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भारत के सिंधु प्लान से खौफ में पाकिस्तान, बूंद-बूंद पानी को तरसेगा जिन्ना का देश, चीन भी नहीं बचा पाएगा

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान पिछले कई दिनों से सिंधु नदी के पानी को लेकर टेंशन में है। उसे डर है कि अगर भारत ने पानी को रोक दिया तो पाकिस्तान में त्राहिमाम मच जाएगा। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट में है। ऐसे में सिंधु नदी का पानी रोके जाने से पाकिस्तान की माली हालत और खराब हो जाएगी। भारत ने 22 अप्रैल को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित करने का फैसला किया है। पिछले हफ्ते भारत-पाकिस्तान सैन्य झड़प के बाद हुए संघर्ष विराम के बावजूद भारत ने सिंधु जल समझौते का स्थगन बरकरार रखा है। ऐसे में भारत सरकार ने सिंधु नदी के पानी का देश में इस्तेमाल करने पर अमल करना शुरू कर दिया है। रणबीर नहर से सिंधु का पानी भारत में होगा इस्तेमालरिपोर्ट के अनुसार, भारत ने सिंधु जल प्रणाली के अंतर्गत आने वाली तीन नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम पर परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने का आदेश दिया है। इसके तहत एक प्रमुख योजना में चिनाब पर रणबीर नहर की लंबाई को दोगुना करके 120 किमी करना शामिल है, जो भारत से होकर पाकिस्तान के कृषि पावरहाउस पंजाब तक जाती है। नहर का निर्माण 19वीं शताब्दी में हुआ था, संधि पर हस्ताक्षर होने से बहुत पहले। रणबीर नहर परियोजना पर तेजी लाएगा भारतभारत को सिंचाई के लिए चिनाब से सीमित मात्रा में पानी इस्तेमाल करने की अनुमति है, लेकिन इस विस्तारित नहर से वर्तमान में लगभग 40 क्यूबिक मीटर से 150 क्यूबिक मीटर पानी प्रति सेकंड का इस्तेमाल किया जा सकेगा। हालांकि, विशषज्ञों का कहना है कि इस नहर के इस्तेमाल में वर्षों लग सकते हैं। रणबीर नहर के बारे में भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है, लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस परियोजना में तेजी देखी जा सकती है। भारत को धमकियां दे रहा पाकिस्तानपाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने इस सप्ताह सांसदों को बताया कि सरकार ने भारत को पत्र लिखकर तर्क दिया है कि संधि को निलंबित करना गैरकानूनी है और इस्लामाबाद इसे लागू मानता है। अप्रैल में भारत द्वारा संधि को निलंबित करने के बाद इस्लामाबाद ने कहा कि वह "पाकिस्तान के जल प्रवाह को रोकने या मोड़ने के किसी भी प्रयास" को "युद्ध की कार्रवाई" मानता है। लगभग 80% पाकिस्तानी खेत सिंधु प्रणाली पर निर्भर हैं। इसके अलावा पाकिस्तान की लगभग सभी जलविद्युत परियोजनाएं इसी जल प्रणाली पर बनी हुई हैं। चीन भी नहीं कर सकता पाकिस्तान की मददभारत ने जब सिंधु जल संधि को निलंबित करने का ऐलान किया था, तब पाकिस्तान की ओर से जमकर धमकियां दी गई थी। पाकिस्तानी राजनेताओं और अधिकारियों ने यहां तक कहा था कि अगर भारत सिंधु का पानी रोकता है तो वह चीन से कहकर भारत की ओर बहने वाली इस नदी के पानी को बंद कर सकता है। हालांकि, उन्हें यह नहीं मालूम कि चीन को भी ऐसा करने में कई बरस लगेंगे। दूसरी बात यह है कि तब भी पाकिस्तान को सिंधु का पानी नहीं मिलेगा, जिस पर उसकी पूरी कृषि निर्भर है।
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