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कौन है प्रियंका सिंह? ऐसा क्या किया कि 6 साल से तलाश रही थी यूपी पुलिस, 50 हजार का इनाम भी रखा

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अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने बुधवार को एक बड़ी सफलता हासिल की है। एसटीएफ की टीम ने साल 2019 से फरार चल रही 50,000 रुपए की इनामी महिला आरोपी प्रियंका सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। प्रियंका सिंह को लखनऊ के एल्डिको कॉलोनी स्थित सौभाग्यम अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया है। प्रियंका सिंह पर प्रदेश के करीब 10 जिलों में ठगी, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और धमकी देने जैसे गंभीर आरोप हैं।

कौन है प्रियंका सिंह?
गिरफ्तार 40 वर्षीय महिला आरोपी प्रियंका सिंह जानकीपुरम स्थित सहारा स्टेट की रहने वाली है। उसके पति का नाम राजेश कुमार सिंह है। वह लंबे समय से फरार चल रही थी और लखनऊ के पीजीआई क्षेत्र में स्थित एल्डिको कॉलोनी, टॉवर नंबर-10, रूम नंबर-1205, सौभाग्यम अपार्टमेंट में छिपकर रह रही थी। प्रियंका सिंह के खिलाफ ललितपुर, लखनऊ, जौनपुर, वाराणसी, मऊ, आजमगढ़ और फतेहपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में कुल 19 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

एसटीएफ के मुताबिक, साल 2011 में प्रियंका सिंह ने अपने पति राजेश कुमार सिंह और कुछ अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर जे.के.वी. लैंड एंड डेवलपर्स इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (ग्रुप ऑफ कम्पनीज) नाम की एक कंपनी बनाई थी। इस कंपनी में डायरेक्टर और एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में प्रियंका सिंह, उनके पति राजेश कुमार सिंह, दीपक शुक्ला, आशीष श्रीवास्तव, दुर्गेश जायसवाल और विक्रांत त्रिपाठी शामिल थे। कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस लखनऊ के हजरतगंज स्थित फैन बैंक एवेन्यू हैवलॉक रोड पर था। जबकि इसका शाखा कार्यालय ललितपुर में इलाइच चौहारा सिने फिलेक्स पर संचालित किया गया था।


कंपनी ने लोगों को एजेंट के रूप में नौकरी देकर उनसे अनुबंध कराया गया था। इन एजेंटों ने लोगों को एफडी, पासबुक और निवेश प्रमाणपत्र जारी कराए थे। धीरे-धीरे सैकड़ों निवेशकों ने इस कंपनी में करोड़ों रुपये जमा किए। लेकिन कुछ ही महीनों बाद, कंपनी के सभी अधिकारी और दस्तावेज रातों-रात गायब हो गए थे। जब निवेशकों को पैसा वापस नहीं मिला तो उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। इसके बाद पीड़ितों ने कोतवाली ललितपुर में मुकदमा दर्ज कराया था।


इस मामले में प्रियंका सिंह समेत 6 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस मामले की विवेचना के दौरान ललितपुर पुलिस ने पहले कंपनी के डायरेक्टर आशीष श्रीवास्तव को 29 जून को इंदौर (मध्य प्रदेश) से गिरफ्तार किया था। लेकिन प्रियंका सिंह लगातार फरार चल रही थी। इसपर आईजी झांसी ने 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।

वहीं पूछताछ में प्रियंका सिंह ने स्वीकार किया कि उसने अपने पति और सहयोगियों के साथ मिलकर कंपनी बनाई थी और जनपद ललितपुर में लोगों से करोड़ों रुपये की निवेश राशि वसूल की थी। कंपनी बंद होने के बाद सभी लोग लखनऊ, प्रयागराज और अन्य जिलों में जाकर छिप गए थे। एसटीएफ ने प्रियंका सिंह को गिरफ्तार कर थाना पीजीआई, लखनऊ में दाखिल कर दिया है।

अब मामले की आगे की विधिक कार्रवाई कोतवाली ललितपुर के विवेचक उपनिरीक्षक मनोज कुमार मिश्रा की ओर से की जाएगी। प्रियंका सिंह के खिलाफ दर्ज अधिकांश मामले धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और निवेशकों से ठगी से जुड़े हैं।
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