नई दिल्ली: अमेरिका लगातार चौथे साल भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर बना रहा। वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच 131.84 अरब डॉलर का कारोबार हुआ। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि इसी अवधि के दौरान चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 99.2 अरब डॉलर हो गया। चीन 2024-25 में 127.7 अरब डॉलर के दोतरफा व्यापार के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। यह दिखता है कि चीन की भारत अभी अनदेखी नहीं कर सकता है। चीन पर उसकी काफी ज्यादा निर्भरता है। चीन से पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। अमेरिका 2021-22 से सबसे बड़ा पार्टनर रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान यूएई 100.5 अरब डॉलर के साथ भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर रहा।अमेरिका लगातार चौथे साल भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर यानी व्यापारिक साझेदार बना हुआ है। वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच 131.84 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। लेकिन, चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 99.2 अरब डॉलर हो गया है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बढ़ रहा है, लेकिन चीन के साथ व्यापार में घाटा भी बढ़ा है। दोनों देश व्यापार को और बढ़ाने के लिए समझौते की बात कर रहे हैं। चीन पर बनी हुई है भारत की निर्भरता सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में भारत ने चीन को 14.25 अरब डॉलर का सामान बेचा। यह पिछले साल के मुकाबले 14.5% कम है। 2023-24 में यह आंकड़ा 16.66 अरब डॉलर था। दूसरी तरफ, चीन से भारत ने 113.45 अरब डॉलर का सामान खरीदा। यह पिछले साल के मुकाबले 11.52% ज्यादा है। 2023-24 में यह आंकड़ा 101.73 अरब डॉलर था।इस वजह से चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ गया है। यह घाटा 17% बढ़कर 99.2 अरब हो गया है। पिछले साल यह 85.07 अरब डॉलर था। चीन अभी भी भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। यही कारण है कि भारत के लिए चीन की अनदेखी कर पाना मुश्किल है। दोनों देशों के बीच 127.7 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। 2023-24 में यह आंकड़ा 118.4 अरब डॉलर था।वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चीन 2013-14 से 2017-18 तक और 2020-21 में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर था। चीन से पहले यूएई भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। अमेरिका 2021-22 से भारत का सबसे बड़ा साझेदार बना हुआ है। यूएई तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर पिछले वित्तीय वर्ष में यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर था। दोनों देशों के बीच 100.5 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। भारत ने अमेरिका को 86.51 अरब डॉलर का सामान बेचा। यह पिछले साल के मुकाबले 11.6% ज्यादा है। 2023-24 में यह आंकड़ा 77.52 अरब डॉलर था। अमेरिका से भारत ने 45.33 अरब डॉलर का सामान खरीदा। यह पिछले साल के मुकाबले 7.44% ज्यादा है। 2023-24 में यह आंकड़ा 42.2 अरब डॉलर था। अमेरिका के साथ भारत का व्यापार सरप्लस 41.18 अरब डॉलर हो गया है। पिछले साल यह 35.32 अरब डॉलर था। इसका मतलब है कि भारत अमेरिका को जितना सामान बेचता है, उससे कम खरीदता है। भारत-अमेरिका के बीच किन चीजों का होता है व्यापार?2024 में भारत ने अमेरिका को कई तरह के सामान बेचे। इनमें दवाइयां (8.1 अरब डॉलर), टेलीकॉम उपकरण (6.5 अरब डॉलर), कीमती पत्थर (5.3 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (4.1 अरब डॉलर), सोने के गहने (3.2 अरब डॉलर), कपड़े (2.8 अरब डॉलर) और लोहे के उत्पाद (2.7 अरब डॉलर) शामिल हैं।भारत ने अमेरिका से कच्चा तेल (4.5 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (3.6 अरब डॉलर), कोयला (3.4 अरब डॉलर), हीरे (2.6 अरब डॉलर), बिजली के उपकरण (1.4 अरब डॉलर), हवाई जहाज के पार्ट्स (1.3 अरब डॉलर) और सोना (1.3 अरब डॉलर) खरीदा।भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और बढ़ सकता है। दोनों देश एक व्यापार समझौते पर बात कर रहे हैं। इसका लक्ष्य है कि 2030 तक दोनों देशों के बीच 500 अरब डॉलर का व्यापार हो। अभी यह 191 अरब डॉलर है।सरकार का कहना है कि दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने के लिए बातचीत चल रही है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और बढ़ेगा।
You may also like
सुबह खाली पेट इस पेड़ का 1 पत्ता खाने से मर्दाना कमजोरी हो जाएगी दूर
भाई ने पत्नी के उकसावे पर 12 वर्षीय बहन की पीट-पीटकर हत्या की
सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा: जानें कैसे बचें
महाकुंभ में भगदड़: 30 लोगों की जान गई, 60 घायल
18 अप्रैल टैरो राशिफल: मीन राशि के लोग जानिये अपना शुभ रंग, शुभ अंक और उपाय, सम्पूर्ण राशिफल…