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बाबा बागेश्वर के बयान पर बरसी कांग्रेस नेता, बोली- माफी मांगे, अपनी पार्टी के नेताओं की चुप्पी पर साधा निशाना

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इंदौरः मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के खजराना से कांग्रेस की पार्षद बागेश्वर बाबा के बयान पर भड़क गई। पार्षद रुबीना इकबाल खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए धीरेंद्र शास्त्री, प्रज्ञा ठाकुर और यहां तक कि कांग्रेस नेतृत्व पर भी सवालों की बौछार कर दी।





पार्षद रुबीना इकबाल ने कहा कि आजकल मुसलमानों को लेकर कई आपत्तिजनक बयान सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं दुर्गा बनो, काली बनो, लेकिन बुर्के वाली मत बनो। सवाल ये है कि बुर्का पहनना कब से अपराध हो गया? क्या बुर्के वाली किसी के हाथ में बम या रिवॉल्वर लेकर घूम रही है।





धीरेंद्र शास्त्री माफी मांगे

महिला पार्षद ने उनके इस बयान को मुस्लिम धर्म की महिलाओं का अपमान बताया। साथ ही उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री के लिए कहा कि उनको मुस्लिम महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए। इसके साथ ही ऐसे आपत्तिजनक बयानों के बाद भी चुप्पी साधने वाले अपनी ही पार्टी के नेताओं को पर भी निशाना साधा।





बाबा बागेश्वर को दे दी नसीहत

पार्षद धीरेंद्र शास्त्री के उस बयान से नाराज थी, जिसमें उन्होंने 'बुर्के वाली महिलाओं' को लव जिहाद से जोड़ दिया था। पार्षद ने यह भी कहा कि 1, 2 या 10 लोगों की गलती से पूरे समुदाय को निशाना नहीं बनाया जा सकता। आप अपनी बेटियों को दुर्गा और काली बनने की शिक्षा दीजिए, लेकिन मुस्लिम लड़कियों की तुलना बुर्के से क्यों की जा रही है।





अपनी पार्टी के नेताओं को भी लपेटा

रुबीना इकबाल खान इतने मे ही नहीं रुकीं और कांग्रेस के सीनियर नेताओं को भी निशाने पर लिया। उन्होंने जीतू पटवारी, दिग्विजय सिंह, प्रियंका गांधी और जयवर्धन सिंह से सीधा सवाल किया। रूबीना ने पूछा कि मुसलमान क्या सिर्फ कांग्रेस को वोट देने के लिए हैं? जब कोई हमारे धर्म या पहनावे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करता है। तब पार्टी का कोई नेता खुलकर उसका विरोध क्यों नहीं करता?





प्रज्ञा ठाकुर पर भी साधा निशाना

महिला पार्षद ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को लेकर भी खुलकर नाराजगी जताई। मालेगांव ब्लास्ट मामले में बरी होने के बाद समुदाय विशेष को बदनाम करने में लगी हुई हैं। उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर के हरे रंग से आतंकवाद जैसे बयान का भी विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि यह सोच बेहद खतरनाक है और समाज को बांटने वाली है।





अंत में उन्होंने इंदौर की स्वच्छता रैंकिंग को लेकर भी भाजपा को घेरा। इंदौर को आठवीं बार स्वच्छता में नंबर वन आने का क्रेडिट बीजेपी क्यों ले रही है? मेहनत तो सफाईकर्मियों ने की है, नेताओं को तो सिर्फ थाली में सजाकर उपलब्धि मिल गई।

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