वॉशिंगटन: अमेरिकी ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) ने एक बड़े इंटरनेशल ड्रग नेटवर्क को पकड़ा है। डीआईए ने कनाडा के वैंकूवर बंदरगाह पर स्टिंग ऑपरेशन करते हुए इस अंतरराष्ट्रीय नार्को-टेरर नेटवर्क का पर्दाफाश किया। इसमें पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई, चीनी सप्लायर और लैटिन अमेरिकी ड्रग कार्टेल का गठजोड़ सामने आया है। इससे पता चलता है कि कैसे चीन और पाकिस्तान नशे के कारोबार के लिए कनाडा की जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
न्यूज18 ने अपनी रिपोर्ट में शीर्ष भारतीय खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया है कि अमेरिका की एजेंसी डीआईए का ऑपरेशन इस तरह के मामलों में कनाडा की जमीन के प्रमुख अड्डे के रूप में उभरने की पुष्टि करता है। डीईए ने 2022 से 2023 तक चली जांच के अपने हलफनामे में ब्रिटिश कोलंबिया स्थित एक फेंटेनाइल तस्करी गिरोह की गतिविधियों का विवरण दिया, जिसके वैश्विक संबंध थे।
ओपिंदर सिंह है सरगना!डीईए के निष्कर्षों और भारतीय खुफिया सूचनाओं के अनुसार, ऑपरेशन का केंद्र भारतीय-कनाडाई नागरिक ओपिंदर सिंह सियान है। सियान कुख्यात ब्रदर्स कीपर्स गिरोह सरगना है। खुफिया अधिकारी इस गिरोह को कनाडा में मेक्सिको के सिनालोआ कार्टेल का लीडर बताते हैं, जो लैटिन अमेरिकी कार्टेल और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) से जुड़े केमिकल आपूर्तिकर्ताओं के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।
शीर्ष भारतीय खुफिया अधिकारियों का दावा है कि सियान लाहौर में आईएसआई, चीनी कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करता है। सूत्रों के अनुसार, इस गिरोह की गतिविधियां केवल नशीले पदार्थों तक ही सीमित नहीं हैं। यह खालिस्तानी प्रचार, हथियारों की तस्करी और पंजाब में स्लीपर सेल की भर्ती के लिए धन मुहैया कराने तक फैली हुई हैं।
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कनाडा बन रहा है केंद्रभारतीय एजेंसियों ने कनाडा के वैंकूवर के नार्को-टेरर के एक रणनीतिक केंद्र में बदलने पर भी प्रकाश डाला है, जहां आईएसआई और चीनी नेटवर्क सक्रिय हैं। खुफिया रिपोर्टें क्रिप्टो-आधारित हवाला चैनलों, एनजीओ फ्रंट और दुबई, हांगकांग और लाहौर के रास्ते एन्क्रिप्टेड रूट की ओर इशारा करती हैं, जो फेंटेनाइल की आय को वैध बनाने और पंजाब, दिल्ली और कश्मीर में कट्टरपंथी तत्वों को वित्तपोषित करने में मदद करते हैं।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दुबई से चलने वाले आयरिश मूल के किनहान कार्टेल को हिजबुल्लाह के फंडिंग नेटवर्क से जोड़ा है, जो कनाडा के ड्रग मनी को अरब देशों में ला रहे हैं। ये आकलन डीईए के जमा किए गए सबूतों से पुष्ट होते हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट और स्टेट एक्टर्स के बीच ऑपरेशनल ओवरलैप को दिखाते हैं।
न्यूज18 ने अपनी रिपोर्ट में शीर्ष भारतीय खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया है कि अमेरिका की एजेंसी डीआईए का ऑपरेशन इस तरह के मामलों में कनाडा की जमीन के प्रमुख अड्डे के रूप में उभरने की पुष्टि करता है। डीईए ने 2022 से 2023 तक चली जांच के अपने हलफनामे में ब्रिटिश कोलंबिया स्थित एक फेंटेनाइल तस्करी गिरोह की गतिविधियों का विवरण दिया, जिसके वैश्विक संबंध थे।
ओपिंदर सिंह है सरगना!डीईए के निष्कर्षों और भारतीय खुफिया सूचनाओं के अनुसार, ऑपरेशन का केंद्र भारतीय-कनाडाई नागरिक ओपिंदर सिंह सियान है। सियान कुख्यात ब्रदर्स कीपर्स गिरोह सरगना है। खुफिया अधिकारी इस गिरोह को कनाडा में मेक्सिको के सिनालोआ कार्टेल का लीडर बताते हैं, जो लैटिन अमेरिकी कार्टेल और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) से जुड़े केमिकल आपूर्तिकर्ताओं के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।
शीर्ष भारतीय खुफिया अधिकारियों का दावा है कि सियान लाहौर में आईएसआई, चीनी कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करता है। सूत्रों के अनुसार, इस गिरोह की गतिविधियां केवल नशीले पदार्थों तक ही सीमित नहीं हैं। यह खालिस्तानी प्रचार, हथियारों की तस्करी और पंजाब में स्लीपर सेल की भर्ती के लिए धन मुहैया कराने तक फैली हुई हैं।
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कनाडा बन रहा है केंद्रभारतीय एजेंसियों ने कनाडा के वैंकूवर के नार्को-टेरर के एक रणनीतिक केंद्र में बदलने पर भी प्रकाश डाला है, जहां आईएसआई और चीनी नेटवर्क सक्रिय हैं। खुफिया रिपोर्टें क्रिप्टो-आधारित हवाला चैनलों, एनजीओ फ्रंट और दुबई, हांगकांग और लाहौर के रास्ते एन्क्रिप्टेड रूट की ओर इशारा करती हैं, जो फेंटेनाइल की आय को वैध बनाने और पंजाब, दिल्ली और कश्मीर में कट्टरपंथी तत्वों को वित्तपोषित करने में मदद करते हैं।
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दुबई से चलने वाले आयरिश मूल के किनहान कार्टेल को हिजबुल्लाह के फंडिंग नेटवर्क से जोड़ा है, जो कनाडा के ड्रग मनी को अरब देशों में ला रहे हैं। ये आकलन डीईए के जमा किए गए सबूतों से पुष्ट होते हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट और स्टेट एक्टर्स के बीच ऑपरेशनल ओवरलैप को दिखाते हैं।
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