अभिषेक कुमार झा, वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी सामूहिक हत्याकांड के 75 घंटे बीतने के बाद भी कमिश्नरेट पुलिस के हाथ अब तक अपराधी तक नही पहुंचे हैं। पुलिस अब भी महज कुछ बयानों के आधार पर राजेन्द्र गुप्ता के भतीजे विक्की की तलाश में जुटी है। मुख्य बयान भी उस गवाह का जिसके बयान से मुकर जाने के बाद 1999 में राजेन्द्र गुप्ता को अपने ही पिता और भाई की हत्या से दोषमुक्त कर दिया गया था।एनबीटी ऑनलाइन से बात करते हुए डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि हत्याकांड वाले दिन विक्की के घटनास्थल पर होने के कोई ठोस इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस नहीं है। विक्की की घटनास्थल पर मौजूदगी की आखिरी पुष्टि 3 तारीख की है। इसकी पुष्टि शारदा और अन्य किरायेदारों के बयान और सबूत है, लेकिन 5 तारीख को घटना वाले दिन विक्की के मौजूदगी के कोई ठोस प्रमाण अभी तक नहीं है। चार हत्याओं का आरोप लगा था राजेन्द्र गुप्ता परडीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि जून 1997 में राजेन्द्र ने अपने भाई कृष्ना और उसकी पत्नी की हत्या कर दी थी। इस मामले में राजेन्द्र के पिता लक्ष्मीनरायन ने मुख्य वादी के रूप में मुकदमा दर्ज कराया था। इस घटना के बाद लक्ष्मीनारायण और उसके एक सुरक्षाकर्मी की हत्या भी राजेन्द्र ने करा दी, जिसमें शारदा (लक्ष्मीनारायण की पत्नी) ने राजेन्द्र के खिलाफ मुकदमा लिखवाया था। शारदा मुख्य गवाह थी। 1999 में शारदा और अन्य गवाह के पलट जाने के वजह से राजेन्द्र को सभी 4 हत्या के मामलों में राहत मिल गई और वो बाहर आ गया। विक्की और राजेन्द्र के बीच विवादडीसीपी ने बताया कि जिस समय राजेन्द्र ने अपने भाई कृष्ना और उसके पत्नी की हत्या की उस समय कृष्ना के तीनों बच्चे डॉली, विक्की और कृष्ना बहुत छोटे थे।घटना में विक्की को भी गोली के दो छर्रे लगे थे। समय बीतने के साथ विक्की लगातार संपत्ति में हिस्से की बात उठाता रहता था, जिसकी वजह से राजेन्द्र अक्सर विक्की को प्रताड़ित करता था और मारता था। विक्की ने परिवार को खत्म करने की बात कही थीगौरव बंसवाल ने बताया कि 5 तारीख को जिस दिन ये सामूहिक हत्याकांड हुआ, उसके दो दिन पहले विक्की सीढ़ियों पर सामान के साथ खड़ा था। इस बात के सभी साक्ष्य पुलिस के पास है। किरायेदारों ने भी इस बात की पुष्टि की है। 5 तारीख को हत्या का मामला होने के बाद विक्की की दादी ने भी पुलिस को बताया कि विक्की ने दिवाली पर ही राजेन्द्र और उसके परिवार को खत्म करने की बात कही थी।सामूहिक हत्याकांड के बाद से ही विक्की किसी के संपर्क में नहीं है। विक्की का मोबाइल नंबर भी नेटवर्क पोर्ट कराने की वजह से लोकेशन ट्रेस कराने में दिक्कत आ रही है। ऐसा साक्ष्य मिला है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए विक्की ने लंबे से समय से प्लानिंग कर रखी थी। विक्की की टिकी पुलिस की निगाहएनबीटी ऑनलाइन से बात करते हुए गौरव बंसवाल ने बताया कि 3 तारीख तक विक्की भदैनी इलाके में उस घर में था। इस बात की पूरी पुष्टि पुलिस ने कर ली है।विक्की जिस तरह से घटनाक्रम के बाद से गायब है, उस पर शक बढ़ गया है। विक्की के पकड़ में आने के बाद ही सारे तार आपस मे जुड़ेंगे।
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