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Toll Tax: खत्म हो जाएगी टोल प्लाजा पर लगने वाली कतारें, जानिए क्या है 'एएनपीआर' सिस्टम

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कोटा: भारत सरकार का केंद्रीय परिवहन मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल की नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है। ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकॉगनाइजेशन यानी 'एएनपीआर' सिस्टम सरकार ला रही है। उसमें टोल टैक्स की वसूली टोल प्लाजा बूथ की बजाए सड़क पर चलते हुए वाहन से हो जाएगी। इसके लिए आधुनिक तकनीक से लैस कैमरे टोल बूथ पर इंस्टॉल होंगे। उनके जरिए वाहन की नंबर प्लेट स्कैन कर फास्टैग अकाउंट से टोल राशि ट्रांसफर हो जाएगी। फिलहाल, हाईवे पर फास्टैग को स्कैन कर टोल राशि कटती है। खत्म हो जाएगी टोल प्लाजा पर लगने वाली कतारेंऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन तकनीक से टोल वसूली पर समय और ईंधन की बचत होगी। फास्टैग के बावजूद टोल प्लाजा पर अक्सर लगने वाली वाहनों की कतारे खत्म हो जाएंगी। इसकी शुरुआत के साथ मौजूदा टोल प्लाजा व्यवस्था खत्म हो जाएगी। साल 2024 में राष्ट्रीय राजमार्गों पर गलत टोल कटने के करीब 12.55 लाख मामलों में एनपीसीआई ने रिफंड किया है। ऐसी समस्या नहीं रहेगी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर कैमरा स्कैन से वसूला जा रहा है टोल टैक्सवर्तमान टोल सिस्टम रेडियो फ्रिक्वेंसी आधारित सिस्टम पर काम करता है। इसमें सेंसर फास्टैग स्कैन करता है और टोल कटता है। वहीं एएनपीआर में टोल चुकाने के लिए जहां कैमरे लगे हैं वहां भी वाहन धीमा नहीं करना पड़ेगा और न रुकना पड़ेगा। चलते वाहन की नंबर प्लेट की फोटो कैमरे क्लिक कर लेंगे। नंबर प्लेट फास्टैग से लिंक रहेगी, इस तरह खुदबखुद टोल कट जाएगा। देश में अभी इस व्यवस्था से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर टोल वसूला जा रहा है। जहां गैंट्री आधारित टोल सिस्टम में उसमें भी एडवांस कैमरा के माध्यम से टोल राशि वसूली जाती है। प्रदेश में 142 प्लाजादेशभर में राष्ट्रीय राजमागों की लंबाई करीब 1.47km लाख है। इसके अलावा एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 4 हजार किलोमीटर है। वहीं देशभर में 1063 टोल प्लाजा है। राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल वसूली के लिए 142 टोल प्लाजा मौजूद हैं। इनसे हर दिन करीब 12-15 लाख वाहन निकलते हैं।
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