नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार (2 नवंबर) की रात ऐसा इतिहास रच दिया है, जिसकी चर्चा आने वाले कई सालों तक होती रहेगी। तीन बार महिला विश्व कप फाइनल में पहुंचकर वर्ल्ड चैंपियन बनने से चूक चुकी टीम इंडिया ने इस बार मौका नहीं गंवाया। हरमनप्रीत कौर एंड कंपनी ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ विश्व कप फाइनल में बेहतरीन खेल दिखाते हुए 52 रन की जीत हासिल की और अपना पहला खिताब जीत लिया है। साल 1973 में पहली बार खेले गए महिला विश्व कप का खिताब जीतने का टीम इंडिया का 52 साल का इंतजार भी इसके साथ ही खत्म हो गया है। टीम इंडिया की इस जीत में कई प्लेयर्स ने खास योगदान दिया है।
शेफाली वर्मा ने पहले बल्ले से रिकॉर्डतोड़ 87 रन की पारी खेली तो फिर गेंदबाजी करते हुए 2 अहम विकेट भी ले दिए। प्लेयर ऑफ द सीरीज बनीं दीप्ति शर्मा ने 58 रन ठोकने के बाद 5 विकेट चटका दिए। इनके अलावा एक युवा प्लेयर ऐसी भी थी, जिसके योगदान के बिना शेफाली और दीप्ति की मेहनत बेकार हो जाती, क्योंकि साउथ अफ्रीकी कप्तान लौरा वाल्वार्डट फाइनल में भी शतक ठोककर सेमीफाइनल जैसा कारनामा दोहराने की तैयारी में थी। यह युवा प्लेयर थी अमनजोत कौर, जिसने दीप्ति की गेंद पर लौरा का बेहद हैरतअंगेज कैच लपककर मैच को पलट दिया। इसके बाद साउथ अफ्रीकी टीम को समेटने में भारतीय गेंदबाजों ने देर नहीं की और टीम इंडिया चैंपियन बन गई।
जीत के बाद सामने आया चौंकाने वाला सचभारतीय महिलाओं के इतिहास रचने के बाद अमनजोत कौर के पिता ने ऐसा शॉकिंग सच सबको बताया, जो आपको भावुक और हैरान कर देगा। उन्होंने टूर्नामेंट के दौरान अपने परिवार पर आए संकट की जानकारी सभी के साथ साझा की और बताया कि कैसे उनके परिवार ने देश के लिए खेल रही अमनजोत से इस संकट के बारे में छिपाकर रखा।
अमनजोत की दादी को आया था हार्ट अटैकअमनजोत के पिता भूपिंदर सिंह ने बताया कि टूर्नामेंट के दौरान उनकी मां यानी अमनजोत की दादी को हार्ट अटैक आया था। उन लोगों ने इसकी जानकारी भारतीय ऑलराउंडर को नहीं देने का निर्णय लिया ताकि वह वर्ल्ड कप में परफॉर्म करने पर फोकस कर सके। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा,'मेरी मां भगवंती का अपनी पोती अमनजोत के साथ बेहद गहरा नाता है। जिस दिन से अमनजोत ने मोहाली में सड़कों पर और फेस-5 में हमारे घर के करीब पार्क में क्रिकेट खेलने के लिए जाना शुरू किया था, तब से उसकी दादी उसके साथ रही हैं। जब मैं बालोंगी में अपनी कारपेंटर की दुकान पर काम करता था तो उसकी दादी घर के बाहर बैठकर या पार्क में जाकर अमनजोत के लड़के हों या लड़कियां, सबके साथ खेलने का ध्यान रखती थीं।' भूपिंदर ने आगे कहा,'उसकी दादी को पिछले महीने हार्ट अटैक आया था, लेकिन हमने अमनजोत को इस बारे में नहीं बताया। कुछ दिन अस्पताल में रखकर उसकी दादी का इलाज भी किया गया। हमारे लिए ऐसे तनाव वाले समय में वर्ल्ड कप जीत निश्चित तौर पर मरहम की तरह सामने आई है।'
अमनजोत ने लौरा का कैच पकड़कर बदला मैचवर्ल्ड कप फाइनल में टारगेट चेज कर रही साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वाल्वार्डट अकेले दम पर मुकाबला कर रही थीं। लौरा ने सेमीफाइनल के बाद फाइनल में भी शतक पूरा किया। ऐसा लग रहा था कि जिस तरह सेमीफाइनल में लौरा ने शतक लगाकर इंग्लैंड से वर्ल्ड कप फाइनल का टिकट छीन लिया था, उसी तरह फाइनल में भारत से ट्रॉफी छीनने जा रही हैं। लेकिन 42वें ओवर की दूसरी गेंद पर नजारा बदल गया। दीप्ति की गेंद पर लौरा ने धैर्य खोया और गेंद हवा में उछली। लगभग असंभव से लग रहे कैच को पकड़ने की कोशिश में अमनजोत पहले चूकीं, लेकिन उन्होंने नीचे गिर रही गेंद को दोबारा लपककर कमाल कर दिया। हर कोई हैरान रह गया। इस कैच ने लौरा को पवेलियन भेजा और भारत की जीत तय कर दी।
