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जीत के बाद भी क्यों जश्न नहीं मना रहे थे राजस्थान के खिलाड़ी, अंतिम गेंद पर आखिर हुआ क्या था?

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नई दिल्ली: कप्तान संजू सैमसन की अगुवाई में राजस्थान रॉयल्स ने पंजाब किंग्स को 50 रन से हरा दिया। दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला पंजाब के घरेलू मैदान न्यू चंडीगढ़ क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया था। मैच में पंजाब किंग्स के कप्तान श्रेयस अय्यर ने टॉस जीतने के बाद राजस्थान रॉयल्स को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया था। पहले बैटिंग करते हुए राजस्थान की टीम ने निर्धारित 20 ओवर के खेल में 205 रन का स्कोर खड़ा किया।इसके जवाब में पंजाब किंग्स की शुरुआत बहुत ही खराब रही। पहले ही ओवर में प्रियांस आर्या और कप्तान श्रेयस अय्यर को जोफ्रा आर्चर ने बोल्ड कर दिया। इसके बाद पंजाब की टीम इस शुरुआती झटके से नहीं उबर पाई। हालांकि, बीच में ग्लेन मैक्सवेल और निहाल बढ़ेरा के बीच जरूर एक उम्मीद जगी थी, लेकिन वह जीत के लिए काफी नहीं था। ऐसे में पंजाब 20 ओवर में 155 रन ही बना पाई। मैच जीतकर भी जश्न नहीं मना रहे थे खिलाड़ीराजस्थान रॉयल्स के लिए पारी का आखिरी ओवर जोफ्रा आर्चर करने आए। अंतिम गेंद पर लॉकी फर्ग्यूसन क्रीज पर थे। आखिरी गेंद पंजाब के बल्लेबाज ने बैकवर्ड पॉइंट की दिशा में कट मारा। फील्डर से वह गेंद नहीं रुकी और चार रन हो गया। इसके साथ ही मैच भी खत्म हो गया, लेकिन तभी रियान पराग ने कप्तान संजू सैमसन को हाथ उठाकर रुकने को कहा। कुछ के लिए राजस्थान के खिलाड़ी समझ ही नहीं पाए हुआ क्या है। हालांकि, जब खिलाड़ियों ने अंपायर से पूछा तो पूरा मामला समझ में आया। दरअसल अंपायर को लगा कि आर्चर ने जब अंतिम गेंद डाली तो सर्किल में पर्याप्त यानी चार खिलाड़ी नहीं थे। ऐसे में मैदानी अंपायर ने टीवी अंपायर की तरफ रुख किया। दो बार टीवी रिप्ले देखने के बाद यह साफ हो पाया कि घेरे में चार फील्डर खड़े थे। अगर ऐसा नहीं होता उस गेंद को नो बॉल करार दी जाती, लेकिन ऐसा नहीं कुछ और कुछ मिनट की देरी के बाद मैच को समाप्त करने की घोषणा की गई। इसके बाद राजस्थान के खिलाड़ियों के चेहरे पर मुस्कान आई।
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