अहमदाबाद : गुजरात के डीसा में एक पटाखा फैक्ट्री में धमाका हुआ था। इस हादसे में 21 लोगों की जान चली गई। जांच में पता चला है कि फैक्ट्री के मालिक, बाप और बेटे, ने जानबूझकर फैक्ट्री को मौत का कुआं बना दिया था। आरोपियों के नाम खूबचंद मोहननी और दीपक हैं। उनके पास पटाखे बनाने का लाइसेंस नहीं था। एक मजदूर, राजेश नायक, जो मध्य प्रदेश से है, ने बताया कि खूबचंद और दीपक ने मजदूरों को हमेशा शटर बंद रखने को कहा था। वे चाहते थे कि अधिकारियों को फैक्ट्री के बारे में पता न चले। इसलिए शटर हमेशा बंद रहते थे। इससे हादसे के समय किसी को भी भागने का मौका नहीं मिला।पुलिस ने बताया कि फरेंसिक जांच में पता चला है कि पटाखे बनाने में एल्यूमीनियम पाउडर का इस्तेमाल किया गया था। इसी पाउडर की वजह से धमाका हुआ। बनासकांठा के SP अक्षयराज मकवाना ने बताया कि FSL टीम को गोदाम में पीला डेक्सट्रिन पाउडर भी मिला है। मध्य प्रदेश में होगा हादसे में मारे गए लोगों का दाह संस्कारSP अक्षयराज मकवाना ने बताया कि पुलिस ने मंगलवार रात को गोदाम के मालिक खूबचंद मोहननी को साबरकांठा जिले से गिरफ्तार कर लिया। दीपक को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इस हादसे में मारे गए 18 लोगों का अंतिम संस्कार गुरुवार को मध्य प्रदेश के हरदा और देवास जिलों में उनके गांवों में किया जाएगा। एक बच्चे का मिला सिर्फ सिरअभी तक हादसे के बाद एक बच्चे का शव नहीं मिला। धमाके में उसका सिर धड़ से अलग हो गया था और सिर्फ सिर ही मिला। उसे भी मृतकों में गिना गया। फोरेंसिक जांच में पुष्टि हुई है कि पटाखा बनाने में इस्तेमाल होने वाले तत्वों में से एक एल्युमीनियम पाउडर की मौजूदगी के कारण गुजरात के डीसा कस्बे के निकट स्थित गोदाम में भीषण विस्फोट हुआ था और आग लग गई थी। एक दिन पहले हुए इस विस्फोट में 21 लोगों की मौत हो गई थी। डेक्सट्रिन पाउडर भी मिलाबनासकांठा जिले के एसपी ने बताया कि टीम को एल्युमीनियम पाउडर के अलावा उस गोदाम से पीला डेक्सट्रिन पाउडर भी मिला है। दोनों पदार्थों का इस्तेमाल पटाखा बनाने के लिए किया जाता है। मंगलवार सुबह लगभग 9 बजकर 45 मिनट पर जिस गोदाम में विस्फोट हुआ, वह बनासकांठा जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर डीसा कस्बे के निकट एक औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है। गोदाम के मालिक पिता-पुत्र पर इन धाराओं में केसअधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के कारण एक इमारत की आरसीसी छत का हिस्सा गिर गया था, जिसके नीचे दबकर परिसर में रहने वाले कुछ श्रमिकों के परिवार के सदस्यों की मौत हो गई। गोदाम मालिक दीपक मोहनानी और उसके पिता खूबचंद मोहनानी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और विस्फोटक अधिनियम तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। खुलेआम बिकता है एल्युमीनियम पाउडरमकवाना ने बताया कि एल्युमीनियम पाउडर के कई अन्य उपयोग भी हैं और इसे बिना किसी लाइसेंस के खुले बाजार में खरीदा और बेचा जा सकता है क्योंकि यह ज्वलनशील होने के बावजूद गैर-विस्फोटक पदार्थ है। एसपी ने कहा कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि दीपक मोहनानी को लगभग तीन साल पहले क्रिकेट सट्टेबाजी रैकेट में संलिप्तता के आरोप में पकड़ा गया था।
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