पार्टी के एक, आम आदमी पार्टी के एक (अभी जेल में बंद हैं) और एक निर्दलीय विधायक पर टिकी हैं। विधानसभा के गणित के हिसाब से अगर इनमें से दो और विधायक भी मतदान से दूर रहे तो चौथी सीट पर निश्चित रूप से बीजेपी की जीत हो सकती है। लेकिन, अगर सबने नेशनल कांफ्रेंस को वोट दिया तो उसके चौथे प्रत्याशी इमरान नबी डार की जीत सकते हैं। बता दें कि इस चुनाव में पार्टियां व्हिप जारी नहीं कर सकतीं।
You may also like
राज्य सरकार गरीबों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्धः मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मप्रः राज्य स्तरीय निगरानी समिति अध्यक्ष ने आश्रय स्थलों की व्यवस्थाएं देखी
सिवनीः टुरिया गेट पर पर्यटकों ने किए बाघ व तेंदुए के दर्शन
जैसलमेर बस हादसा: आग की लपटों में झुलसी 12 जिंदगियां, चीख-पुकार से गूंज उठा हाईवे- Video
महाराष्ट्र में मंकीपॉक्स की एंट्री, धुले में मिला पहला मरीज, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट