नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उत्तर प्रदेश में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार दिये गए लोगों के परिवारों को मुआवजा देने का राज्य सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ता को राज्य सरकार से संपर्क करने को कहा गया था।
जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका में क्या था
जमीयत उलमा-ए-हिंद और अन्य द्वारा की ओर से दायर याचिका में ‘‘तहसीन पूनावाला मामले’’ में शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन के संबंध में व्यापक निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। याचिका में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित निवारक, उपचारात्मक और दंडात्मक उपायों को लागू करने में उत्तर प्रदेश सरकार की कथित विफलता पर प्रकाश डाला गया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा था
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 जुलाई को कहा था कि हर एक भीड़ हिंसा या भीड़ द्वारा की गई पीट-पीटकर हत्या की घटना अलग-अलग होती है और एक जनहित याचिका में इस पर विचार नहीं किया जा सकता। उच्च न्यायालय ने हालांकि यह भी कहा था कि प्रभावित पक्ष उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों को लागू कराने के लिए पहले उचित सरकारी प्राधिकरण से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र हैं।
जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका में क्या था
जमीयत उलमा-ए-हिंद और अन्य द्वारा की ओर से दायर याचिका में ‘‘तहसीन पूनावाला मामले’’ में शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन के संबंध में व्यापक निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। याचिका में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित निवारक, उपचारात्मक और दंडात्मक उपायों को लागू करने में उत्तर प्रदेश सरकार की कथित विफलता पर प्रकाश डाला गया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा था
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 15 जुलाई को कहा था कि हर एक भीड़ हिंसा या भीड़ द्वारा की गई पीट-पीटकर हत्या की घटना अलग-अलग होती है और एक जनहित याचिका में इस पर विचार नहीं किया जा सकता। उच्च न्यायालय ने हालांकि यह भी कहा था कि प्रभावित पक्ष उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों को लागू कराने के लिए पहले उचित सरकारी प्राधिकरण से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र हैं।
You may also like

QUAD से भारत को बाहर करने की तैयारी में डोनाल्ड ट्रंप? दिल्ली के बिना चीन पर लगाम लगा पाएगा अमेरिका? अब इस देश पर लगाया दांव

job news 2025: सहायक नगर नियोजक के पदों के लिए निकली इस भर्ती के लिए करें आवेदन, सैलेरी मिलेगी...

Kerala High Court On Muslim Marriage Registration: 'मुस्लिम पुरुष की दूसरी शादी के रजिस्ट्रेशन में पहली पत्नी से पूछा जाना चाहिए', केरल हाईकोर्ट का अहम फैसला

फोन कीˈ बैटरी जल्दी खत्म हो जाती है? अपनाएं ये 10 आसान टिप्स और दिनभर टेंशन फ्री रहें!

आईफोन 15 का सपना हुआ सच! कीमत इतनी कम कि यकीन नहीं होगा




