डोडोमा: सामिया सुलुहू हसन ने तंजानिया का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। तंजानिया में बीते कई दिनों से फैली अशांति के बीच ये चुनाव हुआ है, जिसमें सामिया ने भारी जीत हासिल की है। सरकारी टीवी के मुताबिक, शनिवार को ही हसन का शपथ ग्रहण समारोह होगा। इस चुनाव में कई उम्मीदवारों को जेल में डाल दिया गया, जिसके चलते हिंसा हुई। अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने चुनाव में पारदर्शिता और देश में फैली हिंसा को लेकर चिंता व्यक्त की है।
तंजानिया के चुनाव आयोग ने बताया है कि बुधवार को हुए मतदान में देश के 3.76 करोड़ रजिस्टर्ड मतदाताओं में से 87 फीसदी यानी 3.2 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाला। इनमें से 97.66 फीसदी यानी 3.19 करोड़ वोट सामिया हसन को मिले। बीते कुछ दिनों चुनाव में पारदर्शिता को लेकर देश के कई हिस्सों में हिंसा हुई है। इस हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए हैं।
विपक्ष का आरोपमुख्य विपक्षी दल चाडेमा का आरोप है कि बुधवार को चुनाव के दिन विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से सुरक्षा बलों ने सैकड़ों लोगों को मार डाला है। हसन 2021 में अपने पूर्ववर्ती जॉन मागुफुली की मौत के बाद उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति बनी थीं। वह दूसरी बार इस पद की शपथ लेंगी। हालांकि उन पर विपक्ष के गंभीर आरोप हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें सेना के कुछ हिस्सों और मागुफुली के सहयोगियों से विरोध का सामना करना पड़ा है। उन्होंने इस शानदार जीत के साथ अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है। विपक्षी दल चाडेमा को चुनाव में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था। उसके नेता पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया।
तंजानिया के अधिकारियों ने पिछली तीन रातों से देश भर में कर्फ्यू लगा रखा है और इंटरनेट ठप है। विदेश मंत्री महमूद थाबित कोम्बो ने शुक्रवार को इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि आपराधिक तत्वों की वजह से कुछ घटनाएं हुईं। उन्होंने सुरक्षाबलों के गोली चलाने की बात को नकार दिया है।
तंजानिया के चुनाव आयोग ने बताया है कि बुधवार को हुए मतदान में देश के 3.76 करोड़ रजिस्टर्ड मतदाताओं में से 87 फीसदी यानी 3.2 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाला। इनमें से 97.66 फीसदी यानी 3.19 करोड़ वोट सामिया हसन को मिले। बीते कुछ दिनों चुनाव में पारदर्शिता को लेकर देश के कई हिस्सों में हिंसा हुई है। इस हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए हैं।
विपक्ष का आरोपमुख्य विपक्षी दल चाडेमा का आरोप है कि बुधवार को चुनाव के दिन विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से सुरक्षा बलों ने सैकड़ों लोगों को मार डाला है। हसन 2021 में अपने पूर्ववर्ती जॉन मागुफुली की मौत के बाद उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति बनी थीं। वह दूसरी बार इस पद की शपथ लेंगी। हालांकि उन पर विपक्ष के गंभीर आरोप हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि उन्हें सेना के कुछ हिस्सों और मागुफुली के सहयोगियों से विरोध का सामना करना पड़ा है। उन्होंने इस शानदार जीत के साथ अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है। विपक्षी दल चाडेमा को चुनाव में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था। उसके नेता पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया।
तंजानिया के अधिकारियों ने पिछली तीन रातों से देश भर में कर्फ्यू लगा रखा है और इंटरनेट ठप है। विदेश मंत्री महमूद थाबित कोम्बो ने शुक्रवार को इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि आपराधिक तत्वों की वजह से कुछ घटनाएं हुईं। उन्होंने सुरक्षाबलों के गोली चलाने की बात को नकार दिया है।
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