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ट्रंप और पुतिन के बीच दो घंटे की बातचीत से निकलेगा रूस-यूक्रेन में शांति का रास्ता? जानें क्या बोले दोनों नेता

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वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी प्रेसीडेंट व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई फोन पर दो घंटे तक बातचीत हुई है। इस बातचीत का मकसद यूक्रेन और रूस में चल रहे युद्ध को रोकना है। हालांकि दोनों नेताओं की इस बातचीत के बाद यूक्रेन शांति वार्ता में एक नया मोड़ आता दिख रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव के समय कहा था कि वह राष्ट्रपति बनने के 24 घंटे के अंदर युद्ध खत्म कर देंगे। इसके बाद उन्होंने पुतिन से मिलने पर शांति की बात कही। अब उनका कहना है कि शांति समझौते की शर्तें रूस और यूक्रेन ही तय कर सकते हैं। उन्होंने पोप को भी इसमें शामिल करने की बात कही है।पुतिन से बातचीत के बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों देश तुरंत युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि हम सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। पुतिन ने भी कहा है कि वह यूक्रेन के साथ एक संभावित भविष्य शांति समझौते पर ज्ञापन बनाने के लिए तैयार है। हालांकि इसके बावजूद यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि जल्दी कोई ठोस समझौता हो पाएगा क्योंकि पुतिन अभी भी मूल कारणों पर जोर दे रहे हैं। युद्ध के मूल कारणों को तलाशना होगाव्लादिमीर पुतिन ने इस बात पर जोर दिया है कि किसी भी समाधान के लिए युद्ध के मूल कारणों पर बात करना जरूरी है। रूस का कहना है कि यूक्रेन का यूरोप से नजदीकियां बढ़ाना युद्ध का एक अहम कारण रहा है। दूसरी ओर ट्रंप ने कई बार ऐसे संकेत भी दिए हैं कि अगर उनको सफलता नहीं मिलती है तो वह बातचीत से पीछे हट सकते हैं।अमेरिका इस युद्ध से अपना हाथ खींच लेता है तो यूक्रेन को सैन्य और खुफिया मदद मिलना बंद हो जाएगी। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को इसकी चिंता है। जेलेंस्की ने ट्रंप और पुतिन की बातचीत के बाद जोर देकर कहा कि हम सभी के लिए यह जरूरी है कि अमेरिका बातचीत और शांति की खोज से दूर ना जाए। ट्रंप दे रहे रूस को ऑफरट्रंप रूस को शांति समझौते के लिए मनाने के लिए कई तरह के ऑफर दिए हैं। इसमें रूस के प्रतिबंध कम करना, नए व्यापार समझौते और आर्थिक निवेश शामिल है। उनका मानना है कि इससे पुतिन शांति समझौते की ओर बढ़ेंगे। दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने रूस को चेतावनी नहीं दी है कि अगर वह शांति समझौते के लिए तैयार नहीं होता है तो उसके क्या नकारात्मक परिणाम होंगे। सोमवार को ट्रंप और पुतिन की बातचीत के बाद भी शांति समझौता नजदीक नहीं लग रहा है।
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