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Jharkhand Election 2024: भवनाथपुर में फिर खिलेगा कमल या लौटेगा राजपरिवार का राज? जानें क्यों इस बार मुकाबला होगा ऐतिहासिक

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गढ़वाः झारखंड में भवनाथपुर विधानसभा सीट चुनाव में एक बार फिर से नगर उंटारी राजपरिवार की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। भवनाथपुर सीट से छह बार राजपरिवार के सदस्यों को जीत मिल चुकी है। एक बार फिर से चुनाव मैदान में परिवार के सदस्य अनंत प्रताप देव या राजेंद्र प्रसाद देव के चुनाव मैदान में उतरने की संभावना है। वहीं भानु प्रताप शाही फिर से बीजेपी टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने की पूरी तैयारी में हैं। राजपरिवार के दो सदस्य टिकट हासिल करने की दौड़ में!नगर उंटारी राजपरिवार के सदस्य और पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) टिकट पर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। लेकिन यदि इंडिया गठबंधन में समझौते के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में जाती है, तो राजपरिवार के ही दूसरे सदस्य और अनंत प्रताप देव के बड़े भाई राजेंद्र प्रताव देव चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। भानु प्रताप शाही के पक्ष में बीजेपी के सभी नेता एकजुटएक ओर जहां जेएमएम-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बातचीत चल रही है। वहीं दूसरी ओर विधायक भानु प्रताप शाही के पक्ष में क्षेत्र के सभी स्थानीय बीजेपी नेता-कार्यकर्ता एकजुट नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों बीजेपी की ओर से रायशुमारी के लिए प्रदेश मुख्यालय से पार्टी नेता भवनाथपुर पहुंचे, तो 85 प्रतिशत पार्टी पदाधिकारियों ने फिर से भानु प्रताप शाही को उम्मीदवार बनाने की वकालत की। कांग्रेस के गढ़ में शाही ने खिलाया है पहली बार कमलवर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भानु प्रताप शाही ने पहली बार भवनाथपुर में बीजेपी को सफलता दिलाई। इससे पहले भानु प्रताप शाही 2005 में फॉरवर्ड ब्लॉक टिकट पर जीत हासिल की। जबकि 2014 में भानु प्रताप शाही ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। 2024 के चुनाव में भानु प्रताप शाही चौथी बार जीत हासिल करने के लिए चुनाव मैदान में उतरेंगे। लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी उम्मीदवार को बढ़तवर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पलामू संसदीय सीट के भवनाथपुर विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी बीडी राम ने करीब 55 हजार मतों के अंतर से बढ़त हासिल की। वर्ष 2000 में रामचंद्र केसरी ने जीत हासिल की, मंत्री बनेवर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में समता पार्टी के रामचंद्र केसरी ने जीत हासिल की। इसके तुरंत बाद अलग झारखंड राज्य गठन होने पर रामचंद्र केसरी को बाबूलाल मरांडी मरांडी सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला। वहीं 2005 में भानु प्रताप शाही फॉरवर्ड ब्लॉक टिकट पर लड़ कर जीते और पहली बार विधायक बने। 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी अनंत प्रताव देव उर्फ छोटे राजा विधायक चुने गए। 2014 में कांग्रेस छोड़ कर अनंत प्रताप ने बीजेपी टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन निर्दलीय भानु प्रताप शाही ने 2661 मतों से उन्हें पराजित कर दिया। 2019 में भानु प्रताप शाही भाजपा में होकर चुनाव लड़े और बीजेपी को पहली बार इस सीट पर दिलाई। 1952 से लेकर 2009 तक भाजपा एक बार भी इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकती थी। विधानसभा चुनाव 2019 का परिणाम विधानसभा चुनाव 2014 का परिणाम विधानसभा चुनाव 2009 का परिणाम आजादी के बाद से भवनाथपुर क्षेत्र में कांग्रेस का रहा प्रभावभवनाथपुर विधानसभा 1951 में अस्तित्व में आई। 1952 में राजेश्वरी सरोज दास ने कांग्रेस टिकट से जीत हासिल की। 1952 से लेकर 2009 तक इस सीट में सात बार कांग्रेस का कब्जा रहा। नगर उंटारी राजपरिवार के सदस्य भैया शंकर प्रताप देव ने 1962, 1967, 1972, 1980, राजेंद्र प्रताप देव ने 1985 और अनंत प्रताप देव ने 2009 में जीत हासिल की। वर्ष 1951 से 2019 तक भवनाथपुर से निर्वाचित विधायक
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