इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सेना के भ्रष्टाचार और बेशर्मी का एक बार फिर से खुलासा हुआ है। जय सिंध मुत्तहिदा महाज (जेएसएमएम) के अध्यक्ष शफी बुरफत ने पाकिस्तानी सेना पर भाड़े के माफिया की तरह काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पाक आर्मी की नजर सिर्फ पैसा कमाने पर लगी हुई है। बुरफत ने कहा कि पाक आर्मी ने विचारधारा, नैतिकता या राष्ट्रीय हित की तुलना में पैसों को अहमियत दी है। इससे वैश्विक विश्वास और राष्ट्रीय अखंडता दोनों को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने असीम मुनीर की कट्टरपंथी सोच की भी आलोचना की है।   
   
सिंध को पाकिस्तान से अलग करने की वकालत करने वाले अलगाववादी दल जेएसएमएम हेड ने एक्स पर असीम मुनीर के नेतृत्व वाली सेना के बारे में कई बातें कही हैं। शफी बुरफत ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने अरबों डॉलर की सहायता हासिल करने के लिए बार-बार अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में हेराफेरी की है। उसने सहयोगियों को धोखा दिया है और वैश्विक तनाव का फायदा उठाया है।
     
पाक सेना की नजर डॉलर परशफी ने कहा कि शीत युद्ध और अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तानी आर्मी का बर्ताव उसके दोहरे रवैये को समझा जा सकता है। इस्लामाबाद ने बाहरी तौर पर पश्चिम के साथ गठबंधन किया लेकिन सीक्रेट तरीके से अपने हितों को बढ़ाया। पाकिस्तान की दखल सिर्फ डॉलर के बारे में थी। ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में पाया गया। जबकि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने में अमेरिका का सहयोगी बना हुआ था।
     
बुरफत ने तर्क दिया कि आतंकवादी नेटवर्क को पोषित करते हुए उनसे लड़ने का दिखावा करके पाकिस्तान ने बड़ा खेल खेला। पाक सेना ने कथित तौर पर वैश्विक खतरों को गढ़ा ताकि खुद को अपरिहार्य बता सके। पाकिस्तानी आर्मी जानती है कि आतंकवाद से दुनिया में डर जितना ज्यादा बढ़ेगा, उनको उतना ही ज्यादा फायदा होगा।
   
अस्थिरता बढ़ा रही पाक आर्मीशफी ने पाक के सैन्य अभिजात वर्ग पर निजी फायदे के लिए अराजकता को बढ़ावा देने, कश्मीर में विद्रोह, अफगानिस्तान में संघर्ष और पश्चिम एशिया में अशांति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने सेना के चीन, अमेरिका, सऊदी अरब और इजरायल के साथ सीक्रेट संबंधों के बदलते गठबंधनों को उसके अवसरवादी होने का सबूत बताया।
   
असीम मुनीर की कट्टर सोच की निंदा करते हुए बुरफत ने कहा कि पाकिस्तान का नेतृत्व विभाजनकारी विचारधारा में फंसा हुआ है, जिसका फायदा वह उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'सेना के नैतिक और राजनीतिक पतन ने पाकिस्तान को दुनिय में अलग-थलग और बदनाम कर दिया है। यह भ्रष्ट संस्था सम्मान या न्याय के लिए नहीं बल्कि पैसे के लिए लड़ती है।'
  
सिंध को पाकिस्तान से अलग करने की वकालत करने वाले अलगाववादी दल जेएसएमएम हेड ने एक्स पर असीम मुनीर के नेतृत्व वाली सेना के बारे में कई बातें कही हैं। शफी बुरफत ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने अरबों डॉलर की सहायता हासिल करने के लिए बार-बार अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में हेराफेरी की है। उसने सहयोगियों को धोखा दिया है और वैश्विक तनाव का फायदा उठाया है।
पाक सेना की नजर डॉलर परशफी ने कहा कि शीत युद्ध और अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तानी आर्मी का बर्ताव उसके दोहरे रवैये को समझा जा सकता है। इस्लामाबाद ने बाहरी तौर पर पश्चिम के साथ गठबंधन किया लेकिन सीक्रेट तरीके से अपने हितों को बढ़ाया। पाकिस्तान की दखल सिर्फ डॉलर के बारे में थी। ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में पाया गया। जबकि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने में अमेरिका का सहयोगी बना हुआ था।
बुरफत ने तर्क दिया कि आतंकवादी नेटवर्क को पोषित करते हुए उनसे लड़ने का दिखावा करके पाकिस्तान ने बड़ा खेल खेला। पाक सेना ने कथित तौर पर वैश्विक खतरों को गढ़ा ताकि खुद को अपरिहार्य बता सके। पाकिस्तानी आर्मी जानती है कि आतंकवाद से दुनिया में डर जितना ज्यादा बढ़ेगा, उनको उतना ही ज्यादा फायदा होगा।
अस्थिरता बढ़ा रही पाक आर्मीशफी ने पाक के सैन्य अभिजात वर्ग पर निजी फायदे के लिए अराजकता को बढ़ावा देने, कश्मीर में विद्रोह, अफगानिस्तान में संघर्ष और पश्चिम एशिया में अशांति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने सेना के चीन, अमेरिका, सऊदी अरब और इजरायल के साथ सीक्रेट संबंधों के बदलते गठबंधनों को उसके अवसरवादी होने का सबूत बताया।
असीम मुनीर की कट्टर सोच की निंदा करते हुए बुरफत ने कहा कि पाकिस्तान का नेतृत्व विभाजनकारी विचारधारा में फंसा हुआ है, जिसका फायदा वह उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'सेना के नैतिक और राजनीतिक पतन ने पाकिस्तान को दुनिय में अलग-थलग और बदनाम कर दिया है। यह भ्रष्ट संस्था सम्मान या न्याय के लिए नहीं बल्कि पैसे के लिए लड़ती है।'
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