सीकर: देश के रक्षक की जिंदगी एक लम्हे में छिन गई। दरअसल, 20 दिन की छुट्टी पर घर आए नायब सूबेदार गजेंद्र सिंह का ससुराल जाना उनकी जिंदगी का आखिरी सफर बन गया। CASD दिल्ली में तैनात 45 वर्षीय नायब सूबेदार गजेंद्र सिंह की बाइक को राजस्थान के सीकर जिले में खंडेला क्षेत्र में किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। मंगलवार सुबह उनकी मौत की खबर परिवार पर दुखों का पहाड़ बनकर टूटी। शाम होते-होते सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
7 महीने पहले ही बने थे नायब सूबेदार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बरसिंहपुरा रोड, गुलाब बाग निवासी गजेंद्र सिंह सेना में 23 साल से सेवाएं दे रहे थे। महज 7 महीने पहले उन्हें नायब सूबेदार के पद पर प्रमोशन मिला था। फिलहाल उनकी पोस्टिंग दिल्ली स्थित CASD में थी। 22 जून को 20 दिन की छुट्टी लेकर गांव आए थे। सोमवार रात करीब 9:30 बजे वह बाइक से ससुराल खेजरोली के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ते में हादसे का शिकार हो गए।
सुबह 6 बजे पुलिस का फोन आया...गजेंद्र सिंह के घर से निकलते वक्त ही उनका फोन स्विच ऑफ हो गया था। रातभर परिजन उनसे संपर्क करने की कोशिश करते रहे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सुबह करीब 6 बजे पुलिस से सूचना मिली कि एक व्यक्ति की सड़क हादसे में मौत हो गई है। परिजन जब अस्पताल पहुंचे, तब उन्हें गजेंद्र सिंह की पहचान हुई।
पेड़ से टकराई बाइक
खंडेला थानाधिकारी इंद्र प्रकाश यादव के अनुसार प्राथमिक जांच में मामला किसी वाहन की टक्कर से बाइक के असंतुलित होकर पेड़ से टकराने का लग रहा है। फिलहाल अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस हादसे के सटीक कारणों की जांच कर रही है।
12 साल का बेटा, अब यादें ही सहारा
गजेंद्र सिंह अपने पीछे पत्नी और 12 वर्षीय बेटे को छोड़ गए हैं। घर में खुशी के कुछ पल बिताने आए फौजी की विदाई अब आंसुओं के सैलाब में हो गई। सैन्य सलामी के बीच अंतिम संस्कार के वक्त हर आंख नम थी।
देश का एक और सपूत अब सिर्फ यादों में जिंदा रहेगा...
छुट्टी पर घर आया था, अपनों से मिलने, लेकिन किसे पता था कि ससुराल की ओर बढ़ता यह सफर सीधे चिरनिद्रा की ओर जाएगा। अब न गजेंद्र सिंह हैं, न उनके शब्द, बस रह गई हैं वीरता की गाथाएं और परिवार के आंखों में अटूट दर्द की नमी...।
7 महीने पहले ही बने थे नायब सूबेदार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बरसिंहपुरा रोड, गुलाब बाग निवासी गजेंद्र सिंह सेना में 23 साल से सेवाएं दे रहे थे। महज 7 महीने पहले उन्हें नायब सूबेदार के पद पर प्रमोशन मिला था। फिलहाल उनकी पोस्टिंग दिल्ली स्थित CASD में थी। 22 जून को 20 दिन की छुट्टी लेकर गांव आए थे। सोमवार रात करीब 9:30 बजे वह बाइक से ससुराल खेजरोली के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ते में हादसे का शिकार हो गए।
सुबह 6 बजे पुलिस का फोन आया...गजेंद्र सिंह के घर से निकलते वक्त ही उनका फोन स्विच ऑफ हो गया था। रातभर परिजन उनसे संपर्क करने की कोशिश करते रहे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। सुबह करीब 6 बजे पुलिस से सूचना मिली कि एक व्यक्ति की सड़क हादसे में मौत हो गई है। परिजन जब अस्पताल पहुंचे, तब उन्हें गजेंद्र सिंह की पहचान हुई।
पेड़ से टकराई बाइक
खंडेला थानाधिकारी इंद्र प्रकाश यादव के अनुसार प्राथमिक जांच में मामला किसी वाहन की टक्कर से बाइक के असंतुलित होकर पेड़ से टकराने का लग रहा है। फिलहाल अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस हादसे के सटीक कारणों की जांच कर रही है।
12 साल का बेटा, अब यादें ही सहारा
गजेंद्र सिंह अपने पीछे पत्नी और 12 वर्षीय बेटे को छोड़ गए हैं। घर में खुशी के कुछ पल बिताने आए फौजी की विदाई अब आंसुओं के सैलाब में हो गई। सैन्य सलामी के बीच अंतिम संस्कार के वक्त हर आंख नम थी।
देश का एक और सपूत अब सिर्फ यादों में जिंदा रहेगा...
छुट्टी पर घर आया था, अपनों से मिलने, लेकिन किसे पता था कि ससुराल की ओर बढ़ता यह सफर सीधे चिरनिद्रा की ओर जाएगा। अब न गजेंद्र सिंह हैं, न उनके शब्द, बस रह गई हैं वीरता की गाथाएं और परिवार के आंखों में अटूट दर्द की नमी...।
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