तेहरान: ईरान और अमेरिका के बीच शनिवार को अहम बैठक होने जा रही है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर ओमान के मस्कट में यह वार्ता हो रही है। डोनाल्ड ट्रंप की ओर से तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाने की धमकियों के बीच हो रही इस मीटिंग पर दुनिया की नजरें लगी हैं। वहीं ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने अफसरों से लंबी बातचीत के बाद इस वार्ता को हरी झंडी दी है। ईरानी अफसरों ने खामेनेई को सलाह दी है कि वह इस वार्ता नरम रुख अपनाकर आगे बढ़ें। ईरानी अधिकारियों को लगता है कि अमेरिका से टकराव एक बड़े नुकसान की वजह बन सकता है।न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, खामेनेई से उनके दो वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें ट्रंप प्रशासन के साथ ओमान में परमाणु वार्ता में शामिल होना चाहिए। ऐसा ना करने पर युद्ध का खतरा पैदा हो सकता है और ये ईरान में मौजूदा सरकार में बदलाव के गिरने की वजह भी बन सकता है। इसके बाद खामेनेई ने ईरानी सरकार को अमेरिका के साथ बातचीत की अनुमति दी। ओमान में पहले एक मध्यस्थ के जरिए अप्रत्यक्ष बातचीत होगी, उसके बाद दोनों देशों में सीधी बातचीत हो सकती है। खामेनेई को युद्ध पर चेतायाखामेनेई और ईरान के बड़े अधिकारियों के बीच अमेरिका से वार्ता के मुद्दे पर कई घंटों बातचीत हुई। इसके बाद वार्ता में आगे बढ़ने पर फैसला हुआ। ये वार्ता ट्रंप के खामेनेई को एक पत्र लिखने के बाद हो रही है। इस पत्र में ट्रंप ने परमाणु हथियारों पर बात करने की इच्छा जाहिर की थी। ईरान ने इस पत्र का जवाब दिया और कहा कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं।रिपोर्ट के मुताबक, अधिकारियों ने सर्वोच्च नेता खामेनेई को बताया है कि वार्ता फेल होने की स्थिति में अमेरिकी सेना नतांज और फोर्डो पर हमला करेगी, जो तेहरान के परमाणु स्थल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार धमकी दे रहे हैं कि अगर दोनों देशों की बातचीत विफल रही तो ईरान खतरे में पड़ सकता है। ओमान में होने वाली बातचीत कैसे होगी?मस्कट में में होने वाली बातचीत में ओमान के अधिकारी मध्यस्थ की भूमिका में होंगे। इस वार्ता के लिए ईरान की तरफ से विदेश मंत्री अब्बास अराघची और अमेरिका की तरफ से मध्य पूर्व के दूत स्टीव विटकॉफ शामिल होंगे लेकिन ये लोग आमने-सामने नहीं बैठेंगे। दोनों देशों के अधिकारी अलग-अलग कमरों में होंगे। ओमान के अधिकारी दोनों तरफ से संदेश एक-दूसरे तक पहुंचाएंगे। अगर ये वार्ता सकारात्मक रही तो फिर सीधे बातचीत का रास्ता निकल सकता है।
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ट्रंप हमला करेंगे, सरकार भी जाएगी... अमेरिका से परमाणु वार्ता पर ईरानी अधिकारियों ने खामेनेई को क्यों चेताया
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