गुरुग्राम: दिल्ली से सटे गुरुग्राम में एक दर्दनाक सड़क हादसे में 6 साल की बच्ची की मौत होगई। हादसा पटौदी इलाके के दिनोकरी गांव में हुआ, जहां यूकेजी की छात्रा यंशिका हर रोज की तरह अपने पिता के साथ स्कूल बस पकड़ने जा रही थी। तभी तेज रफ्तार में आ रहे एक ट्रैक्टर ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर लगने से वह संतुलन खो बैठी और सड़क पर गिर पड़ी, तभी पीछे से आ रही स्कूल बस ने उसे कुचल दिया। पुलिस ने बताया कि बस के आगे और पीछे दोनों पहियों ने बच्ची को रौंद दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। उसके पिता तुरंत उसे स्थानीय सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
ट्रैक्टर और बस चालक फरार
घटना के बाद ट्रैक्टर और बस चालक दोनों मौके से फरार हो गए। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और दोनों आरोपियों की पहचान कर ली है। ट्रैक्टर चालक की पहचान मध्य प्रदेश निवासी थावर मल के रूप में हुई है, जबकि बस चालक की पहचान पटौदी के बासपदमका निवासी सुखबीर के रूप में की गई है। पुलिस के अनुसार, ट्रैक्टर रेत से लदा हुआ था और बहुत तेज गति से चलाया जा रहा था।
मां ने क्या बताया
यंशिका परिवार की सबसे बड़ी संतान थी। उसकी छोटी बहन नर्सरी में पढ़ती है। यंशिका की मां निशा ने उसे याद करते हुए बताया कि वह बहुत होनहार और प्यारी बच्ची थी। हर सुबह मुस्कुराते हुए स्कूल के लिए तैयार होती थी। हमें अब भी यकीन नहीं हो रहा कि वह अब हमारे बीच नहीं है। वहीं ट्रैफिक विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 20 अक्टूबर तक गुरुग्राम में सड़क हादसों में 350 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हादसों की मुख्य वजह लापरवाह ड्राइविंग, सड़कों पर फुटपाथ की कमी, दोपहिया चालकों का बिना हेलमेट चलना और लेन अनुशासन का अभाव बताया गया है।
ट्रैक्टर और बस चालक फरार
घटना के बाद ट्रैक्टर और बस चालक दोनों मौके से फरार हो गए। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और दोनों आरोपियों की पहचान कर ली है। ट्रैक्टर चालक की पहचान मध्य प्रदेश निवासी थावर मल के रूप में हुई है, जबकि बस चालक की पहचान पटौदी के बासपदमका निवासी सुखबीर के रूप में की गई है। पुलिस के अनुसार, ट्रैक्टर रेत से लदा हुआ था और बहुत तेज गति से चलाया जा रहा था।
मां ने क्या बताया
यंशिका परिवार की सबसे बड़ी संतान थी। उसकी छोटी बहन नर्सरी में पढ़ती है। यंशिका की मां निशा ने उसे याद करते हुए बताया कि वह बहुत होनहार और प्यारी बच्ची थी। हर सुबह मुस्कुराते हुए स्कूल के लिए तैयार होती थी। हमें अब भी यकीन नहीं हो रहा कि वह अब हमारे बीच नहीं है। वहीं ट्रैफिक विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 20 अक्टूबर तक गुरुग्राम में सड़क हादसों में 350 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हादसों की मुख्य वजह लापरवाह ड्राइविंग, सड़कों पर फुटपाथ की कमी, दोपहिया चालकों का बिना हेलमेट चलना और लेन अनुशासन का अभाव बताया गया है।
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