कैच के लिए अमनजोत ने कही ये बातअमनजोत ने मैच के बाद इस कैच को लेकर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा,'हम जानते थे कि यह कैच हमारे लिए कितना अहम है। मेरी जिंदगी में पहली बार मैं इस बात से खुश हूं कि मुझे इस कैच को पकड़ने का दोबारा मौका मिला। मेरे पास भावना जाहिर करने के लिए शब्द नहीं है, लेकिन मेरे लिए इसके बड़े मायने हैं। आप देख सकते हैं कि भीड़ में सभी जोश में उत्साह बढ़ा रहे हैं। हमने इतिहास रच दिया है। यह भारतीय क्रिकेट के अगले स्तर पर जाने की महज एक शुरुआत है।'
शेफाली वर्मा ने पहले बल्ले से रिकॉर्डतोड़ 87 रन की पारी खेली तो फिर गेंदबाजी करते हुए 2 अहम विकेट भी ले दिए। प्लेयर ऑफ द सीरीज बनीं दीप्ति शर्मा ने 58 रन ठोकने के बाद 5 विकेट चटका दिए। इनके अलावा एक युवा प्लेयर ऐसी भी थी, जिसके योगदान के बिना शेफाली और दीप्ति की मेहनत बेकार हो जाती, क्योंकि साउथ अफ्रीकी कप्तान लौरा वाल्वार्डट फाइनल में भी शतक ठोककर सेमीफाइनल जैसा कारनामा दोहराने की तैयारी में थी। यह युवा प्लेयर थी अमनजोत कौर, जिसने दीप्ति की गेंद पर लौरा का बेहद हैरतअंगेज कैच लपककर मैच को पलट दिया। इसके बाद साउथ अफ्रीकी टीम को समेटने में भारतीय गेंदबाजों ने देर नहीं की और टीम इंडिया चैंपियन बन गई।
जीत के बाद सामने आया चौंकाने वाला सचभारतीय महिलाओं के इतिहास रचने के बाद अमनजोत कौर के पिता ने ऐसा शॉकिंग सच सबको बताया, जो आपको भावुक और हैरान कर देगा। उन्होंने टूर्नामेंट के दौरान अपने परिवार पर आए संकट की जानकारी सभी के साथ साझा की और बताया कि कैसे उनके परिवार ने देश के लिए खेल रही अमनजोत से इस संकट के बारे में छिपाकर रखा।
अमनजोत की दादी को आया था हार्ट अटैकअमनजोत के पिता भूपिंदर सिंह ने बताया कि टूर्नामेंट के दौरान उनकी मां यानी अमनजोत की दादी को हार्ट अटैक आया था। उन लोगों ने इसकी जानकारी भारतीय ऑलराउंडर को नहीं देने का निर्णय लिया ताकि वह वर्ल्ड कप में परफॉर्म करने पर फोकस कर सके। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा,'मेरी मां भगवंती का अपनी पोती अमनजोत के साथ बेहद गहरा नाता है। जिस दिन से अमनजोत ने मोहाली में सड़कों पर और फेस-5 में हमारे घर के करीब पार्क में क्रिकेट खेलने के लिए जाना शुरू किया था, तब से उसकी दादी उसके साथ रही हैं। जब मैं बालोंगी में अपनी कारपेंटर की दुकान पर काम करता था तो उसकी दादी घर के बाहर बैठकर या पार्क में जाकर अमनजोत के लड़के हों या लड़कियां, सबके साथ खेलने का ध्यान रखती थीं।' भूपिंदर ने आगे कहा,'उसकी दादी को पिछले महीने हार्ट अटैक आया था, लेकिन हमने अमनजोत को इस बारे में नहीं बताया। कुछ दिन अस्पताल में रखकर उसकी दादी का इलाज भी किया गया। हमारे लिए ऐसे तनाव वाले समय में वर्ल्ड कप जीत निश्चित तौर पर मरहम की तरह सामने आई है।'
अमनजोत ने लौरा का कैच पकड़कर बदला मैचवर्ल्ड कप फाइनल में टारगेट चेज कर रही साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वाल्वार्डट अकेले दम पर मुकाबला कर रही थीं। लौरा ने सेमीफाइनल के बाद फाइनल में भी शतक पूरा किया। ऐसा लग रहा था कि जिस तरह सेमीफाइनल में लौरा ने शतक लगाकर इंग्लैंड से वर्ल्ड कप फाइनल का टिकट छीन लिया था, उसी तरह फाइनल में भारत से ट्रॉफी छीनने जा रही हैं। लेकिन 42वें ओवर की दूसरी गेंद पर नजारा बदल गया। दीप्ति की गेंद पर लौरा ने धैर्य खोया और गेंद हवा में उछली। लगभग असंभव से लग रहे कैच को पकड़ने की कोशिश में अमनजोत पहले चूकीं, लेकिन उन्होंने नीचे गिर रही गेंद को दोबारा लपककर कमाल कर दिया। हर कोई हैरान रह गया। इस कैच ने लौरा को पवेलियन भेजा और भारत की जीत तय कर दी।
कैच के लिए अमनजोत ने कही ये बातअमनजोत ने मैच के बाद इस कैच को लेकर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा,'हम जानते थे कि यह कैच हमारे लिए कितना अहम है। मेरी जिंदगी में पहली बार मैं इस बात से खुश हूं कि मुझे इस कैच को पकड़ने का दोबारा मौका मिला। मेरे पास भावना जाहिर करने के लिए शब्द नहीं है, लेकिन मेरे लिए इसके बड़े मायने हैं। आप देख सकते हैं कि भीड़ में सभी जोश में उत्साह बढ़ा रहे हैं। हमने इतिहास रच दिया है। यह भारतीय क्रिकेट के अगले स्तर पर जाने की महज एक शुरुआत है।'
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