भुवनेश्वर: अमेरिका में रह रही 21 वर्षीय ओडिशा की एक युवती ने अपने माता-पिता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। युवती को इस अमेरीकी दंपति ने गोद लिया था। युवती का कहना है कि उसके अमेरिकी गोद लिए हुए माता-पिता उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं और उसे जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। उसने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से अपील की है कि वे उसे भारत वापस लाने में मदद करें क्योंकि उसकी जान को खतरा है। सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में युवती ने बताया कि वह अब इस मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। उसने कहा कि वे चाहते हैं कि मैं ईसाई धर्म स्वीकार कर लूं, लेकिन मैं हिंदू हूं और यह मेरे लिए असंभव है। यहां अमेरिका में मेरी जान को खतरा है।
युवती ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी मां उससे जबरदस्ती घर के सारे काम करवाती है, लेकिन उसे ठीक से खाना नहीं देती। उसने कहा कि यह मेरी सरकार से विनती है कि मुझे जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए। मैं यहां बहुत परेशानी में हूं। मेरे पालक माता-पिता मुझे प्रताड़ित करते हैं। मैं आज भी एक भारतीय लड़की हूं और अमेरिका में बिल्कुल खुश नहीं हूं। युवती की इस पोस्ट के सामने आने के बाद ओडिशा सरकार के अधिकारी हरकत में आ गए हैं। बालासोर जिले के उपायुक्त सूर्यवंशी मयूर विकास ने बताया कि पोस्ट का संज्ञान लेते हुए स्टेट अडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी और सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी से संपर्क किया गया है।
क्या बोले उपायुक्त
उपायुक्त विकास ने कहा कि अभी तक हमारी उस युवती से सीधी बात नहीं हो पाई है। हम उसके बारे में और जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। हमने उसके बालासोर जिले के एक दोस्त से भी संपर्क किया है ताकि अधिक जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि SARA ने इस मामले की जानकारी विदेश मंत्रालय (MEA) को दे दी है। यदि जरूरत पड़ी तो हम भी मंत्रालय से संपर्क करेंगे। चूंकि यह गोद लेने से जुड़ा मामला है, इसलिए SARA और CARA ही इस पर कार्रवाई करने वाली उपयुक्त संस्थाएं हैं।
2018 में अमेरिकी दंपति ने लिया था गोद
गौरतलब है कि यह युवती कुछ वर्ष पहले अपने माता-पिता के साथ यात्रा के दौरान लापता हो गई थी। बाद में उसे बालासोर के नीलगिरी इलाके से बचाया गया और भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में स्थित एक बाल गृह में भेजा गया था। इसके बाद उसे कोलाथिया स्थित एक दत्तक केंद्र में रखा गया, जहां से वर्ष 2018 में एक अमेरिकी दंपति ने उसे गोद लिया था। अब युवती की गुहार के बाद मामला एक बार फिर सुर्खियों में है।
युवती ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी मां उससे जबरदस्ती घर के सारे काम करवाती है, लेकिन उसे ठीक से खाना नहीं देती। उसने कहा कि यह मेरी सरकार से विनती है कि मुझे जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए। मैं यहां बहुत परेशानी में हूं। मेरे पालक माता-पिता मुझे प्रताड़ित करते हैं। मैं आज भी एक भारतीय लड़की हूं और अमेरिका में बिल्कुल खुश नहीं हूं। युवती की इस पोस्ट के सामने आने के बाद ओडिशा सरकार के अधिकारी हरकत में आ गए हैं। बालासोर जिले के उपायुक्त सूर्यवंशी मयूर विकास ने बताया कि पोस्ट का संज्ञान लेते हुए स्टेट अडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी और सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी से संपर्क किया गया है।
क्या बोले उपायुक्त
उपायुक्त विकास ने कहा कि अभी तक हमारी उस युवती से सीधी बात नहीं हो पाई है। हम उसके बारे में और जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। हमने उसके बालासोर जिले के एक दोस्त से भी संपर्क किया है ताकि अधिक जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि SARA ने इस मामले की जानकारी विदेश मंत्रालय (MEA) को दे दी है। यदि जरूरत पड़ी तो हम भी मंत्रालय से संपर्क करेंगे। चूंकि यह गोद लेने से जुड़ा मामला है, इसलिए SARA और CARA ही इस पर कार्रवाई करने वाली उपयुक्त संस्थाएं हैं।
2018 में अमेरिकी दंपति ने लिया था गोद
गौरतलब है कि यह युवती कुछ वर्ष पहले अपने माता-पिता के साथ यात्रा के दौरान लापता हो गई थी। बाद में उसे बालासोर के नीलगिरी इलाके से बचाया गया और भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में स्थित एक बाल गृह में भेजा गया था। इसके बाद उसे कोलाथिया स्थित एक दत्तक केंद्र में रखा गया, जहां से वर्ष 2018 में एक अमेरिकी दंपति ने उसे गोद लिया था। अब युवती की गुहार के बाद मामला एक बार फिर सुर्खियों में है।
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