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अभी तो उसकी जिंदगी शुरू हुई थी... दिल्ली धमाके ने छीन लिया कटारिया परिवार का जिम्मेदार बेटा

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अश्विनी शर्मा, नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार को हुए बम धमाके ने कई घरों के चिराग छीन लिए तो कई परिवार के सिर से बड़ों का साया छीन लिया। सोमवार की शाम अमर कटारिया रोजाना की तरह भागीरथ पैलेस में दवा की दुकान समेट कर घर लौटने वाले थे। अमर ने मेट्रो पकड़ने के लिए कदम बढ़ाया ही था कि अचानक गूंजा धमाका और सब खत्म हो गया। अमर के पिता जगदीश कटारिया कहते हैं कि वह जिंदगी की काली रात थी। इकलौता चिराग छीना।

बेटे का फोन किसी महिला ने उठाया
बेटे ने कॉल करके पूछा था, पापा कहां हो, निकल गए आप? बात पूरी हो नहीं पाई। दोबारा कॉल किया तो फोन लगा नहीं। बहू ने कॉल किया तो बेटे का कॉल किसी महिला ने उठाया। बेटे के बारे में पूछने पर महिला ने बताया कि लाल किले के पास ब्लास्ट हुआ है, यह फोन उन्हें वहीं मिला है। अगर फोन लेना है तो कश्मीरी गेट आ जाओ।


टैटू से हुई शवों की पहचान

पूरी रात भटकने के बाद सुबह पांच बजे जैसे-तैसे बेटे का शव बरामद हुआ। अमर के सिर के पीछे चोट का निशान था। उन्होंने बेटे की चेन और हाथ के टैटू के बारे में शवगृह में तैनात कर्मचारी को बताया, जिसे देखकर कर्मचारी ने उन्हें शव दिया। उनके एक हाथ की बांह पर Mom My First Love और दूसरी बांह पर Dad My Strength लिखा हुआ था।

परिवार ने लगाए आरोप
वहीं, एक अन्य टैटू में पत्नी कृति का नाम लिखा हुआ था। अमर की चार साल पहले शादी हुई थी। तीन साल का बेटा है। अमर के ससुर सुदेश सेठी ने पुलिस और जांच एजेंसी पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए।
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