वॉशिंगटन: अमेरिका ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर नियंत्रण की इच्छा जताई है। डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में सार्वजनिक रूप से कहा कि उनका प्रशासन बगराम पर फिर से नियंत्रण पाने के लिए काम कर रहा है। ट्रंप ने चीन के इस बेस से नजदीकी को लेकर चिंता का इजहार किया है। हालांकि अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान और चीन ने ट्रंप के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। चीन ने पर्दे के पीछे से किरदार निभाया तो तालिबान ने खुलकर कहा कि अमेरिका को बगराम में वापसी की इजाजत नहीं दी जाएगी।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि बगराम एयर बेस पर अमेरिकी उपस्थिति का फैसला अफगानिस्तान की सरकार पर छोड़ देना चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शुक्रवार को ट्रंप की टिप्पणियों के जवाब में कहा कि चीन ने हमेशा अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किया है। अफगानिस्तान का भविष्य अफगान लोगों के हाथों में होना चाहिए।
तालिबान ने दिया ट्रंप को झटकाअफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने डोनाल्ड ट्रंप के उस आह्वान को स्पष्टतौर पर ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी सेना का बगराम एयरबेस पर नियंत्रण मांगा है। तालिबान के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर कहा कि काबुल बातचीत के लिए तैयार है। हालांकि उनको अपनी सैन्य उपस्थिति फिर से स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि उनका प्रशासन बगराम स्थित बेस को वापस लेने पर काम कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'चीन से नजदीकी के कारण इसकी स्थिति रणनीतिक रूप से खास है। ऐसे में हम इसे वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं। हमने इस बेस को फ्री में तालिबान को दे दिया था। यह बेस चीन की अपनी परमाणु मिसाइलें बनाने की जगह से ठीक एक घंटे की दूरी पर है।'
क्यों खास है बगराम बेसतालिबान अधिकारियों ने ट्रंप के इस विचार को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी जाकिर जलाल ने कहा कि अमेरिका को सैन्य अपस्थिति के बिना अफगानिस्तान से बात करनी चाहिए। काबुल परस्पर सम्मान और साझा हितो के आधार पर वॉशिंगटन के साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंध बनाने के लिए तैयार है
अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है। तालिबान के खिलाफ लड़ाई और काबुल पर अपने नियंत्रण के लिए अमेरिका ने बगराम एयरबेस को अपना सैन्य अड्डा बनाया था। दो दशक तक यहां रहने के बाद साल 2021 में अमेरिका ने इस बेस को छोड़ दिया था। अब एक बार फिर अमेरिका की इस पर नजर है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि बगराम एयर बेस पर अमेरिकी उपस्थिति का फैसला अफगानिस्तान की सरकार पर छोड़ देना चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शुक्रवार को ट्रंप की टिप्पणियों के जवाब में कहा कि चीन ने हमेशा अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किया है। अफगानिस्तान का भविष्य अफगान लोगों के हाथों में होना चाहिए।
तालिबान ने दिया ट्रंप को झटकाअफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने डोनाल्ड ट्रंप के उस आह्वान को स्पष्टतौर पर ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी सेना का बगराम एयरबेस पर नियंत्रण मांगा है। तालिबान के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर कहा कि काबुल बातचीत के लिए तैयार है। हालांकि उनको अपनी सैन्य उपस्थिति फिर से स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि उनका प्रशासन बगराम स्थित बेस को वापस लेने पर काम कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'चीन से नजदीकी के कारण इसकी स्थिति रणनीतिक रूप से खास है। ऐसे में हम इसे वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं। हमने इस बेस को फ्री में तालिबान को दे दिया था। यह बेस चीन की अपनी परमाणु मिसाइलें बनाने की जगह से ठीक एक घंटे की दूरी पर है।'
क्यों खास है बगराम बेसतालिबान अधिकारियों ने ट्रंप के इस विचार को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी जाकिर जलाल ने कहा कि अमेरिका को सैन्य अपस्थिति के बिना अफगानिस्तान से बात करनी चाहिए। काबुल परस्पर सम्मान और साझा हितो के आधार पर वॉशिंगटन के साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंध बनाने के लिए तैयार है
अफगानिस्तान का बगराम एयरबेस रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है। तालिबान के खिलाफ लड़ाई और काबुल पर अपने नियंत्रण के लिए अमेरिका ने बगराम एयरबेस को अपना सैन्य अड्डा बनाया था। दो दशक तक यहां रहने के बाद साल 2021 में अमेरिका ने इस बेस को छोड़ दिया था। अब एक बार फिर अमेरिका की इस पर नजर है।
You may also like
राजा भैया की फैमिली ड्रामा: बेटे ने कहा- मां हैं ये सोचकर अब तक चुप रहे लेकिन…
अपने पिता की गलतियों को सुधारें तेजस्वी यादव : जदयू नेता नीरज कुमार
शारदीय नवरात्रि 2025: रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से दमक रहा मां नैना देवी का दरबार, अंतिम दौर में तैयारी
शिल्पा शेट्टी ने मल्टीकलर लहंगे में बिखेरे रंग, फैंस को याद आया गरबा
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में भारतीय महिला टीम ने क्यों पहनी है पिंक जर्सी? जानिए यहाँ