पुणे: महाराष्ट्र में पुणे जिले के भाटघर डैम के पानी का रंग अचानक हरा हो गया है। इससे लोगों में डर का माहौल है। पिछले चार-पांच दिनों से पानी का रंग बदला हुआ दिख रहा है। सुबह के समय पानी पर हरी परत जम जाती है। जो कि दोपहर तक रहती है। अधिकारियों ने पानी के नमूने जांच के लिए भेजे हैं और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
कहां बदला पानी का रंग?
दरअसल पुणे जिले में भाटघर डैम के उत्तरी किनारे के साथ-साथ संगमनेर, मालवाड़ी और नरहे गांवों के किनारों पर भी पानी का रंग बदला हुआ देखा गया है। यह जलाशय भोर शहर सहित क्षेत्र के कई गांवों को पानी की सप्लाई करता है। इससे लोगों में पेयजल की सुरक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। स्थानीय नागरिकों के अनुसार, डैम में कुछ निजी व्यवसायियों को मछली पालन की अनुमति दी गई है।
क्या है वजह?
ये व्यवसायी मछलियों को खाना खिला रहे हैं। इससे पानी हरा हो रहा है। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उप-विभागीय अधिकारी डॉ. विकास खरात ने पानी के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजने के आदेश दिए हैं। संबंधित विभाग को पानी में मौजूद शैवाल को तुरंत हटाने के लिए आवश्यक उपाय करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार अफसर?
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता गणेश टेंगले ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि मछली पालन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पिंजरों में मिलने वाले भोजन में नाइट्रोजन की मात्रा ज़्यादा होती है। इसलिए पानी में शैवाल की वृद्धि तेज़ होती है। इसी वजह से जलाशय का पानी हरा हो जाता है। हालांकि, कुछ समय बाद यह स्थिति स्वाभाविक रूप से वापस आ जाती है। प्रशासन स्थिति पर नज़र रखे हुए है और लोगों से अपील कर रहा है कि जब तक यह सुनिश्चित न हो जाए कि पानी सुरक्षित है, तब तक वे सतर्क रहें।
कहां बदला पानी का रंग?
दरअसल पुणे जिले में भाटघर डैम के उत्तरी किनारे के साथ-साथ संगमनेर, मालवाड़ी और नरहे गांवों के किनारों पर भी पानी का रंग बदला हुआ देखा गया है। यह जलाशय भोर शहर सहित क्षेत्र के कई गांवों को पानी की सप्लाई करता है। इससे लोगों में पेयजल की सुरक्षा को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। स्थानीय नागरिकों के अनुसार, डैम में कुछ निजी व्यवसायियों को मछली पालन की अनुमति दी गई है।
भोर तालुक्यातील भाटघर धरणातील पाण्याला अचानक हिरवा रंग आल्यामुळे नागरिकांमध्ये चिंता आणि भीतीचे वातावरण निर्माण झाले आहे. गेल्या चार ते पाच दिवसांपासून धरणाच्या पाण्याचा रंग बदलल्याचे स्पष्टपणे दिसत आहे... #PuneNews #ViralVideo #MarathiNews #BhatgharDam pic.twitter.com/xpKe0tMJQH
— Harish Malusare (@harish_malusare) July 22, 2025
क्या है वजह?
ये व्यवसायी मछलियों को खाना खिला रहे हैं। इससे पानी हरा हो रहा है। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उप-विभागीय अधिकारी डॉ. विकास खरात ने पानी के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजने के आदेश दिए हैं। संबंधित विभाग को पानी में मौजूद शैवाल को तुरंत हटाने के लिए आवश्यक उपाय करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार अफसर?
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता गणेश टेंगले ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि मछली पालन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पिंजरों में मिलने वाले भोजन में नाइट्रोजन की मात्रा ज़्यादा होती है। इसलिए पानी में शैवाल की वृद्धि तेज़ होती है। इसी वजह से जलाशय का पानी हरा हो जाता है। हालांकि, कुछ समय बाद यह स्थिति स्वाभाविक रूप से वापस आ जाती है। प्रशासन स्थिति पर नज़र रखे हुए है और लोगों से अपील कर रहा है कि जब तक यह सुनिश्चित न हो जाए कि पानी सुरक्षित है, तब तक वे सतर्क रहें।
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