हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दम भरती है। लेकिन प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में खाली चल रहे 2500 नर्सों के पदों को नहीं भर रही है। प्रदेश की सुक्खू सरकार इन अस्पतालों में बैचवाइज व कमीशन के आधार पर भर्ती करने के बजाय आउटसोर्स पर भर्ती कर रही है। सुक्खू सरकार द्वारा आउटसोर्स पर की जा रही भर्ती का हिमाचल प्रदेश नर्स एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया है।
भविष्य की सता रही चिंता
एसोसिएशन की अध्यक्ष शिवानी शर्मा व अन्य सदस्यांे ने कहा कि सुक्खू सरकार के इस फैसले से उन्हें अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में नर्सों के 1300 और मेडिकल कॉलेजों में 1200 पद खाली पड़े हुए हैं। इन पदों को सरकार बैचवाइज या कमीशन आधार पर नहीं भर रही है।
बैचवाइज या कमीशन आधार पर हो भर्ती
शिवानी शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार नर्सें नर्सिंग के क्षेत्र में आने वाले समय में नियमित रोजगार के अवसरों की कमी के कारण चिंता में हैं। उन्होंने सुक्खू सरकार से मांग की है कि अस्पतालों में नर्सों के रिक्त पदों को आउटसोर्स की बजाय बैचवाइज या कमीशन के आधार पर भरा जाए। ताकि नर्सों का भविष्य भी सुरक्षित हो सके।
एसोसिएशन ने कहा कि एचपीटीयूएनए ने सरकार की प्रस्तावित आऊटसोर्सिंग योजना की निंदा की है और अनुरोध किया है कि पदों को भर्ती और पदोन्नति आर एंड पी नियमों के अनुसार की जाए। क्योंकि एसोसिएशन आउटसोर्स का विरोध करती है और स्टाफ नर्सों की नियमित भर्ती की वकालत करती है।
एसोसिएशन ने प्रदेश के अस्पतालों में खाली चल रहे 2500 नर्सों के पदों को आउटसोर्स के आधार पर भरने का विरोध किया है। उनका कहना है कि आउटसोर्स पर भर्ती नर्सिंग पेशे के लिए घातक है। एसोसिएशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल से अनुरोध किया है कि स्थिति पर ध्यान दें तथा भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के के आधार पर रिक्त पदों को भरें।
सुक्खू सरकार ने कोविड में निकाली नर्सों को नियुक्ति के दिए हैं निर्देश
बता दें कि अभी दो दिन पहले ही सीएम सुक्खू ने कोविड 19 के दौरान प्रदेश के अस्पतालों में सेवाएं दे चुकी नर्सों को दोबारा नियुक्ति देने का निर्णय लिया है। जिसको लेकर उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं। इन नर्सों की सेवाएं सरकार ने साल 2023 में समाप्त कर दी थीं। लेकिन अब इन्हें एक बार फिर शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नियुक्ति देने का निर्णय लिया है। लेकिन बड़ी बात यह है कि इन सभी नर्सों को नियुक्ति आउटसोर्स यानी ठेके और कंपनियों के माध्यम से दी जाएगी। जिसका हिमाचल प्रदेश नर्स एसोसिएशन विरोध कर रही है।
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