बीजापुर: छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में सीआरपीएफ ने 21 दिनों तक एक बड़ा अभियान चलाया । DG जी. पी. सिंह के अनुसार यह नक्सलवाद को खत्म करने की शुरुआत है । सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को देश से पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है । सुरक्षा बल लगातार माओवादियों पर दबाव बना रहे हैं । वे उन्हें घेरकर आत्मसमर्पण करने या मारे जाने पर मजबूर कर रहे हैं । साथ ही सरकार उन इलाकों में विकास कार्य कर रही है जहां से माओवादियों को खदेड़ दिया गया है । सीआरपीएफ के आगे के ऑपरेटिंग बेस वहां सुरक्षा का माहौल बना रहे हैं ।'ऑपरेशन ब्लैकफॉरेस्ट' नाम के इस अभियान में केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों ने मिलकर काम किया । इसमें 31 माओवादी साफ किए गए और उनके मजबूत संगठन कमजोर हो गए । यह अभियान आगे भी इसी तरह जारी रहेगा । अब माओवादी छोटे-छोटे समूहों में इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान, पश्चिम बस्तर, दक्षिण बस्तर, तेलंगाना और कुछ अन्य राज्यों में छिपे हुए हैं । इन राज्यों में चल रहा अभियानएक वरिष्ठ छत्तीसगढ़ पुलिस अधिकारी ने हमारे सहयोगी टीओआई को बताया कि छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, बिहार और महाराष्ट्र में माओवादियों को खत्म करने के लिए कई मोर्चों पर अभियान चल रहे हैं । सीपीआई (माओवादी) ने 5-6 बार युद्धविराम और बातचीत का प्रस्ताव रखा है, जिससे उनकी निराशा दिखती है । हालांकि, केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि जब तक सीपीआई नक्सल दल के शीर्ष नेता छिपे हुए हैं, तब तक अभियान रोकना सही नहीं है । अधिकारी ने कहा कि उन्हें बाहर आकर हथियार डाल देने चाहिए । हम किसी अज्ञात समूह से बात नहीं कर सकते । चार महीनों में 718 माओवादियों का आत्मसमर्पण इस साल माओवादियों के आत्मसमर्पण की संख्या बढ़ गई है । पहले चार महीनों में 718 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि पूरे 2024 में 928 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था । एक अधिकारी ने कहा कि जैसे-जैसे दबाव बढ़ेगा, वैसे-वैसे और माओवादी आत्मसमर्पण करेंगे । शीर्ष माओवादी नेता सुरक्षित जगहों पर छिपे हुए हैं, जबकि उनके वरिष्ठ और कनिष्ठ साथी मारे जा रहे हैं, जिससे उनमें असंतोष बढ़ रहा है । ऑपरेशन ब्लैकफॉरेस्ट की सफलतासूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन ब्लैकफॉरेस्ट में मारे गए माओवादियों के केवल 31 शव बरामद हुए, लेकिन सुरक्षा बलों का अनुमान है कि 40-45 माओवादी मारे गए । एक वरिष्ठ सीआरपीएफ अधिकारी ने बताया कि कम से कम दो मारे गए माओवादी बहुत वरिष्ठ थे, जिनके शव बरामद नहीं हो सके । अधिकारी ने TOI को बताया कि मानसून के दौरान भी खुफिया जानकारी के आधार पर माओवादियों के खिलाफ अभियान जारी रहेंगे । अब सुरक्षा बल इंद्रावती नदी के दोनों किनारों पर तैनात हैं ।
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